रामपुर: हिमाचल प्रदेश में बीते 31 जुलाई को बादल फटने से आई तबाही ने समेज गांव में जमकर कहर मचाया. अचानक आई बाढ़ में समेज गांव के 36 लोग लापता हो गए. इनमें से एक कल्पना केदारटा भी थी, जिसका शव 9 दिन बाद नोगली के पास से सर्च ऑपरेशन के दौरान रेस्क्यू टीम को मिला है. शव की शिनाख्त कल्पना की बहन ने की है.
समजे त्रासदी में लापता हुए लोगों के अब शव बरामद हो रहे हैं. आज 9वें दिन समेज गांव से लापता कल्पना केदारटा का शव रामपुर मुख्यालय के साथ नोगली में सतलुज नदी के किनारे से बरामद किया गया. कल्पना केदारटा अपने दो छोटे बच्चों के साथ 31 जुलाई की रात को समेज में बाढ़ के बाद से लापता थी. 1 अगस्त से प्रशासन ने युद्ध स्तर पर लापता 36 लोगों की तलाश शुरू की.
प्रशासन और रेस्क्यू टीम द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में विभिन्न स्थानों से शव बरामद हो रहे हैं. वहीं, अभी तक 15 शव बरामद किए गए हैं. जिनमें से 4 लोगों की पहचान हो गई है. ऐसे में आज मिले तीन शव में से एक शव कल्पना केदारटा का है. सुबह के समय जब होमगार्ड और अग्निशमन विभाग के जवानों को इसकी सूचना मिली तो उनकी टीम मौके के लिए रवाना हुई. मौके पर जाकर उन्होंने एक महिला का शव सतलुज नदी से बरामद किया.
इस दौरान मौके पर पहुंची कल्पना की बहन जो पुलिस विभाग में ही कार्यरत हैं, उसने शव की पहचान की. जिसके बाद पता चला कि यह शव कल्पना केदारटा का है. वहीं प्रशासन को शव सौंप दिया गया है. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए खनेरी अस्पताल को भेज दिया गया है. जहां पर शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा. बता दें कि कल्पना की 7 साल की बेटी और एक 5 साल का बेटा भी अभी लापता हैं. अब कल्पना केदारटा का पति अकेले रह गए हैं. कल्पना केदारटा के पति जयसिंह कंदरी गांव पंन्द्राबीश का रहने वाले हैं.
कल्पना के पति जयसिंह ने कहा, "उन्होंने पत्नी के जिंदा मिलने की उम्मीद तो पहले ही छोड़ दी गई थी. जिस रात आपदा आई थी, उस समय वह किसी काम से बाहर गए हुए थे. कल्पना दोनों बच्चों के साथ यहां पर रह रही थी. लेकिन 31 जुलाई की रात को आई अचानक बाढ़ ने सब कुछ खत्म कर दिया. कल्पना केदारटा ग्रीनको कंपनी में कार्यरत थी".
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