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लाड़ली बहनों की दशहरा दिवाली की तैयारी, 23 विभागों से ज्यादा बजट दे रही मोहन सरकार

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार लाड़ली बहनों पर दिल खोलकर खर्च कर रही है. मकसद एक ही है कि महिलाओं को सशक्त बनाना.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 35 minutes ago

MADHYA PRADESH TOTAL DEBT
23 विभागों पर भारी लाड़ली बहना योजना (ETV Bharat)

भोपाल। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार की सोच साफ है कि प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को और आगे बढ़ाया जाए. दरअसल, हर महीने राज्य सरकार लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये प्रति हितग्राही डालती है. इसमें कुल 1574 करोड़ रुपये हर माह खर्च होते हैं. इतनी भारी भरकम रकम का इंतजाम करना आसान नहीं लेकिन सरकार अपने बलबूते कर्ज लेकर भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर है.

कुल 23 विभागों के बजट के बराबर लाड़ली बहनों को राशि
मोहन यादव सरकार द्वारा हर महीने 1.29 लाख महिलाओं को 1574 करोड़ रुपये भेजे जा रहे हैं. यानी सालभर में सरकार औसतन 18 हजार करोड़ से अधिक की राशि महिलाओं को देती है. ये राशि 23 विभागों के बजट से अधिक है. इनमें खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग समेत अन्य भारी भरकम बजट वाले विभाग शामिल हैं.

MOHAN GOVT 2 MONTHS DEBT 15000 CR
मोहन यादव ले रही कर्ज (ETV Bharat)

23 विभागों को मिलने वाले बजट की डिटेल
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग - 1516 करोड़ रुपए

पशुपालन एवं डेयरी विभाग - 2150 करोड़ रुपए

सहकारिता विभाग - 1994 करोड़ रुपए
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग - 519 करोड़ रुपए
मछुआ कल्याण एवं मतस्य विभाग - 230 करोड़ रुपए
आयुष विभाग - 845 करोड़ रुपए
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय - 159 करोड़ रुपए
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग - 2666 करोड़ रुपए
खेल एवं युवा कल्याण विभा - 586 करोड़ रुपए
विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विभाग - 472 करोड़ रुपए
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग - 1656 करोड़ रुपए
घुमंतु एवं अर्ध कल्याण घुमंतु विभाग - 48 करोड़ रुपए
नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग - 64 करोड़ रुपए
संस्कृति विभाग - 1081 करोड़ रुपए
पर्यटन विभाग - 282 करोड़ रुपए
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व - 115 करोड़ रुपए
आनंद विभाग - 15 करोड़ रुपए
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग - 1218 करोड़ रुपए
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग - 153 करोड़ रुपए
समान्य प्रशासन विभाग - 1140 करोड़ रुपए
श्रम विभाग - 1002 करोड़ रुपए
जेल विभाग - 727 करोड़ रुपए
संसदीय कार्य विभाग - 143 करोड़ रुपए

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लाड़ली बहनों पर अब तक 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च
बता दें कि, लाड़ली बहना योजना के तहत जून 2023 से पात्र 1.31 लाख महिलाओं को एक हजार रुपये देने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद अक्टूबर 2023 से इसे बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया. अक्टूबर 2024 में 1.29 लाख महिलाओं को लाड़ली बहना की 17वीं किश्त भेजी गई है. अब तक कुल 17 किश्तों में राज्य सरकार लाड़ली बहनों को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर चुकी है. वहीं बीते एक साल की बात करें तो महिलाओं को 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार गंभीर है. सरकार की सोच साफ है कि प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को और आगे बढ़ाया जाए. दरअसल, हर महीने राज्य सरकार लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये प्रति हितग्राही डालती है. इसमें कुल 1574 करोड़ रुपये हर माह खर्च होते हैं. इतनी भारी भरकम रकम का इंतजाम करना आसान नहीं लेकिन सरकार अपने बलबूते कर्ज लेकर भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर है.

कुल 23 विभागों के बजट के बराबर लाड़ली बहनों को राशि
मोहन यादव सरकार द्वारा हर महीने 1.29 लाख महिलाओं को 1574 करोड़ रुपये भेजे जा रहे हैं. यानी सालभर में सरकार औसतन 18 हजार करोड़ से अधिक की राशि महिलाओं को देती है. ये राशि 23 विभागों के बजट से अधिक है. इनमें खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग समेत अन्य भारी भरकम बजट वाले विभाग शामिल हैं.

MOHAN GOVT 2 MONTHS DEBT 15000 CR
मोहन यादव ले रही कर्ज (ETV Bharat)

23 विभागों को मिलने वाले बजट की डिटेल
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग - 1516 करोड़ रुपए

पशुपालन एवं डेयरी विभाग - 2150 करोड़ रुपए

सहकारिता विभाग - 1994 करोड़ रुपए
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग - 519 करोड़ रुपए
मछुआ कल्याण एवं मतस्य विभाग - 230 करोड़ रुपए
आयुष विभाग - 845 करोड़ रुपए
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय - 159 करोड़ रुपए
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग - 2666 करोड़ रुपए
खेल एवं युवा कल्याण विभा - 586 करोड़ रुपए
विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विभाग - 472 करोड़ रुपए
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग - 1656 करोड़ रुपए
घुमंतु एवं अर्ध कल्याण घुमंतु विभाग - 48 करोड़ रुपए
नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विभाग - 64 करोड़ रुपए
संस्कृति विभाग - 1081 करोड़ रुपए
पर्यटन विभाग - 282 करोड़ रुपए
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व - 115 करोड़ रुपए
आनंद विभाग - 15 करोड़ रुपए
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग - 1218 करोड़ रुपए
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग - 153 करोड़ रुपए
समान्य प्रशासन विभाग - 1140 करोड़ रुपए
श्रम विभाग - 1002 करोड़ रुपए
जेल विभाग - 727 करोड़ रुपए
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