कुल्लू: हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरत प्राकृतिक वादियों के लिए पूरे विश्व भर में खासा पहचान रखता है. यही वजह है कि हर साल यहां के हसीन वादियों को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों सैलानी खींचे चले आते हैं. वहीं, इस साल देश के मैदानी राज्यों में पड़ी भीषण गर्मी की वजह से बड़ी संख्या में पर्यटकों ने हिमालय की गोद में बसे पहाड़ी राज्य हिमाचल का रुख किया. जिसकी वजह से महज 6 महीनों में ही प्रदेश आने वाले पर्यटकों की संख्या 1 करोड़ के पार जा पहुंची.
6 माह में पहुंचे 1 करोड़ से ज्यादा पर्यटक: देश के मैदानी राज्यों में इस साल भीषण गर्मी पड़ी. इस साल पड़ी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने से हिमाचल का पर्यटन कारोबार गुलजार हो गया. बीते 6 माह की बात करें तो हिमाचल में जनवरी से लेकर जून माह तक एक करोड़ से अधिक सैलानियों ने प्रदेश के विभिन्न इलाकों का रुख किया है. जिससे यहां का पर्यटन कारोबार अपने चरम पर रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार को इस बात की भी उम्मीद है कि साल के अंत तक यह आंकड़ा 2 करोड़ पार कर जाएगा. पर्यटन विभाग लगातार पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की सुविधा का ख्याल रख रहा है. हिमाचल प्रदेश में 6 माह में सबसे अधिक पर्यटक जिला कुल्लू में पहुंचे हैं.
पर्यटकों की संख्या में टॉप पर कुल्लू और शिमला: भारत के विभिन्न राज्यों से आए सैलानियों ने हिमाचल प्रदेश में विभिन्न पर्यटन स्थलों का दीदार किया. इसके अलावा विदेशी सैलानियों ने भी पहाड़ों की सैर की. वहीं, बीते सालों की बात करें तो 2019 में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 सैलानी हिमाचल के विभिन्न इलाकों में पहुंचे थे. अब प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि सर्दियों में भी बर्फबारी का मजा लेने के लिए सैलानी हिमाचल के विभिन्न इलाकों का रुख करेंगे. हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो जनवरी से लेकर मई माह तक जिला कुल्लू में 14 लाख 94 हजार 104 देसी सैलानी पहुंचे थे और 3 हजार 819 विदेशी सैलानियों ने भी कुल्लू जिला का रुख किया. वहीं, प्रदेश में दूसरे नंबर पर शिमला जिला रहा. यहां पर मई माह तक 9 लाख 86 हजार 467 देसी सैलानी पहुंचे और 12 हजार 598 विदेशी सैलानियों ने शिमला की वादियों का रुख किया था. ऐसे में जून माह में भी 25,000 से अधिक पर्यटकों की गाड़ियां हिमाचल में रोजाना आते रहे और जून माह में भी लाखों सैलानी प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पहुंचे थे.
जिलेवार प्रदेश में आये पर्यटकों की संख्या: हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो कुल्लू और शिमला जिला के अलावा बिलासपुर में मई माह तक चार लाख 58 हजार 29 देसी सैलानी आए. चंबा जिला में 2 लाख 39 हजार 103, हमीरपुर में 3 लाख 30 हजार 148, कांगड़ा में 3 लाख 48 हजार 778, किन्नौर में 1 लाख 47 हजार 340, लाहौल स्पीति में 4 लाख 71 हजार 734, मंडी में 7 लाख 62 हजार 759, सिरमौर में 6 लाख 9 हजार 500, सोलन में 10 लाख 40 हजार 52 और ऊना जिला में 5 लाख 53 हजार 755 सैलानी आये थे. ऐसे में जनवरी से लेकर मई माह तक का कुल आंकड़ा 74 लाख 32 हजार 769 रहा. जबकि विभिन्न जिला में 5 माह में 32 हजार 415 विदेशी सैलानी आए थे.
पिछले 5 सालों में हिमाचल में आए पर्यटकों की संख्या: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार की अगर बात करें तो साल 2019 में सबसे अधिक 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 सैलानी आये थे. साल 2020 में यह आंकड़ा 32 लाख 13 हजार 379 रहा था. साल 2021 में 56 लाख 37 हजार 102 सैलानी आए थे. साल 2022 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 51 लाख 227 रहा था और साल 2023 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 60 लाख 4 हजार 924 तक पहुंचा था.
इस साल पर्यटकों की संख्या जा सकती है 2 करोड़ के पार: पर्यटन कारोबारी देवराज गौतम ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बाद पर्यटन कारोबार को काफी नुकसान पहुंचा था. लेकिन अब हालात सुधर गए हैं. वही, मनाली किरतपुर फोरलेन के बनने से भी सैलानियों का सफर आसान हुआ है. ऐसे में मौसम ने अगर साथ दिया तो जुलाई माह में भी पर्यटन कारोबार अच्छा रहेगा. इसके अलावा अगर नवंबर माह में पहाड़ों पर बर्फबारी होती है तो दिसंबर माह तक यह आंकड़ा आसानी से 2 करोड़ पार कर जाएगा.
पर्यटकों के आने होटल कारोबारियों में खुशी: पर्यटन नगरी मनाली के होटल कारोबारी चमन कपूर और जसवंत ठाकुर का कहना है कि हिमाचल के पर्यटन स्थल इस साल सैलानियों से गुलजार रहे. हर साल लाखों सैलानी बर्फबारी को देखने के लिए भी विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं. होटल कारोबारी भी सैलानियों की सुविधा का खास ख्याल रखते हैं और सरकार द्वारा भी पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है. ऐसे में सैलानियों की लगातार बढ़ रही संख्या एक अच्छा संकेत है. क्योंकि इससे प्रदेश के लाखों लोगों को भी घर द्वार पर रोजगार मिल रहा है.
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ने बताया कि प्रदेश में इस साल सैलानी काफी संख्या में आए है और बरसात के बाद भी सैलानी प्रदेश के विभिन्न इलाकों का रुख करते है. विभाग को उम्मीद है कि इस साल यह आंकड़ा 2 करोड़ पार कर जाएगा.
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