लखनऊ : डॉ. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) दिसंबर में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं के तुरंत बाद जनवरी में कैरीओवर परीक्षा कराएगा. प्रदेश भर में होने वाली इस परीक्षा में करीब एक लाख से अधिक छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि फाइनल ईयर में पढ़ने वाले बीटेक, एमटेक, एमसीए सहित विभिन्न कोर्सों के छात्र बैक सेमेस्टर को क्लियर नहीं कर पाते हैं. इससे उनकी डिग्री रुक जाती है. ऐसे छात्रों को राहत देने के लिए ही विश्वविद्यालय ने कैरीओवर परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार कैरीओवर परीक्षाएं एमसीक्यू पैटर्न पर आयोजित की जाएंगी. इसमें वह छात्र भाग लेंगे जिनका पिछले सेमेस्टर की परीक्षा में अंक सुधार अथवा नंबर कम आए हैं. एकेटीयू से पूरे प्रदेश में 750 इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेज संबद्ध है. इन कॉलेज में करीब 5 लाख से अधिक छात्र अध्यनरत हैं. हर साल फाइनल ईयर के बीटेक, एमटेक और एमसीए सहित विभिन्न कोर्सों में 80000 से 100000 छात्र ऐसे होते हैं, जो फाइनल ईयर के सेमेस्टर परीक्षा तो पास कर लेते हैं पर पीछे के बैकलॉग को नहीं पूरा कर पाते हैं.
डॉ. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने बैकओवर परीक्षा को पहले ही घोषित कर दिया था लेकिन अब इसे दिसंबर में कराने की तैयारी है. इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अब फाइनल ईयर में फेल होने वाले छात्रों को कोर्स पास करने के लिए एक साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. नई व्यवस्था के तहत छात्र जिस साल फेल होंगे. उसी साल वे कैरी वर परीक्षा देकर पास हो सकेंगे.
एमसीक्यू पैटर्न होने की वजह से समय भी बचेगा और मूल्यांकन भी तेजी से हो जाएगा.कुछ ही दिनों में छात्रों को परिणाम भी प्राप्त हो जाएगा. विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रण डॉक्टर राजीव कुमार ने बताया कि कंप्यूटर बेस्ड कैरीओवर बोर्ड परीक्षा पहले फाइनल ईयर में लागू की जाएगी. इसके बाद बाकी सेमेस्टर में इसकी शुरूआत की जाएगी. इसके लिए एजेंसी का चयन किया गया है. इसके साथ ही क्वेश्चन बैंक भी तैयार कर लिया गया है. इसके बाद ऑनलाइन एग्जाम में आई के मदद से हर छात्र से अलग-अलग सवाल पूछे जाएंगे.
डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि अब तक फाइनल ईयर में फेल छात्र अगले साल ही अपना बैक पेपर का एग्जाम दे पाते थे. इससे वह एक साल तक कुछ और नहीं कर पाते थे. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन बीच-बीच में स्पेशल कैरीओवर परीक्षाएं पहले करवाता आया था. इसमें लाखों की संख्या में छात्र शामिल होते थे. ऐसे में इस परीक्षा को करने और इसके मूल्यांकन की अवधि में अधिक समय लगने के कारण छात्रों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ता था. पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब छात्रों को राहत देते हुए हर साल कैरी ओवर परीक्षा करने का निर्णय लिया है. यह परीक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन होगी. दो महीने के अंदर परीक्षा कराकर परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा.
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