भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी 'लाड़ली बहना योजना' को लेकर कई प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव दावा कर रहे हैं कि किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा. वहीं, इस योजना को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं. पहला कयास ये है कि लाड़ली बहना योजना की राशि फिर से बढ़ाई जाएगी. यानि अभी जो 1250 रुपये प्रत्येक लाभार्थी को मिल रहे हैं, इसमें सीधे 1000 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी सरकार जल्द ही करने जा रही है. दूसरा कयास ये है कि सीधे एक हजार रुपये बढ़ोत्तरी न करके सरकार धीरे-धीरे करके ढाई-ढाई सौ रुपये बढ़ाएगी.
क्या लाभार्थियों की छंटनी करेगी सरकार
लाड़ली बहना योजना को लेकर तीसरा कयास ये है कि इस योजना का नए सिरे से परीक्षण किया जाएगा. यानि गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को ये राशि मिलेगी. इसके लिए संभव है कि व्यापक स्तर पर लाभार्थियों की छंटनी होगी. वहीं, सबसे बड़ा कयास ये लगाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इसे बंद कर दिया जाएगा. क्योंकि मध्यप्रदेश वैसे ही कर्ज के दलदल में फंसा है. हर दो माह में कर्ज लेकर सरकार वेतन का इंतजाम करती है. इस कयास को इसलिए बल मिल रहा है कि आगामी साढ़े 4 साल तक अब बीजेपी को मध्यप्रदेश में किसी चुनाव का सामना नहीं करना है. विधानसभा चुनाव के लिए करीब साढ़े 4 साल हैं तो लोकसभा चुनाव के लिए 5 साल. नगरीय निकाय चुनाव जरूर 2027 के अंतिम माह में होंगे. इसलिए योजना को सरकार बंद भी कर सकती है.
एमपी में गेमचेंजर साबित हुई लाड़ली बहना योजना
गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना ने ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मध्यप्रदेश में अप्रत्याशित जीत दी है. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना की राशि बढ़ाकर 3 हजार तक करने का वादा किया था. 1 हजार से शुरू हुई योजना की राशि 1250 कर दी गई थी. इस योजना के सहारे बीजेपी ने महिला वोट बैंक को साध लिया. इसी का नतीजा है कि सारे अनुमानों को धता बताते हुए बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल कर 166 सीटें अपनी झोली में कर ली थी. वहीं, लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटें बीजेपी ने जीती.
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कर्ज में दबी सरकार क्या योजना जारी रखेगी
मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना के तहत 1 करोड़ 30 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है. इस प्रकार हर महिला को 1250 रुपये देने से मध्यप्रदेश सरकार पर हर माह करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है. पहले से ही 3 लाख करोड़ के कर्ज में फंसी मध्यप्रदेश सरकार के लिए ये योजना जारी रखना बहुत मुश्किल दिख रहा है. क्योंकि राज्य सरकार को हर दो माह में कहीं न कहीं से कर्जा लेना पड़ रहा है. लाड़ली बहना योजना से सरकार का बजट गड़बड़ाया है. लाड़ली बहना योजना के कारण कई योजनाएं ठप पड़ चुकी हैं.