पंचकूला: पंचकूला में कई सरकारी विभागों के अनेक कार्यालय हैं. शहर की बहुमंजिला इमारतों में बैठकर कर्मचारी-अधिकारी राज्य भर के विभिन्न मामलों को हैंडल करते हैं, लेकिन अचरज की बात यह है कि अधिकांश सरकारी विभागों ने नगर निगम में अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराया है. टैक्स की यह धनराशि कोई मामूली नहीं, बल्कि करोड़ रुपए है. लेकिन अब नगर निगम पंचकूला शहर में मौजूद सभी सरकारी विभागों से संपत्ति कर की वसूली करने की रणनीति बना चुका है.
डिफॉल्टरों को अंतिम नोटिस: नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स की अदायगी नहीं करने वाले सरकारी विभागों व अन्यों से वसूली की कार्रवाई शुरू करने जा रहा है. इससे पहले निगम द्वारा डिफॉल्टरों को अंतिम नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की गई है. हालांकि नगर निगम की टीम कर वसूली के लिए अंतिम पड़ाव तक की रणनीति बना चुकी है, लेकिन अचरज है कि निगम द्वारा सरकारी कार्यालयों के भवनों पर बकाया कर की वसूली के लिए कई नोटिस देने के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.
सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान: सरकारी विभागों द्वारा करोड़ों रुपए प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराने से सरकारी खजाने पर दोहरा बोझ पड़ रहा है. कर की वसूली के लिए निगम की ओर से जल्द ही कार्यालयों को नोटिस जारी किए जाएंगे. हैरान करने वाला तथ्य यह है कि लोगों/संस्थाओं/उद्योगपतियों व अन्यों के टैक्स का हिसाब-किताब रखने वाले पंचकूला स्थित आयकर विभाग की ओर से भी अपने कर की अदायगी नहीं की गई है. सेक्टर 20 स्थित आयकर विभाग के रिहायशी स्थल पर निगम का 2,39,140 रुपये संपत्ति कर बकाया है. हालाकि निगम की ओर से अब तक संपत्ति कर के रूप में करीब 11 करोड़ रूपये वसूले गए हैं, लेकिन चालू वित्त वर्ष के आगामी 5 महीने में यह धनराशि 18 करोड़ से अधिक पहुंच सकती है.
इन विभागों पर भारी संपत्ति कर बकाया: भारत सरकार के रक्षा विभाग रामगढ़ पर 2,71,71,531₹, सेक्टर 30 आईटीबीपी पर 2,51,51,135₹, एमडीसी में सोयल वॉटर कंजर्वेशन पर 2,12,57,700₹, पुलिस कॉलोनी 1,11,46,875₹, सीबीएसई बोर्ड सेक्टर 5 पर 46,83,503₹, एचएसवीपी की रेजिडेंश्यिल बिल्डिंग सेक्टर 2 माजरी चौक पर 40,04992₹, जयसिंहपुरा में एचएसवीपी वॉटर वर्कस पर 39,14,889₹, यूथ होस्टल सेक्टर 3 पर 33,00782₹, लघु सचिवालय डीसी ऑफिस पर 25,78181₹, शिक्षा सदन 18,01125₹, बीएंडआर सेक्टर 1, 1350653₹, कृषि भवन सेक्टर 21 पर 12,24310₹, राजीव कालोनी में एचएसवीपी की सरकारी संपत्ति पर 1,16,1198₹, उत्तरी हरियाणा ग्रिड सब-स्टेशन केवी पॉवर कॉलोनी फेज 2 पर 1107686₹, कृषि भवन सेक्टर 21 पर 9,53935₹, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट सेक्टर 32 पर 951533₹, पुलिस कॉलोनी टेली कम्यूनिकेशन क्वार्टरों पर 761250₹, उत्तरी हरियाणा विद्युत वितरण निगम प्लेग्राउंड पॉवर कॉलोनी अटल सेवा केंद्र पर 685086₹, पब्लिक वर्कस डिपार्टमेंट इंडिस्ट्रीयल एरिया फेज 1 व 2 पर 621597₹, डायरेक्टोरेट ऑफ सोशल जस्टिस एम्पॉवरमेंट डीसी कैंप ऑफिस पर 600154₹, वॉटर सप्लाई बूस्टिंग स्टेशन इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1-2 पर 556014₹, किसान भवन सेक्टर 14 पर 515110₹, एचएसवीपी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट गांव टोका आउटर पार्ट 3 पर 435155₹, हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज सेक्टर 4 पर 434625₹, डिपार्टमेंट ऑफ स्पोर्ट्स यूथ अफेयर सेक्टर 3 पर 413781₹, एचएसवीपी सेक्टर 16 मंदिर पर 408238₹, न्यू लॉयर्स चैंबर्स सेक्टर 1 डीसी ऑफिस पर 402171₹, एचएसवीपी सेक्टर 30 में वॉटर सप्लाई बूस्टिंग स्टेशन पर 398062₹, पुलिस कालोनी मोंगीनंद के दूरसंचार पर 393853₹, इंडियन रैड क्रॉस सेक्टर 15 ऑफिस पर 387633₹, एचएसवीपी के गांव कोट में नगली वाला मंदिर के नजदीक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 383941₹, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फेशन टेक्रोलोजी सेक्टर 23 पर 318264₹, गांव चौकी में डिफेंस डिपार्टमेंट के कमांडो ट्रेनिंग सेंटर पर 311972₹, बीएसएनएल सेक्टर 20 एक्सचेंज पर 264314₹, एचएसएएमबी के ग्रेन मार्किट सेक्टर 20 के स्टोरेज गोदाम पर 260839, डिपार्टमेंट ऑफ हॉयर एजुकेशन सेक्टर 2 स्थित डाइट पर 258557₹, स्वास्थ्य विभाग सेक्टर 6 के डीएचएस पर 241109₹, आयकर विभाग सेक्टर 20 पर 239140₹, एचएसवीपी सेक्टर 5 पर 217367₹, सेक्टर 4 स्थित डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडिज पर 217313₹, उत्तरी हरियाणा ग्रिड सब-स्टेशन सेक्टर 22 पर 209110₹ और हरियाणा रोडवेज सेक्टर 5 बस स्टैंड पर 207337₹ प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है.
डिफॉल्टरों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई: नगर निगम के उप आयुक्त अपूर्व चौधरी ने कहा कि 5 लाख या इससे अधिक प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए संपत्ति मालिकों को नोटिस जारी किए जाएंगे. जिले में ऐसे करीब 30 प्रॉपर्टी डिफाल्टरों का पता लगाया है, जिनसे नगर निगम द्वारा नोटिस भेजकर बकाया रकम की वसूली की जा रही है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से किसी योजना की घोषणा किए जाने के उपरांत ही प्रॉपर्टी तक में छूट दी जा सकती है. लेकिन वर्तमान में नगर निगम द्वारा टैक्स डिफाल्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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