नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज और भाजपा नेता अरविंद सिंह लवली ने शनिवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा. इस दौरान सांसद रामबीर सिंह विधूड़ी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार से मिले विशेष फंड का उपयोग ना करना, केजरीवाल सरकार की लापरवाही का प्रमाण है. भाजपा मांग करती है कि, केजरीवाल सरकार गत साढ़े नौ साल में प्रदूषण नियंत्रण पर किए कार्य पर जनता के समक्ष श्वेत पत्र लाए.
MP Shri @RamvirBidhuri, MP Ms. @BansuriSwaraj and Senior Leader Sardar @ArvinderLovely are addressing a Press Conference. https://t.co/22DTRVL4cM
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) July 20, 2024
वहीं सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया है कि दिल्ली में प्रदूषण के दो सबसे बड़े कारण हैं. एक परिवहन व्यवस्था का पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो जाना और दूसरा सड़कों पर धूल मिट्टी. जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी, उस वक्त अरविंद केजरीवाल दावा करके कहते थे कि दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण है पंजाब में पराली का जलाना है. लेकिन जब से उनकी सरकार पंजाब में बनी है तब से वह पंजाब का नाम तक नहीं लेते.
उन्होंने कहा कि मंत्री आतिशी हमेशा केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही हैं. उन्हें मैं बताना चाहती हूं कि केंद्र सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत 742.69 करोड़ रुपये का फंड दिल्ली सरकार को दिया है. केजरीवाल सरकार ने इसमें से सिर्फ 29 फीसदी ही खर्च कर पाई है. आतिशी जवाब दें कि आखिर 70 फीसदी फंड क्यों खर्च नहीं हो पाए. अभी कुछ ही माह बाद दिल्ली गैस चैंबर बन जाएगी, लेकिन उसकी तैयारी करने की जगह आतिशी प्रेस कांफ्रेंस करने में व्यस्त है.
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उधर उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा यह आरोप लगाए जाने पर कि तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन्हें दी जा रही भोजन की चिकित्सकीय खुराक और दवाएं संभवत: जानबूझकर नहीं ले रहे, दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जेल सुपरिंटेंडेंट की चिट्ठी सार्वजनिक होने के बाद अरविंद केजरीवाल की कई साजिशों का खुलासा हुआ है. तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट की चिट्ठी में स्पष्ट रूप से लिखा है अरविंद केजरीवाल, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार घर का भोजन दिया जाता था, वह जानबूझकर 6 जुलाई से 13 जुलाई के बीच वह लो कैलोरी भोजन ले रहे थे, ताकि किसी प्रकार से वजन कम हो जाए और वह न्यायालय के सामने जमानत मामले में सहानुभूति ले सकें.
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