शिमला: हिमाचल में गेस्ट टीचर भर्ती को लेकर भाजपा और युवाओं के विरोध के बीच शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सरकार की स्थिति स्पष्ट की है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये 'आवर्ली बेस्ड टीचर' व्यवस्था है और अस्थाई तौर पर लागू की जाएगी. राज्य सरकार किसी विषय के टीचर के अवकाश पर जाने की अवधि में गेस्ट टीचर की सेवाएं पीरियड के आधार लेगी. यह सेवाएं एक महीने में दस दिन से अधिक नहीं ली जाएंगी साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 15 हजार नियमित पद भरेगी.
गेस्ट टीचर व्यवस्था सरकार इसलिए कर रही है ताकि किसी अध्यापक के अवकाश पर जाने के बाद एक भी दिन अध्यापन प्रभावित न हो. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'आवर्ली बेस्ड टीचर' से शिक्षा विभाग में नियमित भर्ती प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता सीधी भर्ती से युवाओं को शिक्षा विभाग में नौकरी देना है.
वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 15 हजार पदों पर भर्ती कर रही है. इनमें से तीन हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं. बाकी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है. विपक्षी दल भाजपा इस मुद्दे को बेवजह तूल देने का प्रयास कर रहा है. भाजपा सरकार के कार्यकाल में अध्यापकों की भर्ती नहीं हुई थी.
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के कार्यकाल में बिना बजट और बिना स्टाफ के सिर्फ नए संस्थान खोलने या अपग्रेड करने की घोषणाएं ही की गई. इसका मकसद विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाना था. कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियों के कारण हिमाचल की गुणात्मक शिक्षा का स्तर गिरा है. इस क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग फिसल कर पूरे देश में 21वें स्थान पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में गिरावट के लिए पूर्व सीएम जयराम ठाकुर को अपनी सरकार के कार्यकाल की गलत नीतियों के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
रोहित ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर जोर दे रही है. आवर्ली बेस्ड टीचर इसी प्रयास का हिस्सा है. जब तक अध्यापकों की नियमित भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक प्रिंसिपल को आवर्ली बेस्ड टीचर रखने के लिए अधिकृत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे नियमित शिक्षकों की भर्ती होगी, वैसे-वैसे 'आवर्ली बेस्ड टीचर की आवश्यकता कम होती जाएगी.