मुरैना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पहली बार गुरुवार को मुरैना पहुंचे.जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना, मंत्री राकेश शुक्ला और अन्य विधायक मौजूद रहे. सीएम ने निर्णय लिया कि कैलारस के बंद शक्कर कारखाने में कई किसानों राशि बकाया है. यह बकाया राशि बहुत जल्द किसानों को दी जाएगी. साथ ही कारखाने की जमीन एमएसएमई विभाग को हस्तांतरित करते हुए उद्योग की नई इकाई यहां लगाई जाएगी.
बैठक में क्या हुए निर्णय
बैठक में सीएम मोहन यादव ने कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में उद्योग की नई संभावना को देखते हुए भविष्य में यहां उद्योग लगाने का निर्णय किया है और इससे अधिकारियों को अवगत कराया. उन्होंने कैलारस में बंद पड़ी शक्कर कारखाने की जमीन को एमएसएमई विभाग को हस्तांतरित करने के आदेश दिए हैं साथ ही निर्णय लिया है कि यहां उद्योग की नई इकाई लगाई जाएगी.
एमपी के 13 जिलों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि दो बड़ी परियोजनाएं खासकर पार्वती, चंबल, काली सिंध परियोजना का दो तीन दिन पहले राजस्थान सरकार के साथ समझौता हुआ है उसके कारण पूरा चंबल संभाग और मध्यप्रदेश के 13 जिले लाभान्वित होंगे. इस योजना में लगभग 75 हजार करोड़ की स्थानीय राज्य सरकार को केंद्र की तरफ से मदद मिलने वाली है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में पेय जल की दृष्टि से, सिंचाई की दृष्टि से यह क्षेत्र एक अलग प्रकार का रूप ले लेगा.
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टूरिज्म की अपर संभावनाएं
एलिवेटेड रोड और मुरैना के शनिश्चरा मंदिर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि एलिवेटेड रोड नितिन गडकरी की मौजूदगी में नरेंद्र सिंह तोमर यहां लेकर आए हैं. यहां शनिश्चरा का जो मंदिर है वहां टूरिज्म की अपर संभावनाएं है. उन्होंने कहा कि कई सेक्टर हैं उन सबमें सरकार काम करेगी. पर्यटन परिषदों से कहा कि स्थानीय स्तर के प्रस्ताव भी भिजवाएं जिससे रोजगार को लेकर भी काम हो सके. गिर श्योपुर वाले प्रोजेक्ट से कृषि के क्षेत्र में भी लाभ मिलेगा और दूध उत्पादन में भी. उसमें पशुपालन से जुड़े लोगों को कैसे लाभान्वित कर सकते हैं ऐसे विषयों पर काम करना होगा.