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वन विभागों ने रोपे थे पौधे, किसानों ने सैकड़ों पेड़ों को काट डाला, ये वजह आई सामने - Occupation of forest land

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 11:47 AM IST

मिर्जापुर में वन विभाग की जमीन पर किए गए लाखों के वृक्षारोपण पर दबंग किसानों ने आरा चला दिया है. किसानों ने अवैध रूप से पेड़ काटकर सैकड़ों बीघे जमीन पर कब्जा (Occupation of Forest Land) कर लिया है.

मिर्जापुर में वन विभाग की जमीन पर कब्जा.
मिर्जापुर में वन विभाग की जमीन पर कब्जा. (Photo Credit: ETV Bharat)

मिर्जापुर : वन विभाग न तो अपनी जमीन बचा पा रहा है और न ही पौधरोपण किए पौधों की देखभाल कर पा रहा है. मिर्जापुर में वन विभाग की घोर लापरवाही और उदासीनता देखने को मिल रही है. यहां लाखों रुपये खर्च कर कराए गए पौधरोपण के बाद दबंग किसानों ने पौधे काट और उखाड़ डाले हैं और अब खेती कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इसमें कुछ क्षेत्रीय वन अधिकारी और कर्मचारी मिले हुए हैं और खेती के करने के एवज में फसल का कुछ हिस्सा या धनराशि ले जाते हैं.

मिर्जापुर में वन विभाग की जमीन पर कब्जा. (Video Credit : ETV Bharat)

मिर्जापुर के पटेहरा रेंज, सिरसी में वन विभाग से सटे दर्जनों गांवों में हैं. इन गांवों में वन विभाग की सैकड़ों एकड़ भूमि है. इसी भूमि पर वन विभाग ने लाखों रुपये खर्च करके खैर, सागौन, बांस आदि कई तरह के पेड़ पौधे लगाए थे. इन्हीं पेड़-पौधों को काटकर कुछ किसानों ने अवैध कब्जा करके खेती शुरू कर दी है. रेंज कार्यालय के सटे सिरसी, लेडुकी, गजरहा, राहकला, रामपुर अतरी, गढ़वा आदि व मड़िहान रेंज के पटेहरा कलां, सिकटही, कोटवा पाण्डेय की सैकड़ों एकड़ वन भूमि के पौधे ऐसी ही अराजकता की भेंट चढ़ चुके हैं. इन गांवों में वन विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी जाते तो हैे, लेकिन सिर्फ हिस्सा लेने.

डीएफओ अरविंद राज मिश्रा ने लखनऊ में होने बात कही. वहीं सिरसी रेंज के गार्ड का कहना है कि वन विभाग और ग्रामीणों की जमीन सटकर है. मिला-जुला नंबर होने के कारण ग्रामीण इसका फायदा उठाते हैं. पैमाइश न होने के कारण अवैध कब्जा बना हुआ है. वन विभाग की मिलीभगत से खेती की बात निराधार है.


यह भी पढ़ें : कर्नाटक के वन मंत्री ने संदूर में लौह अयस्क खनन के लिए वन भूमि को लीज पर देने पर रोक लगाई - Karnataka iron ore mining in Sandur

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में नदी-नालों पर भी कब्जा, 29 हजार एकड़ भूमि से हटेगा अतिक्रमण, गरजेगा धामी का बुलडोजर

मिर्जापुर : वन विभाग न तो अपनी जमीन बचा पा रहा है और न ही पौधरोपण किए पौधों की देखभाल कर पा रहा है. मिर्जापुर में वन विभाग की घोर लापरवाही और उदासीनता देखने को मिल रही है. यहां लाखों रुपये खर्च कर कराए गए पौधरोपण के बाद दबंग किसानों ने पौधे काट और उखाड़ डाले हैं और अब खेती कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इसमें कुछ क्षेत्रीय वन अधिकारी और कर्मचारी मिले हुए हैं और खेती के करने के एवज में फसल का कुछ हिस्सा या धनराशि ले जाते हैं.

मिर्जापुर में वन विभाग की जमीन पर कब्जा. (Video Credit : ETV Bharat)

मिर्जापुर के पटेहरा रेंज, सिरसी में वन विभाग से सटे दर्जनों गांवों में हैं. इन गांवों में वन विभाग की सैकड़ों एकड़ भूमि है. इसी भूमि पर वन विभाग ने लाखों रुपये खर्च करके खैर, सागौन, बांस आदि कई तरह के पेड़ पौधे लगाए थे. इन्हीं पेड़-पौधों को काटकर कुछ किसानों ने अवैध कब्जा करके खेती शुरू कर दी है. रेंज कार्यालय के सटे सिरसी, लेडुकी, गजरहा, राहकला, रामपुर अतरी, गढ़वा आदि व मड़िहान रेंज के पटेहरा कलां, सिकटही, कोटवा पाण्डेय की सैकड़ों एकड़ वन भूमि के पौधे ऐसी ही अराजकता की भेंट चढ़ चुके हैं. इन गांवों में वन विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी जाते तो हैे, लेकिन सिर्फ हिस्सा लेने.

डीएफओ अरविंद राज मिश्रा ने लखनऊ में होने बात कही. वहीं सिरसी रेंज के गार्ड का कहना है कि वन विभाग और ग्रामीणों की जमीन सटकर है. मिला-जुला नंबर होने के कारण ग्रामीण इसका फायदा उठाते हैं. पैमाइश न होने के कारण अवैध कब्जा बना हुआ है. वन विभाग की मिलीभगत से खेती की बात निराधार है.


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