रोहतक: मेडिकल छात्रा का अपहरण कर मारपीट के मामले में हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने आरोपी डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र लिखा है. आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने पीजीआईएमएस के ही रेजीडेंट डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र लिखा है. आयोग की चेयरपर्सन ने 20 अगस्त को रोहतक पीजीआई का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पीड़ित मेडिकल छात्रा से बातचीत की थी.
हरियाणा महिला आयोग का नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र: आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने रोहतक पीजीआईएमएस निदेशक डॉक्टर शमशेर सिंह लोहचब से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी. रेनू भाटिया ने नेशनल मेडिकल कमीशन के चेयरपर्सन को लिखे पत्र में कहा है कि ये मामला काफी गंभीर है. इसलिए सभी तथ्यों को ध्यान और मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी डॉक्टर का लाइसेंस रद्द किया जाए. इस पत्र की कॉपी पीजीआईएमएस निदेशक और रोहतक एसपी को भी भेजी गई है.
मेडिकल की छात्रा का अपहरण और मारपीट: पीड़ित छात्रा ने आयोग की चेयरपर्सन को बताया था कि आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर मनिंदर कौशिक उसके साथ पिछले 7 महीने में कई बार मारपीट कर चुका था और जान से मारने की धमकी देता था. आरोपी यहां तक कहता था कि अगर इस बारे में किसी को बताया, तो वो उसके भाई का कत्ल कर देगा. मेडिकल छात्रा ने बताया की उसका पेपर होना था. उससे पहले आरोपी ने उसका आई कार्ड ले लिया. आई कार्ड वापस देने की बात कहकर ही आरोपी ने छात्रा को जबरदस्ती अपनी कार में बैठा लिया और फिर उससे मारपीट की.
छात्रा के शरीर पर कई जगह कट के निशान हैं. हालांकि आरोपी डॉक्टर को पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था. उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस ने 3 दिन की रिमांड पर भी लिया. फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
क्या है पूरा मामला? गौरतलब है कि रोहतक पीजीआई की बीडीएस की प्रथम वर्ष की छात्रा का 16 अगस्त की शाम को संस्थान के ही रेजीडेंट डॉक्टर मनिंदर कौशिक ने कार में अपहरण कर लिया. फिर वो उसे रात को अंबाला व चंडीगढ़ घुमाता रहा. 17 अगस्त को उसे रोहतक वापस लेकर आया. इस दौरान चंडीगढ़ में उसके मारपीट की गई. इस घटना की जानकारी छात्रा ने पीजीआईएमएस प्रशासन और परिजनों को को दी.
न्यायिक हिरासत में आरोपी: पीड़ित छात्रा की परिजनों व वकील के सामने काउंसलिंग कराई गई. छात्रा की मेडिकल जांच हुई. मजिस्ट्रेट के सामने भी छात्रा के बयान दर्ज कराए गए. पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. मामला सामने आने के बाद हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपी रेजीडेंट डॉक्टर को संस्थान से निलंबित कर दिया और पीजीआईएमएस में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी. पीड़ित छात्रा डेंटल कॉलेज में बीडीएस प्रथम वर्ष में पढ़ती है, जबकि आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर एनाटॉमी में एमडी कर रहा है.