देहरादून: सहस्त्रधारा रोड पर स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड में पिछले कई सालों से ढेर लगे लाखों टन मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट ( वो ठोस कचरा जिसे किसी बंजर जमीन पर कई सालों से इकट्ठा करके रखा जाता है) का आखिरकार निस्तारण आज से शुरू हो गया है. महाराष्ट्र की कंपनी ने कूड़े का निस्तारण करने का जिम्मा लिया है. कूड़ा निस्तारण के पहले दिन नगर आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया. मशीन से कूड़े का निस्तारण तीन भागों में किया जाएगा और नगर निगम ने कंपनी को डेढ़ साल का समय दिया है. कंपनी द्वारा लिगेसी वेस्ट का निस्तारण होने के बाद जमीन को पार्क के रूप विकसित किया जाएगा.
बता दें कि देहरादून के घरों से निकलने वाला कूड़ा सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में जाता था, लेकिन कूड़े का निस्तारण नहीं होने के कारण ट्रेचिंग ग्राउंड में कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा था. जिसके बाद आसपास के रहने वाले लोगों के विरोध के बाद ट्रेचिंग ग्राउंड को 31 दिसंबर 2017 को बंद कर दिया गया था और साल 2018 में इसको शीशमबाड़ा में शिफ्ट किया गया था.
तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां पार्क के साथ ही अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. अधिकारियों को ट्रेंचिंग ग्राउंड में मौजूद कूड़े के निस्तारण के साथ ही उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन ट्रेचिंग ग्राउंड में करीब 04 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़े का ढेर लगा हुआ है. इस दौरान कूड़े के पहाड़ में कई बार आग भी लगी है.
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि सहस्रधारा ट्रेंचिंग ग्राउंड में 4 लाख टन मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा था. भारत सरकार के निर्देशित क्रम में लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए महाराष्ट्र की कंपनी को कार्य दिया गया था. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था और कंपनी द्वारा ड्राइव रन पूरा कर लिया गया है. कंपनी को निर्धारित समय के तहत काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कूड़े के निस्तारण की लिए ट्रंबन मंशीन काम कर रही है, जो कूड़े को तीन पार्ट में अलग कर रही है.
गौरव कुमार ने बताया कि पहला भाग मिट्टी जोकि भराव के काम में लाया जाता है, दूसरा भाग आरडीएफ जोकि सीमेंट कंपनी के काम आता है और तीसरा भाग खाद है. कूड़े के बाद जो जमीन साफ होगी, उसको इंटरसिटी पार्क के रूप डेवलप किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूरा करने के लिए कंपनी को डेढ़ साल का समय दिया गया है. इसी क्रम में कंपनी के साथ लगातार समीक्षा की जा रही है, जिससे यह कार्य अवधि के तहत पूरा किया जा सके. कंपनी द्वारा वर्तमान में एक मशीन लगाई गई है, लेकिन जल्द ही मशीनों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
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