लखनऊ: महाकुंभ-2025 की मेजबानी के लिए प्रयागराज तैयार है. आस्था की डुबकी लगाने को श्रद्धालुओं में अभी से उत्साह है. चार महीने बाद करोड़ों श्रद्धालु/पर्यटक संगमनगरी पहुंचेंगे. इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) सुविधाओं को विकसित कर रहा है. संगम तट पर अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित टेंट सिटी बसायी जाएगी. जहां पर श्रद्धालुओं के ठहरने के साथ व्यवस्थित तरीके से स्नान, ध्यान, पूजा-अर्चना की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए यहां पर हेलीकॉप्टर भ्रमण, वाटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर टूरिज्म व लजीज व्यंजन का आनंद लेने का मौका मिलेगा. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शनिवार को दी.
टेंट सिटी तीन अलग-अलग श्रेणियों की होगी : उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से परेड मैदान में पहले की तरह पारंपिक टेंट सिटी बसायी जाएगी. टेंट सिटी तीन अलग-अलग श्रेणियों होगी. विभाग की ओर से विला, महाराजा और स्विस कॉटेज में लोगों के रहने-खाने की रूपरेखा तैयार की गई है. अरैल व झूंसी में पीपीपी मोड पर टेंट सिटी बसायी जाएगी. झूंसी में ढाई एकड़ में टेंट सिटी का निर्माण होगा, जिसमें 200 कॉटेज तैयार होंगे. यहां सुपर डीलक्स, प्रिमियम, विला आदि श्रेणी में सुविधाएं मिलेंगी. अरैल में 25 एकड़ में सजने वाली टेंट सिटी में 2000 कॉटेज होंगे।. यहां डीलक्स, सुपर डीलक्स और लग्जरी श्रेणी की सुविधाएं मिलेंगी.
टेंट सिटी में मिलेंगी ये सुविधाएं: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के लिए कई विशेष व्यवस्था होगी. यहां योग, यज्ञ, प्रवचन, भजन संध्या, प्राकृतिक चिकित्सा, रिवर व्यू, सांस्कृतिक गतिविधियां, साइकिलिंग के साथ-साथ सोशल कैम्पिंग और स्वदेशी/स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों की व्यवस्था की जा रही है. यूपीएसटीडीसी महाकुंभ 2025 को यादगार बनाने के प्रयास में जुटी है. यहां आने वाले लोगों को अध्यात्म के साथ रोमांच का अनुभव मिले, इसके लिए वाटर स्पोर्ट्स, पैरासेलिंग या पैरामोटरिंग का प्रबंध किया गया है. महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए मेला मैदान के अरैल घाट पर वाटर स्पोर्ट्स के आयोजन की भी योजना है.
जयवीर सिंह ने बताया कि संगमनगरी आने वाले श्रद्धालु/पर्यटक रेत पर बसे शहर में टैंट सिटी के साथ-साथ योग-प्राणायाम और मेडिटेशन सत्र का हिस्सा भी बन सकते हैं. देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान-ध्यान के साथ ठहरने व भ्रमण करने की अच्छी व्यवस्था की जा रही है. प्रयागराज के मंदिरों का विकास, सौंदर्यीकरण, यात्री सुविधाओं के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है.