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कस्टम अधिकारी बनकर ठगे 39.20 लाख, पार्सल में संदिग्ध सामान मिलने का दिया झांसा - CYBER ​​FRAUD IN CHHATTISGARH

दुर्ग में एक बार फिर शातिर सायबर ठगों ने कस्टम अधिकारी बनकर रिटायर्ड सीनियर बैंक मैनेजर को झांसा देकर 39 लाख की ठगी किया है.

CYBER ​​FRAUD in DURG Bhilai
दुर्ग भिलाई में फिर साइबर ठगी (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 2, 2025, 7:08 PM IST

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग भिलाई शहर में साल दर साल साइबर ठगों का शिकंजा कसता जा रहा है. सायबर ठगों ने एक बार फिर निजी बैंक से रिटायर्ड सीनियर मैनेजर को झांसा देकर 39.20 लाख की ठगी को अंजाम दिया है. शिकायत मिलने पर सायबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है.

कस्टम अधिकारी बताकर की ठगी : एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर के मुताबिक, यह पूरी घटना 18 दिसंबर की है, जब पुरुषोत्तम बागडे नामक व्यक्ति के फोन पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपना नाम सुनील मित्रा बताया और कहा कि वह कस्टम डिपार्टमेंट मुंबई से बोल रहे हैं. उसने आगे कहा कि आपके नाम से कुछ सामान दूसरे देश में एक्सपोर्ट किये जा रहे हैं. जिसमें 58 एटीएम कार्ड, 16 फर्जी पासपोर्ट, सिम है, बहुत सारे गैरकानूनी चीजें और 140 ग्राम ड्रग्स हैं. आपको इसके लिए अरेस्ट किया जाता है.

कस्टम अधिकारी बनकर की ठगी (ETV Bharat Chhattisgarh)

बातों में उलझा कर ठगे 39 लाख : इस तरह की बातों में उलझा कर प्रार्थी पुरुषोत्तम से अलग अलग समय पर 39 लाख रुपये ट्रांजेक्शन करा लिया गया. यहीं नहीं ठगों ने पैसा जमा कराने के बाद पुरुषोत्तम को बकायदा जमा पर्ची भी दे रहे थे. उसके दो दिन बाद ही 20 दिसंबर को दोबारा उसने कॉल किया और 5 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा. यह पूरी कार्रवाई दो हफ्ते तक चली. उसके बाद जब पुरुषोत्तम ने कॉल बैक किया तो किसी प्रकार को कोई बात नहीं हुआ. नंबर स्वीच ऑफ आने लगा, तब प्रार्थी को ठगी का अहसास हुआ और तब वे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने आए.

सुपेला थाने में रिटायर्ड बैंक अधिकारी ने आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि उनके साथ 39 लाख रुपये की ठगी हुई है. इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू किया गया है. दुर्ग पुलिस लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. साइबर ठगी से जागरूक रहकर ही बच सकते हैं. डिजिटल अरेस्ट जैसे कोई प्रावधान नहीं होता है : सुखनंदन राठौर, एएसपी (शहर), दुर्ग

एफआईआर दर्ज कर जांच जारी : सुपेला पुलिस ने मंगलवार रात नेहरु नगर ईस्ट निवासी पुरुषोत्तम बांगड़े की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया है. सायबर सेल की जांच के बाद सुपेला पुलिस ने तीन मोबाइल नंबर के धारकों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस प्रार्थी के बयान, दस्तावेज और ठगों के मोबाइल डिटेल के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है.

डिजिटल अरेस्ट जैसा किसी प्रकार का कोई प्रावधान नहीं होता. आपको पुलिस अगर पकड़ने जाएगी या गिरफ्तार करेगी तो आपके सामने फिजिकल उपस्थित होकर कार्रवाई करेगी. डिजिटल अरेस्ट करने का कोई प्रावधान नहीं है : सुखनंदन राठौर, एएसपी (शहर), दुर्ग

साइबर ठगी से अलर्ट रहने दी हिदायत : दुर्ग के एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने साइबर ठगी को लेकर लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और दुर्ग पुलिस जिले में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. साइबर ठगी से जागरूक रहकर ही बच सकते हैं. किसी प्रकार के फर्जी कॉल आते हैं या ऑनलाइन ठगी के शिकार होते हैं तो 1930 पर कॉल करें. लगातार सजग रहें, सचेत रहें.

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दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग भिलाई शहर में साल दर साल साइबर ठगों का शिकंजा कसता जा रहा है. सायबर ठगों ने एक बार फिर निजी बैंक से रिटायर्ड सीनियर मैनेजर को झांसा देकर 39.20 लाख की ठगी को अंजाम दिया है. शिकायत मिलने पर सायबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है.

कस्टम अधिकारी बताकर की ठगी : एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर के मुताबिक, यह पूरी घटना 18 दिसंबर की है, जब पुरुषोत्तम बागडे नामक व्यक्ति के फोन पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपना नाम सुनील मित्रा बताया और कहा कि वह कस्टम डिपार्टमेंट मुंबई से बोल रहे हैं. उसने आगे कहा कि आपके नाम से कुछ सामान दूसरे देश में एक्सपोर्ट किये जा रहे हैं. जिसमें 58 एटीएम कार्ड, 16 फर्जी पासपोर्ट, सिम है, बहुत सारे गैरकानूनी चीजें और 140 ग्राम ड्रग्स हैं. आपको इसके लिए अरेस्ट किया जाता है.

कस्टम अधिकारी बनकर की ठगी (ETV Bharat Chhattisgarh)

बातों में उलझा कर ठगे 39 लाख : इस तरह की बातों में उलझा कर प्रार्थी पुरुषोत्तम से अलग अलग समय पर 39 लाख रुपये ट्रांजेक्शन करा लिया गया. यहीं नहीं ठगों ने पैसा जमा कराने के बाद पुरुषोत्तम को बकायदा जमा पर्ची भी दे रहे थे. उसके दो दिन बाद ही 20 दिसंबर को दोबारा उसने कॉल किया और 5 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा. यह पूरी कार्रवाई दो हफ्ते तक चली. उसके बाद जब पुरुषोत्तम ने कॉल बैक किया तो किसी प्रकार को कोई बात नहीं हुआ. नंबर स्वीच ऑफ आने लगा, तब प्रार्थी को ठगी का अहसास हुआ और तब वे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने आए.

सुपेला थाने में रिटायर्ड बैंक अधिकारी ने आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि उनके साथ 39 लाख रुपये की ठगी हुई है. इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू किया गया है. दुर्ग पुलिस लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. साइबर ठगी से जागरूक रहकर ही बच सकते हैं. डिजिटल अरेस्ट जैसे कोई प्रावधान नहीं होता है : सुखनंदन राठौर, एएसपी (शहर), दुर्ग

एफआईआर दर्ज कर जांच जारी : सुपेला पुलिस ने मंगलवार रात नेहरु नगर ईस्ट निवासी पुरुषोत्तम बांगड़े की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया है. सायबर सेल की जांच के बाद सुपेला पुलिस ने तीन मोबाइल नंबर के धारकों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस प्रार्थी के बयान, दस्तावेज और ठगों के मोबाइल डिटेल के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है.

डिजिटल अरेस्ट जैसा किसी प्रकार का कोई प्रावधान नहीं होता. आपको पुलिस अगर पकड़ने जाएगी या गिरफ्तार करेगी तो आपके सामने फिजिकल उपस्थित होकर कार्रवाई करेगी. डिजिटल अरेस्ट करने का कोई प्रावधान नहीं है : सुखनंदन राठौर, एएसपी (शहर), दुर्ग

साइबर ठगी से अलर्ट रहने दी हिदायत : दुर्ग के एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने साइबर ठगी को लेकर लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और दुर्ग पुलिस जिले में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. साइबर ठगी से जागरूक रहकर ही बच सकते हैं. किसी प्रकार के फर्जी कॉल आते हैं या ऑनलाइन ठगी के शिकार होते हैं तो 1930 पर कॉल करें. लगातार सजग रहें, सचेत रहें.

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