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नाहन में पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का क्यों किया जिक्र, जानिए क्या था शिमला से उनका नाता - PM Modi Nahan rally - PM MODI NAHAN RALLY

लोकसभा चुनाव के लिए हिमाचल में प्रचार तेज हो गया है. आज पीएम मोदी ने शिमला संसदीय क्षेत्र के नाहन में स्थित चौगान में रैली को संबोधित किया. उन्होंने मंच से तीसरी बार जीत का आशीर्वाद मांगा. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यहां कुछ नया नहीं है बस आज का माहौल नया है. भीड़ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आपका ये प्यार मुझे हमेशा हिमाचली बनाकर रखता है. जब देश मोदी को जानता भी नहीं था, उस दौर से ही यहां मुझे हमेशा ही लोगों का आशीर्वाद और प्यार मिलता रहा है.

PM MODI NAHAN RALLY
हामिद करजई और पीएम मोदी (फेसबुक)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 2:35 PM IST

Updated : May 24, 2024, 3:40 PM IST

मंच से भाषण देते पीएम मोदी (ईटीवी भारत)

नाहन: पीएम मोदी ने आज नाहन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ अपने पुराने रिश्तों को याद किया. साथ ही उन्होंने हिमाचल में प्रचारक रहने के दौरान मंच से पुराने साथियों का जिक्र भी किया. उन्होंने हिमाचल के साथ अपने रिश्तों को याद करने के साथ ही उन्होंने मंच से अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई का भी नाम लिया.

पीएम ने मंच से भाषण के दौरान कहा 'समय बदला है, लेकिन मोदी नहीं बदला. मोदी का हिमाचल से वही पुराना रिश्ता है. प्रधानमंत्री होने के नाते में जितने गर्व से मैं कहता हूं कि हिमाचल मेरा घर है, वैसे ही अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी कहते थे कि हिमाचल मेरा घर है. ये जो लोई (शॉल) अपने मुझे पहनाई है इसी हिमाचली लोई को हामिद करजई ने अफगानिस्तान में जाकर अपने फैशन-डिजाइन के अनुसार ढाल लिया. ये हिमाचल की ताकत है जो इतना लगाव रखती है. करजई कहते थे कि मैं भी हिमाचली हूं.'

जानें कौन थे हामिद करजई: करजई का जन्म 24 दिसंबर, 1957 को कंधार में हुआ था. हामिद करजई अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद जाहिर शाह के परिवार से संबंध रखते हैं. उनका संबंध पश्तून जनजाति से हैं. अपनी शुरुआती शिक्षा काबुल में पूरी करने के बाद 1976 में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शिमला से पॉलिटिक्ल साइंस में एमए किया और राजनीति का पहला पाठ इसी विश्विद्यालय से पढ़कर निकले थे. यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद हामिद करजई हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शिमला में आयोजित हुए कई कार्यक्रमों में विशेष अतिथि भी रह चुके हैं. शिमला से चले जाने के बाद भी उन्होंने कभी हिमाचल को नहीं भुलाया.

2002 से 2014 तक रहे राष्ट्रपति: करजई ने अफगानिस्तान लौटने के बाद सोवियत रूस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और तालिबान का समर्थन किया, लेकिन तालिबान ने उनकी पिता की हत्या कर दी और उन्होंने खुद को इससे अलग कर दिया. वह 2002 से लेकर 2014 तक देश के राष्ट्रपति रहे. उनके राष्ट्रपति रहते अफगानिस्तान के साथ भारत के रिश्ते काफी अच्छे रहे. तालिबान की सत्ता में वापसी होने के बाद उन्हें अफगानिस्तान को छोड़कर विदेश में शरण लेनी पड़ी थी. हामिद करजई कई बार भारत और हिमाचल की तरीफ कई मंचों से कर चुके हैं.

ये भी पढे़ं: हिमाचल में चुनाव लड़ने और लड़वाने वालों की साख दांव पर, दिग्गजों को मिल रही कांटे की टक्कर

मंच से भाषण देते पीएम मोदी (ईटीवी भारत)

नाहन: पीएम मोदी ने आज नाहन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ अपने पुराने रिश्तों को याद किया. साथ ही उन्होंने हिमाचल में प्रचारक रहने के दौरान मंच से पुराने साथियों का जिक्र भी किया. उन्होंने हिमाचल के साथ अपने रिश्तों को याद करने के साथ ही उन्होंने मंच से अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई का भी नाम लिया.

पीएम ने मंच से भाषण के दौरान कहा 'समय बदला है, लेकिन मोदी नहीं बदला. मोदी का हिमाचल से वही पुराना रिश्ता है. प्रधानमंत्री होने के नाते में जितने गर्व से मैं कहता हूं कि हिमाचल मेरा घर है, वैसे ही अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी कहते थे कि हिमाचल मेरा घर है. ये जो लोई (शॉल) अपने मुझे पहनाई है इसी हिमाचली लोई को हामिद करजई ने अफगानिस्तान में जाकर अपने फैशन-डिजाइन के अनुसार ढाल लिया. ये हिमाचल की ताकत है जो इतना लगाव रखती है. करजई कहते थे कि मैं भी हिमाचली हूं.'

जानें कौन थे हामिद करजई: करजई का जन्म 24 दिसंबर, 1957 को कंधार में हुआ था. हामिद करजई अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद जाहिर शाह के परिवार से संबंध रखते हैं. उनका संबंध पश्तून जनजाति से हैं. अपनी शुरुआती शिक्षा काबुल में पूरी करने के बाद 1976 में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शिमला से पॉलिटिक्ल साइंस में एमए किया और राजनीति का पहला पाठ इसी विश्विद्यालय से पढ़कर निकले थे. यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद हामिद करजई हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शिमला में आयोजित हुए कई कार्यक्रमों में विशेष अतिथि भी रह चुके हैं. शिमला से चले जाने के बाद भी उन्होंने कभी हिमाचल को नहीं भुलाया.

2002 से 2014 तक रहे राष्ट्रपति: करजई ने अफगानिस्तान लौटने के बाद सोवियत रूस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और तालिबान का समर्थन किया, लेकिन तालिबान ने उनकी पिता की हत्या कर दी और उन्होंने खुद को इससे अलग कर दिया. वह 2002 से लेकर 2014 तक देश के राष्ट्रपति रहे. उनके राष्ट्रपति रहते अफगानिस्तान के साथ भारत के रिश्ते काफी अच्छे रहे. तालिबान की सत्ता में वापसी होने के बाद उन्हें अफगानिस्तान को छोड़कर विदेश में शरण लेनी पड़ी थी. हामिद करजई कई बार भारत और हिमाचल की तरीफ कई मंचों से कर चुके हैं.

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Last Updated : May 24, 2024, 3:40 PM IST
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