कोरबा : एसईसीएल की मेगा परियोजना दीपका कोयला खदान के लिए ग्राम पंचायत मलगांव का अधिग्रहण हो चुका है. ग्रामीणों का आरोप है कि अब भी उन्हें उचित मुआवजा और बसाहट नहीं मिली है. इसके बावजूद खनन के लिए गांव को खाली कराया जा रहा है. इतना ही नहीं गांव के मतदाताओं का नाम विलोपित कर पड़ोसी गांव की सूची में जोड़ दी गई है, जिससे यहां के ग्रामीण गुस्से में हैं.
कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे ग्रामीण : सोमवार को बड़ी तादाद में यहां के लोग कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे. ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए समस्याओं के समाधान की मांग की है. कलेक्टर को ग्रामीणों ने 10 बिंदुओं वाला ज्ञापन सौंपा है.
दीपका कोयला खदान के लिए अधिग्रहित मलगांव के कई ग्रामीणों का मुआवजा गलत तरीके से तैयार किया गया है. कम राशि का आंकलन किया गया है. इसके लिए कई बार कलेक्टर कार्यालय में आवेदन किया, लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ. ग्राम पंचायत चुनाव आते ही यहां के मतदाताओं के नाम विलोपित किए गए हैं. इससे काफी नुकसान होगा, हमारे बच्चे अभी स्कूल में पढ़ रहे हैं. हमें कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ेगी : धनकुंवर कंवर, सरपंच, मलगांव
ज्ञापन में इन बातों का उल्लेख : कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम पंचायत चुनाव के लिए मलगांव के मतदाताओं का नाम दूसरे पंचायत में जोड़ दिया गया है, इसे यथावत रखा जाए. दीपका परियोजना के लिए गांव को विस्थापित करने के बाद बसाहट स्थल अब तक तय नहीं किया गया है. लेकिन ग्राम पंचायत का नाम 2025 के चुनाव से विलोपित किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
यहां ग्रामीणों के साथ सीधे सीधे अन्याय किया जा रहा है. प्रशासन और एसईसीएल कानून सम्मत प्रावधानों का पालन नहीं कर रहे हैं. गांव के पूरे अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है : सपूरन कुलदीप, भू विस्थापित नेता
खदान बंदी और चुनाव बहिष्कार की चेतावनी : ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग रखी है कि यदि गांव झाबर में बसाहट का इंतजाम किया जाता है तो मलगांव के निवासियों के लिए बिजली, पानी, सड़क, पंचायत भवन, स्कूल भवन आदि का इंतजाम पहले कर दिया जाए. यह आरोप भी लगाया है कि मलगांव के मकानों का मुआवजा गलत तरीके से तैयार किया गया है. इसमें सुधार करने की मांग ग्रामीणों ने की है. युवाओं को रोजगार देने सहित अन्य मांगों को पूरा नहीं करने पर बड़ा आंदोलन खड़ा कर खदान बंदी करने की चेतावनी ग्रामीणों ने दी है. ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की भी बात कही है.
ग्रामीणों के हित में निर्णय लेने का आश्वासन : कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने अपने चैंबर से बाहर आकर ग्रामीणों का ज्ञापन स्वीकार किया. उन्होंने ग्रामीणों के हित में निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. कलेक्टर ने कहा है कि गांववालों की जो शिकायत है, उन पर शासन के नियमों और एसईसीएल के अर्जन के प्रस्ताव हैं, उसे ध्यान में रखकर फैसला लिया जाएगा. पिछले बार कुछ गांव को अधिग्रहित कर विलोपित किया गया था, उसी प्रक्रिया का पालन इस गांव के मामले में भी किया जाएगा.