सिरमौर: दुग्ध के क्षेत्र में जिला सिरमौर के किसान अन्य किसानों से कहीं आगे निकल गए हैं. जहां सरकार किसानों से गाय का दूध औसतन 45 रुपए प्रति लीटर की खरीद कर रही है, तो भैंस के दूध के दाम भी 55 रुपए के हिसाब से पशुपालकों को मिल रहे हैं. इस बीच सिरमौर में ऐसे किसान भी हैं, जो सरकार को ही 71 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरकार को दूध बेच रहे हैं. इनकी संख्या कोई ज्यादा नहीं है. ये सिर्फ 5 किसान हैं, जिनसे मिल्कफेड भैंस का दूध 71 रुपए और इससे ज्यादा दामों पर खरीद रहा है.
इन पशुपालकों का दूध न केवल गुणवत्ता की कसौटी पर खरा उतरा रहा, बल्कि हर तरह से दूध स्वास्थ्यवर्धक भी है. मिल्कफेड को मिल रहे इस दूध में फैट की मात्रा 7 से 7.50 तक है. इसके साथ साथ दूध में सॉलिड नॉट फैट (एसएनएफ) यानी वसा रहित ठोस पदार्थ की मात्रा बेहतर है. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, और दूसरे तत्व होते हैं. दूध के पोषक मूल्य में एसएनएफ का अहम योगदान होता है.
ये हैं पालियों के 5 किसान
पालियों पंचायत पड़ोसी राज्य हरियाणा के साथ सटी है. नाहन तहसील के तहत आने वाली इस पंचायत के पांच किसान दूध बेचकर न केवल अच्छी आय कमा रहे हैं, बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी ये किसी प्रेरणास्रोत से कम नहीं हैं. इस पंचायत के सुभाष चंद, संजू कुमार, दुमन, रामशरण और सोनिया देवी ऐसे किसान हैं जो सरकार को 71 रुपए प्रति लीटर भैंस का दूध बेच रहे हैं. बड़ी बात ये भी है कि कई बार इनके दूध के दाम 72 रुपए तक भी पहुंच रहे हैं.
कमाई नहीं अच्छी गुणवत्ता देना मकसद
पालियों के इन किसानों ने कहा, "उनका मकसद कमाई करना नहीं है, बल्कि लोगों को मिलावट के इस दौर में अच्छी गुणवत्ता का दूध उपलब्ध हो. इसका वह खास ध्यान रखते हैं. उन्होंने अन्य किसानों से भी अपील की कि मवेशियों की अच्छी देखभाल के साथ उन्हें पोषक आहार उपलब्ध हों तो निसंदेह मवेशी भी अच्छी कमाई का साधन बन सकते हैं".
सिरमौर में मिल्कफेड से जुड़े हैं 1,000 से ज्यादा किसान
जिला सिरमौर में मिल्कफेड से 1,000 से ज्यादा किसान जुड़े हैं, जो विभिन्न सोसायटी के माध्यम से सरकार को दूध बेच रहे हैं. जिले में 31 सोसायटियां चल रही हैं, जो 5,000 लीटर से ज्यादा दूध किसानों से एकत्र कर मिल्कफेड को उपलब्ध करवा रही हैं.
हिमाचल में दूध पर खूब गरमाई सियासत
हिमाचल प्रदेश में दूध को लेकर खूब सियायत गरमाई. यही नहीं गोबर खरीद को लेकर भी सत्ता पक्ष पर विपक्ष खूब हमलावर रहा. हालांकि, सुक्खू सरकार ने गाय के दूध का दाम 38 रुपए से बढ़ाकर 45 रुपए प्रति लीटर कर दिए हैं. इसी तरह भैंस के दूध के खरीद मूल्य को 47 रुपए से बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया है. इन सबसे हटकर सिरमौर के पांच किसान सरकार को ही 71 रुपए लीटर भैंस का दूध बेच रहे हैं.
आखिर सरकार पर ही निर्भर क्यों ?
पालियों के किसानों ने ये एक बड़ा उदाहरण पेश कर अन्य लोगों को भी आईना दिखाने का काम किया है, जो सिर्फ सरकार पर निर्भर रहते हैं. चाहे वह दूध के दाम बढ़ाने की बात हो या फिर कुछ और. इन किसानों ने ये संदेश देने का भी प्रयास किया है कि यदि किसी चीज की गुणवत्ता बेहतर होगी तो बाजार मूल्यों से कहीं अधिक दामों पर सरकार इसे खरीद सकती है.
क्या कहते हैं अधिकारी?
उधर, मिल्कफेड सिरमौर के तकनीकी अधीक्षक देवांश जसवाल ने कहा, "पालियों के किसानों से 71 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से भैंस का दूध खरीदा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इनकी किसानों की संख्या 5 हैं. इसके अलावा अन्य किसानों से गाय का दूध 45 से 48 रुपए और भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर औसतन खरीदा जा रहा है. ये बड़ी बात है कि पालियों के किसान बेहतर गुणवत्ता का दूध बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं".
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