अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का नंदा देवी का ऐतिहासिक मेला आज मां नंदा एवं सुनंदा की शोभायात्रा के साथ संपन्न हो गया. हजारों लोग मां नंदा सुनंदा के दर्शन को उमड़ पड़े. इस शोभायात्रा में चंद वंश के वंशज समेत केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी भी शामिल हुए.
मां नंदा सुनंदा की एक झलक पाने को बेताब दिखे लोग: मां नंदा एवं सुनंदा की प्रतिमाओं और डोले की एक झलक पाने के लिए दूर दराज के इलाके से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. डोला शाम के समय नंदा देवी मंदिर से शुरू होकर लाला बाजार, बंसल गली, माल रोड, कचहरी बाजार होकर सर्किट हाउस पहुंचा. जहां पर डोबा नौला में मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का विसर्जन किया गया. इस दौरान मां के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज उठा.
राज पुरोहित नागेश पंत ने कहा कि भाद्र मास की पंचमी से नंदा देवी का मेला शुरू होता है. षष्टी के दिन कदली वृक्षों (केले के पेड़) को आमंत्रण दिया जाता है. सप्तमी की सुबह उन कदली वृक्षों को नंदा देवी मंदिर परिसर में लाकर उनसे मां नंदा एवं सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण स्थानीय कलाकारों की ओर से किया जाता है. जिसके बाद नंदा अष्टमी एवं नवमी के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है. वहीं, दशमी के दिन मां की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं.
ऐतिहासिक है अलमोड़ा का नंदा देवी मेला: वैसे तो पूरे उत्तराखंड में नंदा देवी की विशेष पूजा अर्चना के साथ मेलों का आयोजन किया जाता है, लेकिन सांस्कृतिक नगरी अल्मोडा में मनाया जाने वाला नंदा देवी का मेला ऐतिहासिक है. चंद वंश के शासनकाल से ही यह मेला मनाया जाता रहा है. आज भी अल्मोड़ा के इस मेले में होने वाली नंदा सुनंदा की विशेष पूजा अर्चना के लिए चंद वंश के वंशज आते हैं. इतना ही नहीं इस मेले में दूर दराज से श्रद्धालु मां के दर्शन को उमड़ पडते हैं.
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