प्रयागराजः संगम नगरी में महाकुम्भ मेले की शुरुआत होने में अब ढाई माह से कम समय बचा हुआ है. अक्टूबर माह की शुरुआत तक प्रयागराज में गंगा यमुना का जलस्तर बाढ़ की वजह से बढ़ा हुआ था. अब जलस्तर के कम होने के साथ जमीन भी सूखने लगी है. जिसके बाद मेला क्षेत्र में गंगा पर बनाये जाने वाले पांटून पुलों के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है. मेला क्षेत्र में सबसे पहले ओल्ड जीटी रोड और काली सड़क पर बनने वाले पांटून पुलों के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है. पीपे के पुल के बन जाने के बाद मेला क्षेत्र में अन्य विभागों के काम भी रफ्तार पकड़ने लगेंगे. महाकुम्भ में लिए मेला क्षेत्र में कुल 30 पीपा पुल बनाये जाएंगे.
2 हजार से ज्यादा पांटून से बनेंगे 30 पीपा पुल
बता दें कि महाकुम्भ के दौरान आने वाली करोड़ों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को मेला क्षेत्र में गंगा को पार करने और आवागमन के लिए पांटून पुलों का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. 25 सेक्टर में बसाए जा रहे महाकुम्भ मेले में 30 पांटून पीपा पुल बनाये जाने हैं. गंगा पर बनाये जाने वाले इन पीपा पुलों के निर्माण में 2 हजार से ज्यादा पीपों का इस्तेमाल किया जाएगा. 30 पुलों को बनाने के लिए लगने वाले पीपा की संख्या बढ़ घट भी सकती है. क्योंकि जिन स्थानों पर गंगा में पीपा पुल बनाया जाना है, वहां पर गंगा के पाट की चौड़ाई के आधार पर पुल बनाने में पीपों की जरूरत पड़ेगी. उसी जरूरत के मुताबिक पीपा पुल के निर्माण में लगने वाले पीपों की संख्या घट बढ़ सकती है.