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उत्तराखंड में मानसून की बारिश लाई आफत, मसूरी में कई सड़कें बंद, जजरेड़ पहाड़ी से भूस्खलन - Monsoon rain in Uttarakhand - MONSOON RAIN IN UTTARAKHAND

Monsoon rain in Uttarakhand, Roads closed after rain in Mussoorie उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत लेकर आई है. बारिश के कारण उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं. जिसके कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं. सड़कें बद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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उत्तराखंड में मानसून की बारिश लाई आफत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 1, 2024, 3:14 PM IST

Updated : Jul 1, 2024, 4:55 PM IST

मसूरी/ विकासनगर: उत्तराखंड में मानसून की बारिश जारी है. मसूरी में बारिश के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के कारण मसूरी टिहरी बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग 707 ए लक्ष्मणपूरी के पास भारी मलबा आने से बंद हो गया. कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी पर भी भूस्खलन हुआ है. देर रात को इस स्थान पर भारी मलबा आया.लोनिवि विभाग ने बुलडोजर लगाकर मार्ग से मलबा हटाया गया.

मसूरी बारिश के बाद सड़कें बंद: मसूरी में बारिश के बाद टिहरी बाईपास रोड लक्ष्मणपूरी के पास भारी मात्रा में मलबा आ गया. जिससे मार्ग सुबह 6 बजे के करीब बंद हो गया. जिसके कारण सड़क के दोनों ओर वहानों का लम्बा जाम लग गया. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी जेसीबी के साथ करीब 11 बजे मौके पर पहुंचे. तब जाकर सड़क पर आए मलबे को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. करीब 6 घंटे के बाद माग को यातायात के लिए सुचारू किया गया. लोगों ने कहा वह सुबह से ही मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं. कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा ना ही आपदा प्रबंधन केंद्र का नंबर नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा लगातार फोन करने पर भी आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहा है.

जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन, नहीं हुआ स्थाई समाधान: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग चालीस किलोमीटर लम्बा है. इस मार्ग से रोजना सैकडों छोटे बड़े ,चौपहिया,दो पहिया लोडर वाहनों का आवागमन लगा रहता है. बरसात शुरू होते ही सफर करने वाले यात्रियों के मन में जजरेड पहाड़ी का भूस्खलन होने से डर बैठ जाता है. इस स्थान पर चकराता से विकासनगर और विकासनगर देहरादून से आने जाने वाले दो पहिया वाहन और जीप कार बरसात मे क्षतिग्रस्त हो चुकी है. कई लोग पहाड़ी से गिरने वाले पत्थरों की चपेट में आने से चोटिल हुए है. बावजूद इसके सरकार व लोनिवि इस स्थान का स्थाई समाधान नहीं कर पाया हैं. बीते कई सालों पूर्व इस स्थान पर केबिल ब्रिज को बनाने के लिए सर्वे भी किया जा चुका है.

जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन, नहीं हुआ स्थाई समाधान (Etv Bharat)

बता दें इस मोटर मार्ग से जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र के किसान अपनी नगदी फसलों को विकासनगर, देहरादून की मंडियों मे ले जाते हैं. हर बरसात सीजन में किसानों को मार्ग खुलने के इंतजार में खड़ा रहना पड़ता है. सहिया मंडी से दिल्ली ,उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आदि मंडियों के लिए सब्जियों की सप्लाई भी होती है. लोनिवि विभाग ने एक बुलडोजर मौके पर रखा है. जिससे मार्ग बंद होने पर सड़क से मलबा हटाया जा सके.

पढ़ें- नए कानून के तहत उत्तराखंड के हरिद्वार में पहला मुकदमा दर्ज, सीएम धामी ने बताया ऐतिहासिक दिन - New criminal laws



मसूरी/ विकासनगर: उत्तराखंड में मानसून की बारिश जारी है. मसूरी में बारिश के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के कारण मसूरी टिहरी बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग 707 ए लक्ष्मणपूरी के पास भारी मलबा आने से बंद हो गया. कालसी चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड पहाड़ी पर भी भूस्खलन हुआ है. देर रात को इस स्थान पर भारी मलबा आया.लोनिवि विभाग ने बुलडोजर लगाकर मार्ग से मलबा हटाया गया.

मसूरी बारिश के बाद सड़कें बंद: मसूरी में बारिश के बाद टिहरी बाईपास रोड लक्ष्मणपूरी के पास भारी मात्रा में मलबा आ गया. जिससे मार्ग सुबह 6 बजे के करीब बंद हो गया. जिसके कारण सड़क के दोनों ओर वहानों का लम्बा जाम लग गया. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी जेसीबी के साथ करीब 11 बजे मौके पर पहुंचे. तब जाकर सड़क पर आए मलबे को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. करीब 6 घंटे के बाद माग को यातायात के लिए सुचारू किया गया. लोगों ने कहा वह सुबह से ही मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं. कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा ना ही आपदा प्रबंधन केंद्र का नंबर नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा लगातार फोन करने पर भी आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहा है.

जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन, नहीं हुआ स्थाई समाधान: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग चालीस किलोमीटर लम्बा है. इस मार्ग से रोजना सैकडों छोटे बड़े ,चौपहिया,दो पहिया लोडर वाहनों का आवागमन लगा रहता है. बरसात शुरू होते ही सफर करने वाले यात्रियों के मन में जजरेड पहाड़ी का भूस्खलन होने से डर बैठ जाता है. इस स्थान पर चकराता से विकासनगर और विकासनगर देहरादून से आने जाने वाले दो पहिया वाहन और जीप कार बरसात मे क्षतिग्रस्त हो चुकी है. कई लोग पहाड़ी से गिरने वाले पत्थरों की चपेट में आने से चोटिल हुए है. बावजूद इसके सरकार व लोनिवि इस स्थान का स्थाई समाधान नहीं कर पाया हैं. बीते कई सालों पूर्व इस स्थान पर केबिल ब्रिज को बनाने के लिए सर्वे भी किया जा चुका है.

जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन, नहीं हुआ स्थाई समाधान (Etv Bharat)

बता दें इस मोटर मार्ग से जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र के किसान अपनी नगदी फसलों को विकासनगर, देहरादून की मंडियों मे ले जाते हैं. हर बरसात सीजन में किसानों को मार्ग खुलने के इंतजार में खड़ा रहना पड़ता है. सहिया मंडी से दिल्ली ,उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आदि मंडियों के लिए सब्जियों की सप्लाई भी होती है. लोनिवि विभाग ने एक बुलडोजर मौके पर रखा है. जिससे मार्ग बंद होने पर सड़क से मलबा हटाया जा सके.

पढ़ें- नए कानून के तहत उत्तराखंड के हरिद्वार में पहला मुकदमा दर्ज, सीएम धामी ने बताया ऐतिहासिक दिन - New criminal laws



Last Updated : Jul 1, 2024, 4:55 PM IST
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