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कस्तूरबा गांधी अस्पताल में पावर कट की वजह से नवजात की मौत की होगी जांच, मेयर ने कमिश्नर को दिए आदेश - Delhi Kasturba Hospital - DELHI KASTURBA HOSPITAL

दिल्ली के फेमस कस्तूरबा गांधी अस्पताल में गुरुवार को बड़ी लापरवाही सामने आई थी. बिजली गायब रहने से एक नवजात बच्चे की मौत हो गई. मृतक नवजात के माता-पिता राजधानी के सोनिया विहार में रहते हैं. बताया गया कि अस्पताल में मरम्मत का काम चल रहा था. हॉस्पिटल के वार्ड में कोई पावर बैकअप नहीं था.

MCD मेयर शैली ओबेरॉय.
MCD मेयर शैली ओबेरॉय. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 24, 2024, 9:52 AM IST

Updated : Aug 24, 2024, 11:43 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में बिजली नहीं होने की वजह से वेंटिलेटर पर नवजात की मौत के मामले में मेयर डॉ. शैली ओबेराय ने कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं.

मेयर ने अपने आदेश में कहा है कि मीडिया रिपोर्ट से संज्ञान में आया है कि कस्तूरबा गांधी अस्पताल में 22 अगस्त को बिजली जाने के दौरान एक नवजात की मौत हो गई थी. मेयर ने कहा कि इस मामले में एक इंक्वारी कमिटी गठित कर मामले की जांच की जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

MCD मेयर शैली ओबेरॉय.
MCD मेयर शैली ओबेरॉय. (ETV Bharat)

इससे पहले मेयर ने कस्तूरबा हॉस्पिटल में नवजात के मौत के मामले को लेकर नोटिस जारी किया था. अस्पताल प्रशासन की तरफ से बताया गया था कि बच्चे की मौत बिजली कट की वजह से नहीं हुई है, बच्चे की नाजुक हालत के बारे में माता-पिता को पहले ही बता दिया गया था. बच्चे में सांस लेने की प्रक्रिया जन्म के साथ ही विकसित नहीं हुई थी, इसलिए उसे वेंटिलेटर पर रखकर देखा जा रहा था.

बता दें कि दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल में 22 अगस्त को बिजली व्यवस्था बाधित रही थी. इस दौरान अस्पताल की व्यवस्था ठीक नहीं थी, जिससे मरीज और उनके तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस दौरान एक नवजात की मौत हो गई थी, जिसके लिए बिजली कट को जिम्मेदार ठहराया गया.

मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी
एमसीडी द्वारा पुरानी दिल्ली में संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल में गुरुवार को मोबाइल फोन के की रोशनी में दो बच्चों की डिलीवरी हुई. शाम से रात तक यह अस्पताल बिजली कटने से अंधेरे में डूबा रहा. अस्पताल कर्मियों के अनुसार, रात आठ बजे तक भी बिजली नहीं आई. ऐसे में, आपात स्थिति में दो बच्चों की डिलीवरी मोबाइल फोन की टॉर्च में कराई गई.

ये भी पढ़ेंः मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में बिजली नहीं होने की वजह से वेंटिलेटर पर नवजात की मौत के मामले में मेयर डॉ. शैली ओबेराय ने कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं.

मेयर ने अपने आदेश में कहा है कि मीडिया रिपोर्ट से संज्ञान में आया है कि कस्तूरबा गांधी अस्पताल में 22 अगस्त को बिजली जाने के दौरान एक नवजात की मौत हो गई थी. मेयर ने कहा कि इस मामले में एक इंक्वारी कमिटी गठित कर मामले की जांच की जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

MCD मेयर शैली ओबेरॉय.
MCD मेयर शैली ओबेरॉय. (ETV Bharat)

इससे पहले मेयर ने कस्तूरबा हॉस्पिटल में नवजात के मौत के मामले को लेकर नोटिस जारी किया था. अस्पताल प्रशासन की तरफ से बताया गया था कि बच्चे की मौत बिजली कट की वजह से नहीं हुई है, बच्चे की नाजुक हालत के बारे में माता-पिता को पहले ही बता दिया गया था. बच्चे में सांस लेने की प्रक्रिया जन्म के साथ ही विकसित नहीं हुई थी, इसलिए उसे वेंटिलेटर पर रखकर देखा जा रहा था.

बता दें कि दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल में 22 अगस्त को बिजली व्यवस्था बाधित रही थी. इस दौरान अस्पताल की व्यवस्था ठीक नहीं थी, जिससे मरीज और उनके तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस दौरान एक नवजात की मौत हो गई थी, जिसके लिए बिजली कट को जिम्मेदार ठहराया गया.

मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी
एमसीडी द्वारा पुरानी दिल्ली में संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल में गुरुवार को मोबाइल फोन के की रोशनी में दो बच्चों की डिलीवरी हुई. शाम से रात तक यह अस्पताल बिजली कटने से अंधेरे में डूबा रहा. अस्पताल कर्मियों के अनुसार, रात आठ बजे तक भी बिजली नहीं आई. ऐसे में, आपात स्थिति में दो बच्चों की डिलीवरी मोबाइल फोन की टॉर्च में कराई गई.

ये भी पढ़ेंः मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा

Last Updated : Aug 24, 2024, 11:43 AM IST
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