जगदलपुर: बस्तर की कांगेर वैली अपनी प्राकृतिक सुंदरता के चलते विश्व विख्यात है. कांगेर वैली में 1 जुलाई से मॉनसून टूरिज्म शुरु हो रहा है. मॉनसून टूरिज्म के जरिये पर्यटक कांगेर वैली की खूबसूरती का दीदार कर सकेंगे. बारिश के मौसम कांगेर वैली की सुंदरता दस गुना बढ़ जाती है. रिहायशी आबादी से दूर कांगेर वैली नेशनल पार्क की सुंदरता को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं.
मॉनसून टूरिज्म में करिए कांगेर वैली का दीदार: मॉनसून टूरिज्म को लेकर कांगेर वैली नेशनल पार्क प्रबंधन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पार्क प्रबंधन के मुताबिक इस मॉनसून टूरिज्म में कई अलग अलग प्रकार की एक्टिविटी भी आयोजित की जाएगी. बीते सालों में मॉनसून के दौरान मोटरसाइकिल से अंतरराज्यीय पर्यटकों को कांगेर वैली नेशनल पार्क से रूबरू करवाया गया जो 3 दिनों तक चला. इस पैकेज में पर्यटकों को होम स्टे कराया गया. इस दौरान पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन परोसे गए. कांगेर वैली नेशनल पार्क को बस्तर का सुंदर दिल कहा जाता है. इस पार्क में कई बड़े जलप्रपात हैं. बड़ी बड़ी और लंबी लंबी सुंदर गुफाएं हैं. नदी नालों की प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज जंगली जानवरों की भी यहां बड़ी संख्या में मौजूदगी है. कांगेर वैली में दुर्लभ पशु पक्षियों का वास है. छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना भी यहां बड़ी संख्या में मिलती हैंय
''यूं तो बारिश के कारण 15 जून से गुफाओं को सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया जाता है. इसके साथ ही तीरथगढ़ जलप्रपात भी बारिश में भयावह हो जाता है. इसके चलते भी करीब से तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने के लिए पर्यटकों पर प्रतिबंध है. कांगेर वाली अपने आप में इतनी सुंदर है कि उसे देखने वाले की नजरें बस ठहर जाती हैं. कांगेर वैली आने वाले पर्यटकों के लिए हर बार की तरह अच्छी व्यवस्था की गई है. होम स्टे से लेकर टूरिस्ट गाइड, बैंबू राफ्टिंग तक की सुविधा दी जाएगी. इन सबके लिए संचालकों से एग्रीमेंट भी किया जा चुका है.'' - चूड़ामणि सिंह, डीएफओ कांगेर
200 वर्ग किलोमीटर में फैला है पार्क: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है. कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला है. कांगेर घाटी ने 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान रुप में सामने आया. ऊँचे पहाड़, गहरी घाटियां, विशाल पेड़ों की लंबी लंबी श्रृंखलाएं और मौसमी जंगली फूलों से ये पूरी घाटी सजी है. वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यहां का वातावरण अनुकूल है. वैली में सागौन और टीक वुड के घने जंगल हैं. बांस के भी घने जंगल यहां मौजूद हैं जिससे वैली की खूबसूरती को चार चांद लग जाते हैं.
चूना पत्थर से बनी गुफाएं करती हैं पर्यटकों को आकर्षित: कांगेर वैली तीन असाधारण गुफाओं का घर है. राष्ट्रीय उद्यान ड्रिपस्टोन और फ्लोस्टोन के साथ भूमिगत चूना पत्थर से बने गुफाओं के लिए जाना जाता है. राष्ट्रीय उद्यान में गुफा, वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के रहने का बेहतरीन ठिकाना है. पर्यटकों का यहां सबसे ज्यादा जो अच्छा लगता है वो है तीरथगढ़ झरना, केंजरधार और भैंसाधार मगरमच्छ पार्क.
- फ्लाइट से कैसे पहुंचें कांगेर वैली : जगदलपुर में हवाई अड्डा होने से बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए यहां पहुंचना आसान है. रायपुर और विशाखापत्तनम के रास्ते भी यहां पहुंचा सकता है. छत्तीसगढ़ में माना एयरपोर्ट पहुंचकर वहां से भी जगदलपुर आया जा सकता है. रायपुर पहुंचकर पर्यटक जगदलपुर का सफर जो करीब 300 किमी का है उसे पूरा कर पहुंच सकते हैं. छत्तीसगढ़ का बस्तर अब भोपाल, इंदौर, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई आदि जैसे प्रमुख शहरों से कनेक्ट है.
- ट्रेन से भी पहुंच सकते हैं कांगेर वैली: जगदलपुर रेलवे लाइन से विशाखापत्तनम और रायपुर से भी जुड़ा हुआ है. रायपुर पहुंचकर आप जगदलपुर के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं और कांगेर वैली पहुंच सकते हैं. विशाखापत्तनम के रास्ते भी आप जगदलपुर के कांगेर वैली जा सकते हैं. ट्रेन के जरिए बस्तर पहुंचने से आप बस्तर के कई मनोरम स्थानों को भी देख सकते हैं. ट्रेन के जरिए हरे भरे बस्तर को देखते हुए कांगेर वैली पहुंचना अपने आप में शानदार अनुभव कराएगा.
- सड़क मार्ग से कैसे पहुंचें:कांगेर वैली राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 30 और रायपुर, भिलाई जैसे कई अन्य राजमार्गों से जुड़ा है. जगदलपुर से कांगेर वैली जाने के लिए नियमित बसें चलती हैं. अगर आप रायपुर से भी बस के जरिए जगदलपुर आते हैं तो आपका सफर और शानदार होगा. रायपुर से जगदलपुर के लिए हर दिन बसें चलती हैं. इन बसों में यात्रा के लिए आपको आसानी से सेम डे टिकट मिल जाता है. जगदलपुर के अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से तेलंगाना राज्य परिवहन निगम की बस जगदलपुर से हैदराबाद, आंध्र प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस जगदलपुर से विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा और राजमंड्री सहित ओडिशा के लिए कनेक्ट करती हैं. कुल मिलाकर पर्टयकों के आने और लौटने का बढ़िया इंतजाम है.