चंडीगढ़: महेंद्रगढ़ सड़क हादसे के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है. नियम को और सख्त बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों. इसी कड़ी में हरियाणा शिक्षा विभाग स्कूल बसों की स्पीड लिमिट भी तय कर दी है. हरियाणा में अब कोई भी स्कूल बस 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से नहीं दौड़ाई जा सकेगी.
स्कूल बसों की स्पीड लिमिट तय: शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक अगर किसी रूट पर 20 से अधिक छात्र हुए, तो रोडवेज की बसें भी चलाई जाएंगी. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं. जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों की बसों के साथ सरकारी स्कूलों में बच्चों को ले जा रहे वाहनों की भी जांच होगी.
राज्य सरकार अपने स्तर पर करती है वाहन की व्यवस्था: विद्यार्थी परिवहन सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में एक किलोमीटर से अधिक दूरी के स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए सरकार के स्तर पर वाहन की व्यवस्था की जाती है. विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार शिक्षा विभाग के अधिकारी परिवहन विभाग के साथ मिलकर छात्रों के लिए लगाए गए ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, कार, जीप, वैन, मिनी बस और सामान्य बसों सहित अन्य वाहनों की जांच सुनिश्चित करेंगे. इस संबंध में अधिकारी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट भी देंगे.
स्कूल प्रबंधन कमेटी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी: सभी स्कूलों की प्रबंधन कमेटी सुरक्षा के मद्देनजर ये सुनिश्चित करेंगी कि वाहन चालक पूरी तरह प्रशिक्षित हो, वो किसी प्रकार का नशा नहीं करता हो और पूरी तरह बेदाग हो, ताकि स्कूली छात्रों की सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया जाना सुनिश्चित किया जा सके.
स्कूल प्रबंधन के बस चालकों की निगरानी पर प्रश्न: हरियाणा के महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए सड़क बस हादसे के बाद ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं, जिनमें छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर उचित निगरानी नहीं की जाती है. क्योंकि छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा बसों और ड्राइवरों की उचित निगरानी नहीं की जाती है. ऐसे में छात्रों की सुरक्षा पर खतरा बना रहता है. ऐसे में सभी मुख्य सचिव द्वारा स्पष्ट किया गया है कि एसपी से लेकर डीसी के अलावा जिलों में पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, आरटीए सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी आदेशों का सख्ती से पालन करवाना सुनिश्चित करेंगे.