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STF ने ज्ञानेंद्र ढाका गैंग के मास्टरमाइंड अरुण को किया गिरफ्तार, चेयरमैन की हत्या के बाद से था फरार

Meerut news : एसटीएफ को ज्ञानेंद्र ढाका गैंग का मास्टरमाइंड वांटेड अरूण की थी तलाश.

मेरठ STF ने 25 हजार के इनामी को किया गिरफ्तार
मेरठ STF ने 25 हजार के इनामी को किया गिरफ्तार (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 17 hours ago

Updated : 13 hours ago

मेरठ/रायबरेली/आगरा : जिले में एसटीएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने फरार चल रहे कुख्यात ज्ञानेंद्र ढाका के साथी 25 हजार के इनामी अरुण को गिरफ्तार किया है. चेयरमैन प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या के बाद से अरुण फरार चल रहा था. अरुण पर तीन हत्याओं समेत 9 मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ को काफी समय से अरुण की तलाश थी. अरुण बागपत के ढिकौली गांव का रहने वाला है.


एसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 29 अक्टूबर 2024 को अरुण ने अपने साथी ज्ञानेन्द्र ढाका, सोनू छिल्लर और अक्षय के साथ मिलकर चांदीनगर बागपत निवासी चेयरमैन प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या कर दी थी. इस मामले में चांदीनगर थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. सोनू छिल्लर और ज्ञानेन्द्र ढाका इस मामले में पहले ही जेल जा चुके हैं, वहीं अरुण फरार चल रहा था. एसटीएफ टीम को सूत्रों से सूचना मिली थी कि 25 हजार का इनामी वांटेड अरुण बागपत के सांकलपुटटी गांव की तरफ जाने वाला है. सूचना मिलते ही एसटीएफ टीम ने अरूण को ग्राम सिखेड़ा से सांकलपुटटी की तरफ जाने वाले रास्ते पर गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक तमंचा बरामद हुआ है.



एसपी बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक, अरुण ने पूछताछ में बताया कि वह पहली बार वर्ष 2013 में थाना बड़ौत से हत्या के प्रयास के मामले में जेल गया था. इसके बाद उसने अपने साथी के साथ मिलकर वर्ष 2014 में अपने गांव के रहने वाले कलीराम की हत्या कर दी थी. वर्ष 2021 में अरुण ने थाना चांदीनगर क्षेत्र में अपने साथी के साथ मिलकर मोनू त्यागी की हत्या को अंजाम दिया था.

रायबरेली में शराब व्यवसायी से लूट के आरोप में चार आरोपी गिरफ्तार : शराब व्यवसायी से लूट के मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने प्रेसवार्ता करके खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामला 1 दिसंबर थाना गुरबख्श गंज के ग्राम सेईठा के लालगंज हाईवे के पास का है. उन्होंने बताया कि शराब व्यवसायी राजकुमार जायसवाल मोटरसाइकिल से अलग-अलग शराब की दुकान से एकत्रित रुपयों को लेकर देर शाम घर जा रहे थे, तभी तीन लोगों ने ओवरटेक करके उनके सामने मोटरसाइकिल लगा दी. उन्होंने बताया कि इसके बाद तीनों लोग तमंचे के बल पर कैश वाला बैग लेकर फरार हो गए. एसओजी, सर्विलांस पुलिस व गुरबख्श गंज थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने मामले की जांच शुरू की. इसके बाद इन्हें लूट के रुपए, अवैध शस्त्र व कारतूस के साथ थाना खीरों क्षेत्र के दीमापुर मोड़ पर गिरफ्तार कर लिया गया है.

एसपी ने बताया कि लूट की वारदात को अंजाम देने वाले राकेश, गौरव उर्फ गोलू, शिवा और विकास को गिरफ्तार किया गया है. संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करके इन सभी को जेल भेज दिया गया है. एसपी ने बताया कि घटना का मुख्य साजिशकर्ता राकेश कुमार है, जो पीड़ित राजकुमार जायसवाल शराब व्यवसायी के यहां मधुकरपुर देसी शराब के ठेके पर पिछले कई वर्षों से सेल्समैन का काम करता था. इस पर बैंक का काफी लोन बकाया था. रुपए के लालच में आकर इसने घटना को अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर अंजाम दिया. पुलिस ने घटना में तीन लाख 62 हजार रुपये, नई पल्सर मोटरसाइकिल, अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस व एक अन्य मोटरसाइकिल बरामद की है.

आगरा आर्मी कैंटीन में नौकरी के नाम पर वसूली करने वाला गिरफ्तार : यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सेना में अस्थायी पद पर भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक शातिर को मंगलवार को गिरफ्तार किया है. जांच में दो कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं. जिनके बारे में मिलिट्री इंटे​लिजेंस ने जांच शुरू कर दी है. गिरफ्तार आरोपित के खिलाफ सदर थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली सूचना पर आगरा के कैंटीन डिपो में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात अस्थायी कर्मचारी धीरेंद्र उर्फ मनोज को दबोचा है. उसने सेना की कैंटीन स्टोर डिपो में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी की थी. आरोपित के खिलाफ जसवंतनगर, इटावा निवासी पीड़ित अनिल यादव ने शिकायत की थी. जिस पर आर्मी इंटेलिजेंस ने जांच की. जिसमें सामने आया कि आरोपी धीरेंद्र उर्फ मनोज ने नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से वसूली की है. मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एसटीएफ की आगरा यूनिट से संपर्क किया. जिस पर ही एसटीएफ ने आरोपी धीरेंद्र उर्फ मनोज को मंगलवार को मधुनगर से गिरफ्तार किया गया है.


एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि पूछताछ में आरोपित धीरेंद्र ने पूछताछ में खुलासा किया है. उसने बताया कि कैंटीन में उसकी नौकरी सेना में हवलदार और पूर्व में आगरा में तैनात रहे मनीष भदौरिया और हवलदार क्लर्क जसकरन पठानिया ने लगवाई थी. वर्तमान में दोनों की जम्मू में पोस्टिंग है. आरोपित ने बताया कि मनीष भदौरिया ने दिल्ली के सेना अधिकारियों से सेटिंग होने की बात कही थी. उसने ही कैंटीन में अस्थायी पदों पर नियुक्ति कराने की बात कहकर अपने खातों में रुपए मंगाए हैं. ये दोनों लोग ही रुपये लेकर लोगों के फर्जी कागज बनाकर भेजते हैं. इस मामले में आरोपी के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

ये हुई बरामदगी : एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि आरोपित धीरेंद्र उर्फ मनोज से आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैनकार्ड, चार एटीएम, डायरी, दो मोबाइल और रुपये बरामद हुए हैं.


यह भी पढ़ें : तस्कर ने किया खुलासा; STF से जान बचाकर भागा अवैध हथियारों का सौदागर अनिल बंजी, स्काॅर्पियो में बरामद हुआ था हथियारों का जखीरा

यह भी पढ़ें : अवैध हथियारों की तस्करी का आरोपी गिरफ्तार, पंजाब से लाकर अन्य राज्यों में करता था सप्लाई

मेरठ/रायबरेली/आगरा : जिले में एसटीएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने फरार चल रहे कुख्यात ज्ञानेंद्र ढाका के साथी 25 हजार के इनामी अरुण को गिरफ्तार किया है. चेयरमैन प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या के बाद से अरुण फरार चल रहा था. अरुण पर तीन हत्याओं समेत 9 मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ को काफी समय से अरुण की तलाश थी. अरुण बागपत के ढिकौली गांव का रहने वाला है.


एसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 29 अक्टूबर 2024 को अरुण ने अपने साथी ज्ञानेन्द्र ढाका, सोनू छिल्लर और अक्षय के साथ मिलकर चांदीनगर बागपत निवासी चेयरमैन प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या कर दी थी. इस मामले में चांदीनगर थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. सोनू छिल्लर और ज्ञानेन्द्र ढाका इस मामले में पहले ही जेल जा चुके हैं, वहीं अरुण फरार चल रहा था. एसटीएफ टीम को सूत्रों से सूचना मिली थी कि 25 हजार का इनामी वांटेड अरुण बागपत के सांकलपुटटी गांव की तरफ जाने वाला है. सूचना मिलते ही एसटीएफ टीम ने अरूण को ग्राम सिखेड़ा से सांकलपुटटी की तरफ जाने वाले रास्ते पर गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक तमंचा बरामद हुआ है.



एसपी बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक, अरुण ने पूछताछ में बताया कि वह पहली बार वर्ष 2013 में थाना बड़ौत से हत्या के प्रयास के मामले में जेल गया था. इसके बाद उसने अपने साथी के साथ मिलकर वर्ष 2014 में अपने गांव के रहने वाले कलीराम की हत्या कर दी थी. वर्ष 2021 में अरुण ने थाना चांदीनगर क्षेत्र में अपने साथी के साथ मिलकर मोनू त्यागी की हत्या को अंजाम दिया था.

रायबरेली में शराब व्यवसायी से लूट के आरोप में चार आरोपी गिरफ्तार : शराब व्यवसायी से लूट के मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने प्रेसवार्ता करके खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामला 1 दिसंबर थाना गुरबख्श गंज के ग्राम सेईठा के लालगंज हाईवे के पास का है. उन्होंने बताया कि शराब व्यवसायी राजकुमार जायसवाल मोटरसाइकिल से अलग-अलग शराब की दुकान से एकत्रित रुपयों को लेकर देर शाम घर जा रहे थे, तभी तीन लोगों ने ओवरटेक करके उनके सामने मोटरसाइकिल लगा दी. उन्होंने बताया कि इसके बाद तीनों लोग तमंचे के बल पर कैश वाला बैग लेकर फरार हो गए. एसओजी, सर्विलांस पुलिस व गुरबख्श गंज थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने मामले की जांच शुरू की. इसके बाद इन्हें लूट के रुपए, अवैध शस्त्र व कारतूस के साथ थाना खीरों क्षेत्र के दीमापुर मोड़ पर गिरफ्तार कर लिया गया है.

एसपी ने बताया कि लूट की वारदात को अंजाम देने वाले राकेश, गौरव उर्फ गोलू, शिवा और विकास को गिरफ्तार किया गया है. संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करके इन सभी को जेल भेज दिया गया है. एसपी ने बताया कि घटना का मुख्य साजिशकर्ता राकेश कुमार है, जो पीड़ित राजकुमार जायसवाल शराब व्यवसायी के यहां मधुकरपुर देसी शराब के ठेके पर पिछले कई वर्षों से सेल्समैन का काम करता था. इस पर बैंक का काफी लोन बकाया था. रुपए के लालच में आकर इसने घटना को अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर अंजाम दिया. पुलिस ने घटना में तीन लाख 62 हजार रुपये, नई पल्सर मोटरसाइकिल, अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस व एक अन्य मोटरसाइकिल बरामद की है.

आगरा आर्मी कैंटीन में नौकरी के नाम पर वसूली करने वाला गिरफ्तार : यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सेना में अस्थायी पद पर भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक शातिर को मंगलवार को गिरफ्तार किया है. जांच में दो कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं. जिनके बारे में मिलिट्री इंटे​लिजेंस ने जांच शुरू कर दी है. गिरफ्तार आरोपित के खिलाफ सदर थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली सूचना पर आगरा के कैंटीन डिपो में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात अस्थायी कर्मचारी धीरेंद्र उर्फ मनोज को दबोचा है. उसने सेना की कैंटीन स्टोर डिपो में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी की थी. आरोपित के खिलाफ जसवंतनगर, इटावा निवासी पीड़ित अनिल यादव ने शिकायत की थी. जिस पर आर्मी इंटेलिजेंस ने जांच की. जिसमें सामने आया कि आरोपी धीरेंद्र उर्फ मनोज ने नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से वसूली की है. मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एसटीएफ की आगरा यूनिट से संपर्क किया. जिस पर ही एसटीएफ ने आरोपी धीरेंद्र उर्फ मनोज को मंगलवार को मधुनगर से गिरफ्तार किया गया है.


एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि पूछताछ में आरोपित धीरेंद्र ने पूछताछ में खुलासा किया है. उसने बताया कि कैंटीन में उसकी नौकरी सेना में हवलदार और पूर्व में आगरा में तैनात रहे मनीष भदौरिया और हवलदार क्लर्क जसकरन पठानिया ने लगवाई थी. वर्तमान में दोनों की जम्मू में पोस्टिंग है. आरोपित ने बताया कि मनीष भदौरिया ने दिल्ली के सेना अधिकारियों से सेटिंग होने की बात कही थी. उसने ही कैंटीन में अस्थायी पदों पर नियुक्ति कराने की बात कहकर अपने खातों में रुपए मंगाए हैं. ये दोनों लोग ही रुपये लेकर लोगों के फर्जी कागज बनाकर भेजते हैं. इस मामले में आरोपी के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

ये हुई बरामदगी : एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि आरोपित धीरेंद्र उर्फ मनोज से आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैनकार्ड, चार एटीएम, डायरी, दो मोबाइल और रुपये बरामद हुए हैं.


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