मंदसौर। मानसून के पहले दौर में मालवा के कुछ जिले पानी से तर-बतर हैं तो कुछ जिले पानी के लिए तरस रहे हैं. मंदसौर और नीमच जिले में इंद्रदेव रूठे हुए हैं. यहां के किसानों के साथ ही सभी लोग काफी चिंतित हो गए हैं. पिछले दो हफ्ते से मंदसौर की किसी भी तहसील में भरपूर बारिश नहीं हुई है. इन हालातों से लोगों के चेहरे मुरझा गए हैं. लोगों ने अब रूठे हुए इंद्र को मनाने के लिए टोने-टोटके शुरू कर दिए हैं. मंदसौर के लोगों ने शमशान घाट पहुंचकर गधों की सवारी की.
पहले गधे की सवारी की, फिर बुवाई करवाई
लोगों ने गधों की सवारी करने के बाद उन्हें जोतकर बुवाई करवाई. माना जाता है कि इस टोटके से इंद्र देवता खुश होते हैं और इलाके में भरपूर बारिश होती है. गुरुवार रात मंदसौर के चंद्रपुरा इलाके के लोगों ने इस साल भी रूठे हुए मानसून को मनाने के लिए श्मशान घाट पहुंचकर टोटका किया. यहां जब भी बरसात का अभाव होता है, तब ग्रामीण इस टोटके को करते हैं. इसके तहत गधों से बीजो की बुवाई करवाते हैं. श्मशान घाट में जहां मुर्दे जलाए जाते हैं वहां पहले गधों को ले जाकर उस पर गांव के प्रधान और सत्ता के प्रतिनिधि को अर्धनग्न करके उनकी सवारी करवाई जाती है.
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बैलों की जोड़ी के स्थान पर गधों का इस्तेमाल
इसके बाद उन्हीं गधों को बैलों की जोड़ी के स्थान पर जोतकर फिर गांव की ओर मुंह करते हुए उनसे श्मशान घाट की जमीन में बीजों की बुवाई करवाई जाती है. माना जाता है कि मानसून के रूठने के बाद प्रकृति और जीव जंतुओं का अंत तय है. इसलिए इस अंत से बचने के लिए यहां के लोग सदियों से नई शुरुआत करने के इस टोटके को करते चले आए हैं. इस बार भी चंद्रपुरा के प्रधान शैलेंद्र गिरी गोस्वामी ने टोटके किए.