नई दिल्ली: मेट्रो फीडर बसों की तर्ज पर अब दिल्ली में मोहल्ला बसें भी चलाई जाएंगी. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक, अगले 15 से 20 दिनों में कुछ मोहल्ला बसों का संचालन शुरू हो जाएगा. राज्य सरकार दिल्ली के हर मोहल्ले व कॉलोनी से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने की दिशा में काम कर रही है, भले ही वह कॉलोनी अवैध क्यों न हो.
दरअसल मेट्रो फीडर बसें भी लोगों को विभिन्न जगहों से मेट्रो स्टेशन तक लाने का काम करती हैं. मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दो साल पूर्व रूटों का सर्वे कराया गया था. इस दौरान पाया गया था कि संगम विहार, उत्तम नगर के आसपास की कालोनी, बुराड़ी के आसपास की विभिन्न अवैध कालोनी व क्लस्टर समेत अन्य कई इलाकों में बड़ी संख्या में पब्लिक रहती है, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसी स्थिति में लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बड़ी बसें इन रास्तों पर मुड़ नहीं पाती, इसके चलते चालक बस को कॉलोनियों के पास नहीं ले जाया करते. उन्होंने कहा, इस समस्या को देखते हुए हमने दावा किया कि हम 500 मीटर के दायरे में एक न एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराएंगे. भले ही वह ऑटो, बस या मेट्रो हो. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, 500 मीटर चलने में कोई दिक्कत नहीं आती है. इन्हीं इलाकों में सबसे पहले मोहल्ला बसों को चलाया जाएगा.
छोटे-छोटे रूट बनाकर चलाई जाएंगी बसे: मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि बड़ी बसें गलियों में आसानी से नहीं चल पाती हैं. इस समस्या को देखते हुए गलियों में नौ मीटर की छोटी बसें चलाने का निर्णय लिया गया था, जिससे लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी दी जा सके. मोहल्ला बसें लोगों को घर तक नहीं पहुंचाएगी, लेकिन उनके घर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर पहुंचाएगी. इससे लोगों को बहुत सहूलियत मिलेगी. मोहल्ला बसों का रूट छोटा होगा. इससे बसों के फेरे भी बढ़ेंगे और ज्यादा लोगों को राहत मिल सकेगी.
महिलाओं व ट्रांसजेंडर्स को फ्री सफर: जानकारी के मुताबिक, मोहल्ला बसें नौ मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसें होंगी. अगले 15-20 दिनों में कुछ मोहल्ला बसें आ जाएंगी, जिन्हें जल्द हरी झंडी दिखाई जाएगी. इन बसों में भी महिलाओं और किन्नरों का सफर फ्री होगा. वहीं पास के माध्यम से बुजुर्गों को भी छूट मिलेगी.
मोहल्ला बसों को लेकर कुछ तथ्य-
- दिल्ली सरकार ने 1040 मोहल्ला बसों का दिया है ऑर्डर
- विभिन्न कॉलोनियों से 2080 मोहल्ला बसें चलाने का रखा है लक्ष्य
- 12 साल में बसों के रखरखाव पर 28,556 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान
- 9 मीटर की इन बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड से भी लिया जाएगा किराया
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