उदयपुर: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा में चित्तौड़गढ़ के मीरा स्मृति संस्थान के विकास की बात रखी. शून्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही में भाग लेते हुए उन्होंने केन्द्र सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया.
सांसद जोशी ने कहा कि मोदी सरकार में इस मंत्रालय में विगत वर्षों में स्वदेश दर्शन योजना, प्रासाद योजना, हृदय योजना आदि के माध्यम से देश के वीरता एवं शौर्य के साथ साथ भक्ति एवं आध्यात्म से जुड़े स्थलों का विकास करवाया है. अभी भारत सरकार भक्तशिरोमणी मीरांबाई के 525वें जन्मोत्सव को धूमधाम से पूरे देश में मना रही है. मीराबाईं का संबध राजस्थान के चार प्रमुख स्थानों से रहा है, पहला, मेड़ता, जहां उनका जन्म हुआ. दूसरा, चित्तौड़गढ़ जहां उनका विवाह हुआ. तीसरा, वृन्दावन जहां उन्होंने भक्ति की और चौथा स्थान द्वारिका है, जहां वे भगवान में समा गई थी.
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सांसद जोशी ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि आने वाले समय में मीराबाई की जीवनी, कार्यों एवं भक्ति पर न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में काफी अध्ययन एवं खोज हो रही हैं. चित्तौड़गढ़ में मीराबाईं पर विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय है. मीरा स्मृति संस्थान में इस पर अध्ययन एवं खोज लगातार होती रहती है. संस्थान विगत कई वर्षों से इस पर कार्यक्रम करवाता रहा है. सांसद जोशी ने केन्द्र सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय से मीरा के 525वें जन्मोत्सव के अवसर पर चित्तौड़गढ़ स्थित मीरा स्मृति संस्थान के विकास की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान के पास आवश्यक जमीन भी उपलब्ध है. इस स्थान को इस मंत्रालय की योजना में शामिल करते हुए उसको विकसित किया जाने का आग्रह किया. इससे देश दुनिया से आने वाले भक्त एवं शोधार्थी मीरा दर्शन का लाभ उठा सकें.