मुरादाबाद: गुरुवार को मुरादाबाद की जिला अदालत ने पूर्व सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खां की जन्मतिथि को लेकर अपना फैसला सुनाया. मुरादाबाद जिला न्यायालय ने अब्दुल्ला आजम खां की जन्मतिथि (Abdullah Azam's birth date ) 1 जनवरी 1993 को सही माना. अब्दुल्ला आजम अपनी बर्थ डेट 1 जनवरी 1990 बता रहे थे.
फैसला सुनाने के पहले मुरादाबाद जिला न्यायालय ने सुनवाई के दौरान स्कूल, नगर निगम और अस्पताल से दस्तावेज मंगाकर देखे थे. अदालत ने सभी के बयान सुनने के बाद यह फैसला सुनाया. फैसले की कॉपी को जिला न्यायालय ने सुप्रीमकोर्ट कोर्ट को भेज दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मुरादाबाद जिला न्यायालय को जन्मतिथि का निर्धारण करने का आदेश दिया था. अब आगे की कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट में होगी.
करीब सोलह साल पहले 2 जनवरी 2008 को छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग हो रही थी. इस दौरान पुलिस ने पूर्व सपा विधायक अब्दुल्ला आजम की गाड़ी रोकी थी. इसको लेकर काफी जमकर हंगामा हुआ था. इस केस में वरिष्ठ सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम समेत कई सपा नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गयी थी. इस मामले में मुरादाबाद की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम खां को 2-2 साल की सजा सुनाई थी.
बाकी आरोपीयों साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिये गये थे. अब्दुल्ला आजम खां ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. इस अपील में उन्होंने कहा कि वह घटना के वक्त नाबालिग थे. सुप्रीम कोर्ट ने जनपद न्यायाधीश मुरादाबाद को आदेश दिया था कि वह अब्दुल्ला आजम की उम्र का निर्धारण कर रिपोर्ट दें.
जिला शासकीय अधिविक्ता नितिन गुप्ता ने बताया कि अब्दुल्ला आजम की दो जन्मतिथि के मामले में 31 जनवरी 2024 को जिला न्यायाधीश ने जन्मतिथि निर्धारण के सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुरादाबाद आया था. उसके संबंध में जनपद न्यायाधीश ने अपना फैसला दिया है. अब्दुल्ला आजम की दो जन्मतिथि का मामला था. इसमें से उनकी तरफ से 1 जनवरी 1990 जन्मतिथि सही बताया जा रहा था. वही दूसरी जन्मतिथि उनकी 1993 थी. दोनों जन्मतिथि मामले में जिला न्यायालय द्वारा 1993 की जन्मतिथि को सही मानते हुए अपना फैसला दिया है.
इस मामले में जिला न्यायालय ने अब्दुल आजम की मां का बयान लिया, जहां से इन्होंने हाई स्कूल पास किया वहां के प्रिंसिपल का बयान लिया गया. नगर निगम लखनऊ जिस हॉस्पिटल में इन्हें पैदा हुआ बताया गया वहां से रिकार्ड तलब कर उनके बयान लिए गए. सारे बयान सुनने के बाद दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 1993 की जन्मतिथि को सही मानते हुए फैसला सुनाया है. इस फैसले की कॉपी सुप्रीम कोर्ट जाएगी आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है.