दुर्ग: देश के सबसे अधिक व्हाइट टाइगर वाले जू में छत्तीसगढ़ के दुर्ग का मैत्री बाग शुमार हो रहा है. यह देश में ऐसा चौथा चिड़ियाघर है जहां व्हाइट टाइगर की संख्या आठ हो गई है. इनमें पांच नर और तीन मादा व्हाइट टाइगर हैं. प्रबंधन का दावा है कि सबसे ज्यादा व्हाइट टाइगर का प्रजनन मैत्री बाग जू में होता है. मैत्रीबाग प्रभारी डॉक्टर एन के जैन ने बताया कि इस चिड़ियाघर से देश के अन्य चिड़ियाघरों में सफेद बाघ भेजे गए हैं.
किन राज्यों में भेजे गए व्हाइट टाइगर ?: मैत्रीबाग प्रभारी डॉक्टर एन के जैन ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अब तक इस जू से इंदौर, गुजरात, बंगाल के साथ साथ देश के कई जू में सफेद बाघ भेजे गए. 28 साल पहले यहां व्हाइट टाइगर के जोड़े को लाया गया था. उसके बाद से यहां सफेद बाघों की संख्या बढ़ती गई. अब इस संख्या में इजाफा हुआ और यह संख्या आठ तक पहुंच गई. करीब 6 से ज्यादा सफेद बाघों को देश के अन्य जू में दिया गया है.
28 साल पहले भुवनेश्वर ओडिशा के नंदन कानन जू से तापसी व तरुण को लाया गया था.1998 में इस जोड़े ने पहली बार दो शावकों को जन्म दिया. तापसी और तरुण के शावकों को बोकारो झारखंड के जू में भेजा गया.दुर्ग में आज इनकी सातवीं पीढ़ी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. इनके सबसे छोटे सदस्य (शावक) बॉबी, राणा और रुस्तम हैं. मैत्रीबाग ने अब तक आधा दर्जन से अधिक जू को व्हाइट टाइगर एक्सचेंज के तौर पर दिया है- डॉ एन के जैन,मैत्रीबाग प्रभारी, दुर्ग
कब हुई थी मैत्री बाग की स्थापना?: दुर्ग के चिड़ियाघर मैत्री बाग की स्थापना साल 1972 में हुई थी. भारत और रूस की मित्रता के प्रतीक के तौर पर इस जू का निर्माण किया गया था. इसका रख रखाव भिलाई स्टील प्लांट की तरफ से किया जाता है. मैत्री बाग में व्हाइट टाइगर की देख रेख और उनका कुनबा बढ़ाने में प्रबंधन खासा एहतियात बरतता है. भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन भी सफेद बाघों की देखरेख और उनकी खुराक में मोटी रकम खर्च करता है.
मैत्री बाग जू की क्या है स्थिति?: मैत्री बाग जू की स्थिति की बात करें तो यह अभी स्मॉल जू से मीडियम जू की श्रेणी में आ चुका है. मैत्री बाग प्रभारी डॉक्टर एन के जैन ने बताया कि चिड़ियाघर को बिग, मीडियम और स्मॉल तीन प्रकार के वर्गों में बांटा गया है. बड़े जून में 500 से ज्यादा जानवर होते हैं. ऐसे जू में 50 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां होती है. मीडियम जू में 300 से 500 जानवर होते हैं. इनमें 35 से 40 जानवरों की प्रजातियां होती है. स्मॉल जू में ढाई सौ से 300 जानवर होते हैं. इनमें 20 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां होती है.