लखनऊ : एनएचएम मुख्यालय पर सामुदायिक स्वास्थ्य संघ के सदस्यों एवं संविदा कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन बीते दो दिनों चल रहा है. शनिवार को भी कर्मचारियों ने मुख्यालय का घेराव किया और अपनी पांच मांगों को लेकर के प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में संघ की महिला सदस्य भी मौजूद रहीं. प्रदर्शन के दौरान सदस्यों ने एंट्री गेट भी बंद रखा.
बता दें, शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान एनएचएम की एमडी पिंकी जोएल प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंची थीं, लेकिन हंगामा और नारेबाजी देख वापस लौट गईं. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी तेज कर दी थी और 'एमडी मैडम बाहर आओ' के नारे लगाने लगे. सामुदायिक स्वास्थ्य संघ के संरक्षक सुधांशु पांडेय ने बताया कि एमडी ने कई मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया है. अन्य राज्यों की अपेक्षा पांच हजार कम वेतन की बात पर जल्द फैसला लिया जाएगा. साथ ही गृह जनपद में ट्रांसफर के लिए महिलाओं और दिव्यांगों को वरीयता देने का आश्वासन दिया है.
महाराजगंज से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि मैं सीएम योगी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को बताना चाहता हूं कि हम सुदूर क्षेत्रों में जहां कही कोई व्यवस्था नहीं होती, वहां पर गरीब लोगों को चिकित्सकीय व्यवस्था प्रदान करते हैं. प्रदेश भर में पांच हजार से ज्यादा ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी जो लगातार कम कर रहे हैं पर उनका शोषण हो रहा हैं. ऐसे में यदि हम लोगों की मांगें नहीं मानी गईं तो आने वाले उपचुनाव में सरकार को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा.
सुनवाई नहीं हुई तो जुटेंगे प्रदेश भर के सीएचओ
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो प्रदर्शन कर रहे लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी. यहां जनसैलाब आ जाएगा. प्रदेश भर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) यहीं जुटेंगे. मांगें जब तक नहीं मानी जातीं, प्रदर्शन जारी रहेगा. सुबह से प्रदर्शन चल रहा है, पर अभी तक किसी ने कोई वार्ता के लिए नहीं बुलाया. कोई सुनवाई नहीं हो रही.
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