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लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट उपचुनाव; भाजपा प्रत्याशी के विरोध में उतरे पार्टी के कई नेता - BJP leaders Rebel

लखनऊ पूर्वी क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है. इंडिया गठबंधन ने यहां से उम्मीदवार उतारा है. कांग्रेस के पार्षद मुकेश सिंह चौहान यहां से उम्मीदवार हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेता वर्तमान प्रत्याशी से नाराज होकर चुनाव में उस तरह से सक्रिय नहीं नजर आ रहे हैं, जैसा कि उनको होना चाहिए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 26, 2024, 1:41 PM IST

Updated : Apr 30, 2024, 3:23 PM IST

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की पूर्व विधानसभा सीट पर अपेक्षाकृत कम अनुभव के ओपी श्रीवास्तव को टिकट मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी में अंतर विरोध शुरू हो गया है. इस क्षेत्र के कई नेता घर बैठ गए हैं. जिसकी चिंता बहुत ऊपर तक है.

लखनऊ पूर्वी क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है. इंडिया गठबंधन ने यहां एकजुट होते हुए उम्मीदवार उतारा है. कांग्रेस के पार्षद मुकेश सिंह चौहान यहां से उम्मीदवार हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेता वर्तमान प्रत्याशी से नाराज होकर चुनाव में उस तरह से सक्रिय नहीं नजर आ रहे हैं, जैसा कि उनको होना चाहिए.

ओपी श्रीवास्तव जिनको भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट से उपचुनाव का टिकट दिया है, उनका भारतीय जनता पार्टी में अनुभव अपेक्षाकृत काफी कम है. इस सीट से मुख्य रूप से दिवंगत आशुतोष टंडन के छोटे भाई अमित टंडन, भाजपा नेता राजीव मिश्रा, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई, भाजपा नेता मनीष शुक्ला, भाजपा उपाध्यक्ष संतोष सिंह (जिनको MLC बना दिया गया ), भोजपुरी समाज के नेता प्रभुनाथ राय के अलावा 20 के करीब अन्य नेता टिकट मांग रहे थे.

टिकट मांगने वालों की बड़ी संख्या थी. मगर अब जब प्रचार का मौका आया है तो यह संख्या बहुत कम है. अधिकांश नेता घर बैठ गए हैं. अधिकांश कहीं भी प्रचार अभियान में नजर नहीं आ रहे हैं. टिकट के लिए सबसे मुखर एक नेता इन दिनों क्षेत्र में प्रत्याशी का सहयोग करने की जगह प्रदेश की एक प्रमुख सीट पर बड़ी भाजपा नेता के प्रचार में लगे हुए हैं. इसी तरह से ज्यादातर नेता भी किसी न किसी बहाने खुद को उपचुनाव के प्रचार अभियान से अलग किए हुए हैं.

राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर यह जरूरी होगा कि सभी नेता प्रचार में लगें, तभी भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्वी क्षेत्र में बड़ी जीत सुनिश्चित होगी. मगर इस बार यहां प्रत्याशी चयन को लेकर बहुत विवाद हो गया है.

माना जा रहा है कि कुछ खास नेताओं के नजदीकी ओपी श्रीवास्तव को बहुत कम अनुभव होने के बावजूद चुनाव में प्राथमिकता दी गई है. उनके टिकट को लेकर बहुत नाराजगी है. इसके बाद में क्षेत्र के कई बड़े नेता अपने आप को प्रचार से दूर कर चुके हैं. जिससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

दूसरी ओर विपक्ष का इंडी गठबंधन इस क्षेत्र में एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है. गठबंधन की ओर से मुकेश सिंह चौहान प्रत्याशी है जो कि कांग्रेस के पार्षद हैं. उनकी पूर्व क्षेत्र के कई वार्डों में बहुत अच्छी पकड़ है. ऐसे में मुकेश सिंह चौहान बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं. मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि उनकी बहुत बड़ी जीत होने जा रही है. भारतीय जनता पार्टी में कमजोर प्रत्याशी की वजह से बहुत मतभेद है. जिसका निश्चित तौर पर हमको फायदा मिलेगा.

ये भी पढ़ेंः सांसद बृजभूषण सिंह बोले, कैसरगंज के नाम से पूरे देश में बढ़ता है टेंपरेचर, हमारी हारने की आदत नहीं

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की पूर्व विधानसभा सीट पर अपेक्षाकृत कम अनुभव के ओपी श्रीवास्तव को टिकट मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी में अंतर विरोध शुरू हो गया है. इस क्षेत्र के कई नेता घर बैठ गए हैं. जिसकी चिंता बहुत ऊपर तक है.

लखनऊ पूर्वी क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है. इंडिया गठबंधन ने यहां एकजुट होते हुए उम्मीदवार उतारा है. कांग्रेस के पार्षद मुकेश सिंह चौहान यहां से उम्मीदवार हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेता वर्तमान प्रत्याशी से नाराज होकर चुनाव में उस तरह से सक्रिय नहीं नजर आ रहे हैं, जैसा कि उनको होना चाहिए.

ओपी श्रीवास्तव जिनको भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट से उपचुनाव का टिकट दिया है, उनका भारतीय जनता पार्टी में अनुभव अपेक्षाकृत काफी कम है. इस सीट से मुख्य रूप से दिवंगत आशुतोष टंडन के छोटे भाई अमित टंडन, भाजपा नेता राजीव मिश्रा, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई, भाजपा नेता मनीष शुक्ला, भाजपा उपाध्यक्ष संतोष सिंह (जिनको MLC बना दिया गया ), भोजपुरी समाज के नेता प्रभुनाथ राय के अलावा 20 के करीब अन्य नेता टिकट मांग रहे थे.

टिकट मांगने वालों की बड़ी संख्या थी. मगर अब जब प्रचार का मौका आया है तो यह संख्या बहुत कम है. अधिकांश नेता घर बैठ गए हैं. अधिकांश कहीं भी प्रचार अभियान में नजर नहीं आ रहे हैं. टिकट के लिए सबसे मुखर एक नेता इन दिनों क्षेत्र में प्रत्याशी का सहयोग करने की जगह प्रदेश की एक प्रमुख सीट पर बड़ी भाजपा नेता के प्रचार में लगे हुए हैं. इसी तरह से ज्यादातर नेता भी किसी न किसी बहाने खुद को उपचुनाव के प्रचार अभियान से अलग किए हुए हैं.

राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर यह जरूरी होगा कि सभी नेता प्रचार में लगें, तभी भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्वी क्षेत्र में बड़ी जीत सुनिश्चित होगी. मगर इस बार यहां प्रत्याशी चयन को लेकर बहुत विवाद हो गया है.

माना जा रहा है कि कुछ खास नेताओं के नजदीकी ओपी श्रीवास्तव को बहुत कम अनुभव होने के बावजूद चुनाव में प्राथमिकता दी गई है. उनके टिकट को लेकर बहुत नाराजगी है. इसके बाद में क्षेत्र के कई बड़े नेता अपने आप को प्रचार से दूर कर चुके हैं. जिससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

दूसरी ओर विपक्ष का इंडी गठबंधन इस क्षेत्र में एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है. गठबंधन की ओर से मुकेश सिंह चौहान प्रत्याशी है जो कि कांग्रेस के पार्षद हैं. उनकी पूर्व क्षेत्र के कई वार्डों में बहुत अच्छी पकड़ है. ऐसे में मुकेश सिंह चौहान बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं. मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि उनकी बहुत बड़ी जीत होने जा रही है. भारतीय जनता पार्टी में कमजोर प्रत्याशी की वजह से बहुत मतभेद है. जिसका निश्चित तौर पर हमको फायदा मिलेगा.

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Last Updated : Apr 30, 2024, 3:23 PM IST
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