भोपाल। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार की सोच साफ है कि प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को और आगे बढ़ाया जाए. दरअसल, हर महीने राज्य सरकार लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये प्रति हितग्राही डालती है. इसमें कुल 1574 करोड़ रुपये हर माह खर्च होते हैं. इतनी भारी भरकम रकम का इंतजाम करना आसान नहीं लेकिन सरकार अपने बलबूते कर्ज लेकर भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर है.
कुल 23 विभागों के बजट के बराबर लाड़ली बहनों को राशि
मोहन यादव सरकार द्वारा हर महीने 1.29 लाख महिलाओं को 1574 करोड़ रुपये भेजे जा रहे हैं. यानी सालभर में सरकार औसतन 18 हजार करोड़ से अधिक की राशि महिलाओं को देती है. ये राशि 23 विभागों के बजट से अधिक है. इनमें खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग समेत अन्य भारी भरकम बजट वाले विभाग शामिल हैं.
लाड़ली बहनों पर अब तक 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च
बता दें कि, लाड़ली बहना योजना के तहत जून 2023 से पात्र 1.31 लाख महिलाओं को एक हजार रुपये देने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद अक्टूबर 2023 से इसे बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया. अक्टूबर 2024 में 1.29 लाख महिलाओं को लाड़ली बहना की 17वीं किश्त भेजी गई है. अब तक कुल 17 किश्तों में राज्य सरकार लाड़ली बहनों को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर चुकी है. वहीं बीते एक साल की बात करें तो महिलाओं को 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है.