भोपाल: मध्यप्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव के पहले होने वाले परिसीमन में विधानसभा सीटें बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. इसको देखते हुए कांग्रेस ने अभी से सक्रिय महिलाओं की तलाश शुरू कर दी है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 'इंदिरा फेलोशिप' अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान के जरिए कांग्रेस प्रदेश में पंचायत से लेकर विधानसभा तक सक्रियता से काम करने वाली महिलाओं का चयन करेगी. विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि, ''इस अभियान के जरिए कांग्रेस प्रदेश में नई महिला लीडरशिप तैयार करेगी.''
नई महिला लीडरशिप होगी तैयार
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष मितेन्द्र दर्शन सिंह ने कहा कि, ''इस अभियान के तहत महिलाओं को उनके हक के प्रति और समाज के विभिन्न मुद्दों को लेकर जागरूक किया जाएगा. आज 50 फीसदी सरकारी योजनाओं और नौकरियों में महिलाओं का हक है. इस इंदिरा फेलोशिप के जरिए उन महिलाओं को चयनित किया जा रहा है, जो ब्लॉक, पंचायत, जनपद में जुनून के साथ काम कर रही हैं और उनके राजनीति में सेवा भाव के साथ काम करने का जज्बा है.''
सक्रिय महिलाएं राजनीति में आएं- सिंघार
पिछले साल इस अभियान के तहत 300 लोगों में से 30 महिलाओं को चिन्हित किया गया था. इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई कि समाज के विभिन्न मुद्दों को लेकर कैसे काम किया जाना है. उधर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि, ''चुनाव के दौरान कई बार नेता घर की महिलाओं को चुनाव में आगे कर देते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि सक्रिय महिलाएं राजनीति में आएं और वे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मजबूती के साथ काम करें. इसके लिए कांग्रेस का इंदिरा फेलोशिप शक्ति अभियान निर्णायक साबित होगा.''
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आज भोपाल PCC कार्यालय में महिलाओ के हक और हिस्सेदारी के लिए इंदिरा फैलोशिप को लेकर प्रेस वार्ता की
— Umang Singhar (@UmangSinghar) October 3, 2024
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असक्षम अधिकारियों को फील्ड से हटाए सरकार
उमंग सिंघार ने कहा, ''जिस तरह से इंदौर में कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, यह बेहद आपत्तिजनक है. बीजेपी का ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि प्रदेश में अपराध कैसे कम हो. बीजेपी का लॉ एंड ऑर्डर की तरफ ध्यान जाना चाहिए. मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान भी कहा था कि लॉ एंड ऑर्डर न संभाल पाने वाले अधिकारियों को मुख्यालय में पदस्थ किया जाए और अच्छे अधिकारियों को फील्ड में पदस्थ किया जाए. आज परिवारों में अपने बच्चों को लेकर असुरक्षा की भावना पैदा हुई है. गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं, जिस तरह से घटना हुई है, उससे लगता है कि या तो मुख्यमंत्री इसे संभाल नहीं पा रहे या फिर असक्षम अधिकारी फील्ड में पदस्थ हैं.''