पन्ना। हीरानगरी के नाम से प्रसिद्ध पन्ना जिले से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम गहरा में बृहस्पति कुंड जलप्रपात मौजूद है. यह बृहस्पति कुंड जलप्रपात मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत वॉटरफॉलों में शुमार है. बरसात के समय वाटरफॉल का दृश्य देखते ही बनता है. इसकी खूबसूरती का आंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बृहस्पतिकुंड वॉटरफॉल का दीदार करने दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
700 मीटर की ऊंचाई से गिरता है झरना
बृहस्पति कुंड जलप्रपात पर 700 मीटर की ऊंचाई से झरना नीचे गिरता है. जिसका नजारा देखते हुए पर्यटक रोमांचित हो जाते हैं. बादलों में पानी उड़ता देखते ही आनंद से भाव विभोर हो जाते हैं. यह वॉटरफॉल बाघिन नदी पर बनता है. इस नदी का उद्गम स्थल सारंग धाम से शुरू होता है और इसी नदी पर सुंदर बृहस्पति कुंड जलप्रपात बनता है. आगे चलकर यह नदी उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करती है. इस वॉटरफॉल का नजारा देखने दूर-दूर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं. बरसात के समय इसका दृश्य काफी मनोहर रहता है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व्यवस्था मुस्तैद रहती है.
एमपी का पहला ग्लास ब्रिज इसी वॉटरफॉल पर बनेगा
भारत का तीसरा और मध्य प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज इसी वॉटरफॉल पर बन रहा है. जिसका टेंडर लगभग 3 करोड़ में हो चुका है. काम चालू होने वाला है. ग्लास ब्रिज लगभग 29 फीट लंबा बनेगा, जिसमें 18 फीट जमीन पर रहेगा व 11 फीट हवा में झूलेगा. ग्लास ब्रिज बन जाने से पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ जाएगी. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा यहां पर कई विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. जिसमें होटल सेल्फी स्टॉफ, ब्रिज तक पहुंचाने के लिए रास्ता, पार्क इत्यादि का काम चल रहा है.
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दूर-दूर से आते हैं पर्यटक
बरसात के मौसम में बृहस्पति कुंड जलप्रपात का दृश्य देखते ही बनता है. लिहाजा दूर-दूर से लोग इस शानदार नजारे को देखने के लिए पहुंचते हैं. बता दें कि अभी वॉटरफॉल के नीचे पहुंचने के लिए चट्टानों से होकर जाने के लिए पगडंडी नुमा रास्ता बना हुआ है, जो काफी रिस्क भरा है, इसीलिए पुलिस एवं प्रशासन द्वारा वाटरफॉल के नीचे जाने के लिए मना किया गया है, पर कई पर्यटक आदेशों को न मानते हुए नीचे चले जाते हैं.