करनाल: हरियाणा के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. अप्रैल महीने में किसान गेहूं की फसल की कटाई शुरू कर देंगे. इसके बाद धान की रोपाई तक किसानों के पास केवल दो महीने का समय खाली रहता है. लेकिन अब हरियाणा सरकार और कृषि विभाग की पहल के चलते किसान इन दो खाली महीने में भी 2 महीने की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. जी हां, अब किसान मूंग की 60 दिन की खेती कर मुनाफा कमा सकते हैं. जिसमें नाम मात्र खर्च में किसान खेती शुरू कर सकते हैं.
इस वेबसाइट पर करें पंजीकरण: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक, डॉ वजीर सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकालीन मूंग का एरिया बढ़ाने के लिए विभाग ने जिला करनाल के किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर 06 हजार एकड़ क्षेत्र की बिजाई के लिए 600 क्विंटल ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज का वितरण किया जाना है. वहीं पूरे हरियाणा में 1 लाख एकड़ में मूंग की बिजाई करने का कृषि विभाग का लक्ष्य है. किसानों को हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्रों के माध्यम से बीज वितरित किया जाएगा. 25 प्रतिशत राशि किसान को बीज खरीदते समय पर जमा करवानी होगी. ग्रीष्मकालीन मूंग का बीज प्राप्त करने के लिए किसानों को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल (agriharyana.gov.in) पर जाकर किसान को पंजीकरण करवाना होगा.
बीज खरीदने पर मिलेगी सब्सिडी: उप निदेशक वजीर सिंह ने बताया कि पंजीकरण 10 मार्च से 15 अप्रैल 2024 तक जारी रहेगा. किसानों को बीज देने के बाद विभागीय कमेटी इनका भौतिक सत्यापन करेगी कि क्या किसान ने बीज का उपयोग सही तरीके से किया है या नहीं. उन्होनें बताया कि स्कीम के अनुसार निरीक्षण के दौरान यदि किसान के खेत में मूंग के बीज की बिजाई नहीं की गई तो उस किसान को 75 प्रतिशत अनुदान राशि विभाग में जमा करवाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. यदि वह ऐसा नहीं करता तो वह मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत उसी भूमि पर कृषि विभाग की स्कीमों का लाभ (कृषि मशीनरी व ई-खरीद को छोडक़र) आगामी एक वर्ष तक प्राप्त करने से वंचित हो जाएगा. इस स्कीम के तहत पूरी प्रक्रिया जिले के उपायुक्त महोदय द्वारा उनकी देख-रेख में की जाएगी.
कितनी होती है पैदावार: उप निदेशक वजीर सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकालीन मूंग की एम0एच0 421 वैरायटी किसानों को उपलब्ध करवाई जाएगी. एम0एच0 421 किस्म 60 दिन में पकने वाली पीले पत्ते के प्रति अवरोधक, दाना आकर्षक, चमकीला हरा व मध्य आकार का होता है. जिसकी सामान्यत ग्रीष्मकालीन उपज 4-4.8 क्विंटल प्रति एकड़ व खरीफ में 5.6-6.4 क्विंटल प्रति एकड़ पाई जाती है. एक किसान को अधिकतम 30 किलोग्राम अथवा 03 एकड़ तक का बीज प्राप्त कर सकता है व किसान को पूरे ही एकड़ का बीज मिलेगा. हरियाणा बीज विकास निगम से बीज लेते समय किसान को अपना आधार कार्ड या वोटर कार्ड या किसान कार्ड बिक्री केन्द्र पर प्रस्तुत करना होगा.
ग्रीन खाद के रूप में इस्तेमाल: उन्होंने बताया कि ग्रीन खाद के रूप में प्रयोग करना चाहते हैं, उसके लिए भी है बेहतर अवसर है. क्योंकि हमारी भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए मूंग के खाद का बहुत ही महत्व होता है. ग्रीन खाद के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है. इसमें ऐसी कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो हमारी मिट्टी के लिए फायदेमंद होते हैं मूंग में भारी मात्रा में नाइट्रोजन फास्फोरस पाए जाते हैं. इसको पूरा तैयार करके ट्रैक्टर के साथ मिट्टी में दबा देना चाहिए. जिसे यह खाद के रूप में तब्दील हो जाती है. इससे खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है.
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