भोपाल। क्या एमपी में कांग्रेस की सबसे बड़ी टूट 6 अप्रैल को होने जा रही है. क्या एमपी के राजनीतिक इतिहास का एक दिन में होने वाला सबसे बड़ा सदस्यता अभियान का रिकार्ड बनाने की तैयारी में है बीजेपी. क्या कांग्रेस की सबसे बड़ी टूट होना बाकी है. अब तक अकेले एमपी में कांग्रेस और अन्य दलों से बीजेपी की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं का आंकड़ा 18 हजार पर पहुंच चुका है, जो देश में सबसे बड़ा आंकड़ा है. पार्टी 6 अप्रैल को हर बूथ पर सदस्यता दिलाने के साथ एक लाख लोगों को जोड़ने का सदस्यता अभियान चलाएगी. कहा जा रहा है कि इस दौरान कांग्रेस के विधायक भी टूट सकते हैं.
कांग्रेस से बड़ी टूट अभी बाकी है...
एमपी में हर हफ्ते हो रहे दल बदल के बाद क्या कांग्रेस की सबसे बड़ी टूट अभी बाकी है. 6 अप्रैल को जब भाजपा एमपी में अपना स्थापना दिवस मना रही होगी तब पार्टी प्रदेश के हर बूथ पर लोगों को सदस्यता दिलवाएगी, जिसका टारगेट करीब एक लाख है. माना जा रहा है कि इसी दिन कांग्रेस में बड़ी टूट हो सकती है और इस दिन पूर्व विधायकों के साथ कांग्रेस के विधायक भी बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं. पार्टी के न्यू ज्वाइनिंग टोली के संयोजक नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि "कांग्रेस में अब कोई टिकना नहीं चाहता. वहां से बीजेपी की ओर आने वालों की कतार लगी हुई है. यही वजह है कि दो महीने के भीतर ही एमपी में 18 हजार लोग बीजेपी की सदस्यता ले चुके हैं."
6 अप्रैल को बीजेपी सदस्यता का रिकार्ड बनाएगी
बीजेपी आम चुनाव के बीच आ रहे पार्टी के स्थापना दिवस को एमपी में सदस्यता का रिकार्ड बनाने की तैयारी में है. न्यू ज्वाइनिग टोली के संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि हर बूथ पर सदस्यता होगी. इस तरह से 65 हजार 523 बूथ पर नए सदस्यों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि पूरे प्रदेश में हर बूथ पर बीजेपी 6 अप्रैल को एक लाख नए लोग पार्टी के परिवार में जोड़ेगी.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस की टूट रोकने का नहीं मिल रहा 'फेविकॉल', विदिशा में एक साथ सैकड़ों कांग्रेसी भाजपा के हुए कभी पीएम मोदी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी, अब बीजेपी में शामिल हो गये ये कांग्रेसी |
2020 से शुरू हुआ कांग्रेस की टूट का सिलसिला
एमपी में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने दलबदल किया, तो उसके साथ जो कांग्रेस में टूट का सिलसिला शुरू हुआ तो ये टूट 28 सीटों के उपचुनाव तक पहुंची. फिर छोटे छोटे अंतराल के बाद टूट जारी रही. लेकिन नेताओं के बयानों में ये दावे जरूर होते रहे कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी में शामिल होने को तैयार बैठे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान से ये भगदड़ कांग्रेस में फिर शुरू हुई और इस बार तो रफ्तार इतनी तेज है कि देश में सबसे ज्यादा कांग्रेसी एमपी में ही टूटे हैं.