मंडी: हिमाचल प्रदेश के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ लगातार हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं, अब मंडी में भी कथित अवैध मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर आज हिंदू संगठनों से जुड़े सैंकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई. वहीं, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया.
मंडी शहर के जेल रोड स्थित मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर कई हिंदू संगठन सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की. वहीं नगर निगम, जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ भी अपना गुबार निकाला. करीब साढ़े 11 बजे प्रदर्शनकारी सेरी मंच के पास एकत्रित हुए और उसके बाद पूरे शहर में एक जलूस निकालते हुए जमकर नारेबाजी करते हुए सुकोड़ी चौक के पास पहुंचे. यहां पुलिस की तरफ से पहले से ही बेरिकेडिंग की हुई थी और भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था.
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बेरिकेड्स पर चढ़कर उसे लांघने की कोशिश की तो वज्र वाहन के माध्यम से उनपर पानी की बौछारें की गई. प्रदर्शनकारियों ने जब आगे बढ़ने की कोशिश की तो इस दौरान उनकी पुलिस कर्मियों के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. पुलिस ने किसी भी प्रदर्शनकारी को बेरिकेड्स नहीं लांघने दिए. जैसे ही कोई बेरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश करता तो उसपर पानी की बौछारें डाल दी जाती थी. करीब डेढ़ घंटे तक यह सारा हंगामा बरपा रहा. इसके बाद में डीसी मंडी अपूर्व देवगन और एसपी मंडी साक्षी वर्मा प्रदर्शनकारियों के बीच में पहुंचे और उनके कुछ लोगों के साथ वार्ता की. जिसके बाद यह प्रदर्शन धीरे-धीरे समाप्त हो गया.
डीसी मंडी ने अपूर्व देवगन ने कहा, "प्रदर्शनकारियों से लिखित में अपनी बात रखने की अपील की गई है. जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर पहले से ही कार्रवाई की जा रही है. जो अवैध निर्माण है, उसे खुद मस्जिद कमेटी की तरफ से तोड़ा जा रहा है. भविष्य में भी नियमों और कानूनी प्रावधानों के तहत जो कार्रवाई बनती होगी उसे किया जाएगा".
डीसी मंडी ने कहा, "प्रदर्शनकारियों ने बाहरी राज्यों से यहां आकर कारोबार कर रहे लोगों की जांच करने की मांग भी रखी है. जो कि पहले से ही की जा रही है. ऐसे सभी लोगों की पुलिस वेरिफिकेशन करती है. भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर कोई व्यक्ति बिना वेरिफिकेशन के रह रहा है तो, फिर उसकी पूरी जांच पड़ताल की जाएगी और जो भी कार्रवाई बनेगी वो किया जाएगा. उन्होंने सभी से आपसी सौहार्द और भाईचारा कायम रखने की अपील भी की.
वहीं, प्रदर्शनकारी प्रशासन के आश्वासन से संतुष्ट नजर नहीं आए. प्रदर्शनकारी इस मांग पर अड़े थे कि मस्जिद को तुरंत प्रभाव से गिराया जाए. प्रदर्शनकारी गुलशन, सरीता हांडा और प्रशांत शर्मा ने कहा,"प्रशासन ने भीड़ छंटाने और प्रदर्शन को रोकने के लिए जो आश्वासन दिया है, वे उससे संतुष्ट नहीं है. जब तक मस्जिद को गिराया नहीं जाता, तब तक वे शांत बैठने वाले नहीं है. जितने बल का प्रयोग आज प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए किया यदि इतना ध्यान मस्जिद के अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर दिया होता तो, आज यह लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर नहीं होते. अगर 30 दिनों के भीतर मस्जिद को नहीं गिराया जाता तो फिर इससे भी बड़ा और उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेवारी खुद जिला प्रशासन की होगी".
बता दें कि इस पूरे प्रदर्शन में किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. पुलिस की तरफ से वॉटर कैनन के सिवाय और किसी भी तरह के बल का प्रयोग नहीं किया गया है. अधिकतर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने बेरिकेड्स लांघने का प्रयास किया, जिसके चलते वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन और पुलिस की तरफ से मस्जिद की तरफ जाने वाली सड़क पर सभी प्रकार की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया था. मस्जिद के पास भी पुलिस बल तैनात किया गया था और शहर में प्रवेश के सभी द्वारों पर पुलिस का पहरा बैठाया गया था.
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