मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में वन मंडल जोगिंदर नगर के तहत आने वाली फॉरेस्ट रेंज उरला के सझेड़ गांव में एक मादा तेंदुआ बिछाए गए जाल में फंस गई. जहां ये तेंदुआ फंसी वह सझेड़ गांव ग्राम पंचायत नौहली के तहत आता है. घटना मंगलवार 1 अक्टूबर की है. बताया जा रहा है कि यह जाल लोगों ने अपने खेतों की तरफ आने वाले जंगली जानवरों को रोकने के लिए लगाया था, जिसमें एक मादा तेंदुआ फंस गई.
ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन निभाग उरला के रेंज ऑफिसर शिवम रत्न को दी. शिवम रत्न, सीनियर वेटनरी ऑफिसर दीपक वर्मा, रिटायर्ड प्रोफेसर राजेंद्र किश्तवारिया, बीओ कमल किशोर, फारेस्ट गार्ड नरेश कुमार, राम कृष्ण और चौकीदार दुर्गा दास के साथ शाम करीब 4 बजे मौके पर पहुंचे. इस दौरान मादा तेंदुआ को ट्रेंकुलाइजर गन की मदद से बेहोश किया गया. उसके बाद इसे सड़क किनारे लाकर पूरा मेडिकल परीक्षण किया गया और फर्स्ट एड दी गई.
डीएफओ जोगिंदर नगर कमल भारती ने कहा, "स्वास्थ्य जांच में यह मादा तेंदुआ पूरी तरह से ठीक पाई गई. लगाए गए जाल से मादा तेंदुआ के शरीर पर कोई जख्म नहीं हुआ था. सिर्फ चमड़ी पर ही निशान पड़े थे. इसके बाद इस मादा तेंदुए को रात 9 बजे सुनसान जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया".
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बंदरों व अन्य जंगली जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए किसानों द्वारा खेतों के आसपास जाल का इस्तेमाल किया जाता है. इसी तरह का एक जाल पधर उपमंडल के सहेड गांव में ग्रामीणों द्वारा भी लगाया गया था, जिसमें यह मादा तेंदुआ फंस गई. फिलहाल इस मादा तेंदुए को वन विभाग की टीम द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया है और सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है.
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