देहरादून: उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की आज बैठक आहूत की गई. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान शहीदों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की गई. इस दौरान कई मामलों में आश्रितों और पूर्व सैनिकों के लिए अनुदान बढ़ाए जाने पर भी सहमति दी गई. प्रदेश में जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों के लिए छात्रवृत्ति अनुदान की धनराशि में बढ़ोतरी किए जाने पर सहमति दी गई है.
उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक के दौरान आज विभिन्न विषयों पर चर्चा के बाद यह सहमति दी गई.मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए बालकों के लिए हर साल ₹6000 और बालिकाओं के लिए ₹8000, सभी स्नातक कक्षाओं के लिए बालकों के लिए ₹8000 बालिकाओं के लिए₹10000, सभी स्नातकोत्तर के लिए बालकों के लिए 10000 और बालिकाओं के लिए ₹12000 प्रतिवर्ष देने पर सहमति दी गई. इसके अलावा चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून की शिक्षा के लिए ₹50000 छात्रवृत्ति अनुदान राशि देने पर सहमति दी गई. मेधावी छात्रों के लिए अनुदान के तहत दसवीं में 80% अंक लाने वाले बालकों को हर साल ₹30000 और बालिकाओं को ₹50000, 12वीं में 80% अंक लाने वाले बालकों को ₹40000 और बालिकाओं को ₹60000, स्नातक में 70% अंक लाने वाले बालकों को ₹50000 और बालिकाओं को 70000 रुपए प्रतिवर्ष दिए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी गई है.
पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों और सैनिक विधवाओं के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति कक्षा 1 से आठवीं तक बालकों के लिए ₹12000 और बालिकाओं के लिए ₹15000 करने जबकि आठवीं से स्नातकोत्तर तक बालकों को प्रतिवर्ष ₹20000 और बालिकाओं को ₹25000 दिए जाने पर भी सहमति दी गई है. मुख्य सचिव ने नॉन पेंशन भोगी पूर्व सैनिकों को आकस्मिकता अनुदान ₹25000 हर साल देने, पैराप्लाजिक रिहैबिलिटेशन केंद्रों में उत्तराखंड के पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को ₹200000 प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता देने पर भी सहमति दी गई.
इसके अलावा उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था से प्रशिक्षण की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है. पूर्व सैनिक अस्तित्व के सी और सैनिक बल और राज्य पुलिस में चयन के लिए एक मुश्त अनुदान ₹40000 करने पर सहमति दी गई है. संस्था द्वारा राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख रुपए का अनुदान देने और पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों को अंतिम संस्कार के लिए ₹10000 का अनुदान देने पर भी सहमति दी गई है. पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों को 15 साल में एक बार उनके मकान के रख रखाव के लिए ₹100000 की अनुदान धनराशि देने के लिए प्रस्ताव बनाने के लिए भी कहा गया है.