लखनऊ : कभी सूटकेस का हैंडल तो कभी विग के अंदर सोने का खजाना मिला. कई मामलों में लोगों के प्राइवेट पार्ट में भी तस्करी का सोना मिल चुका है. उन्हें निकालने में कस्टम अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. दरअसल राजधानी में लगातार सोने की तस्करी बढ़ रही है. इसके लिए तस्कर रोजाना नायाब तरीका अपना रहे हैं. बीते पांच वर्षों में सिर्फ राजधानी से करीब 400 किलों सोना बरामद किया जा चुका है. अधिकांश सोना लखनऊ एयरपोर्ट से बरामद किया गया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर राजधानी में इतना सोना क्यों पहुंचता है और इन्हें लाने के लिए किन किन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता रहा है.
दो दिन पहले मलाशय में मिला था 2 करोड़ का सोना : बीते सोमवार को राजधानी के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट में शाहजहां की फ्लाइट से 12 लोग एयरपोर्ट से बाहर आ रहे थे. तभी कस्टम के अधिकारियों ने सभी 12 लोगों की स्कैनिंग कराई गई तो उनके मलाशय में 2 करोड़ का सोना मिला था. सोना कैप्सूल के रूप में बना कर उसे खा लिया गया था. हालांकि कस्टम के अधिकारी गोल्ड स्मगलिंग के इस तरीके को देख ज्यादा हैरान नहीं थे, क्योंकि बीते कई वर्षों में राजधानी एयरपोर्ट में ऐसे सैकड़ों तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो नायाब तरीकों को इस्तेमाल कर सोने की तस्करी कर चुके हैं.
नयाब तरीकों से होती है गोल्ड स्मगलिंग : सोने की स्मैगलिंग के लिए तस्कर कभी सूटकेस का हैंडल सोने का बनवा कर लाते हैं, तो कभी सिर की विग में सोना छिपा कर लाया जाता है. कभी कॉफी की मशीन में तो कभी जूते के तलवे में छुपाकर सोना लाया जाता है. सबसे हैरानी वाली बात तो तब होती है जब लोग मलाशय में छुपा कर लाते हैं.
पूर्व कस्टम अधिकारी महेंद्र शुक्ला के मुताबिक कस्टम के अधिकारी जिन तस्करों को एयरपोर्ट से गिरफ्तार करते हैं, असल में वे महज गोल्ड स्मगलिंग के गैंग के कुरियर मात्र होते हैं, जिन्हें बस तस्करी करने के लिए इस्तमाल किया जाता है. तस्करी कैसे होनी है, कहां छुपा कर ले जाना है ये सब गैंग के सरगना ही तय करते हैं.
महेंद्र बताते हैं कि पहले इन इन तस्कर के जरिए 700 ग्राम ही सोना भेजा जाता था, जिससे ये गिरफ्तार नहीं किए जाते हैं. क्योंकि 700 ग्राम से कम व 20 लाख की कीमत तक का सोना मिलने पर तस्कर गिरफ्तार नहीं होता है. बस सोना ही जब्त किया जाता है, लेकिन अब तस्कर अधिक मात्रा में सोना भेज रहे हैं. जिसका उदाहरण बीते दिनों मिला 2 करोड़ का सोना उदाहरण है.
हर माह होती है सोने की तस्करी : अक्टूबर 2023 को बिहार का युवक दुबई से 50 लाख का सोना अपने पेट में छुपा कर लखनऊ एयरपोर्ट से निकल रहा था. एक्सरे में उसकी पोल खुली और पकड़ा गया. जनवरी 2024 को एक यात्री कॉफी मशीन के बॉयलर हिस्से में कंसील करके तीन किलो सोना दुबई से लेकर आ रहा था, जबकि इसी के साथ दूसरा यात्री 554 ग्राम सोने का पेस्ट बनाकर उसे अपने शरीर के आंतरिक हिस्से में बांधकर लाया था, लेकिन स्कैनिंग के दौरान दोनों पकड़े गए.
वर्ष 2022 की फरवरी मे चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ में मस्कट से लाया गया डेढ़ करोड़ की कीमत का ढाई किलों सोना पकड़ा गया. अप्रैल 2023 में दुबई से तस्करी कर लाया गया 24 लाख का सोना कस्टम ने जब्त किया. मई 2023 के माह में शारजाह से एक तस्कर प्लेन के बाथरूम में सोना छुपा कर लखनऊ लाया. जहां से वह नेपाल ले जाने वाला था. जुलाई में दुबई से आया एक व्यक्ति अपने गुप्तांग के पास छुपा कर 20 लाख का सोना तस्करी करने की फिराक में था, लेकिन गिरफ्तार कर लिया. 2022 से अब तक लगभग हर महीने सोने के तस्कर को करोड़ों के सोने के साथ पकड़ा गया है. साफ है कि गोल्ड स्मगलिंग के लिए तस्करों ने लखनऊ को हब बना लिया है.
इन देशों से तस्करी होकर आता है सोना : दरअसल बीते कुछ वर्षों में गिरफ्तार हुए सोने के तस्करों का इतिहास पता करने पर सामने आया है कि भारत में सोने की तस्करी दुबई, शारजाह,मस्कट, बैंकाॅक व सऊदी से होती है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसका दायरा बढ़ है और चीन, ताइवान, म्यामार और हांगकांग के रास्ते भी सोना भारत लाया जा रहा है. खाड़ी देशों में गोल्ड कस्टम फ्री होता है जबकि भारत में कस्टम फीस व जीएसटी को मिला लें तो सोने इन देशों से 6 लाख रुपये महंगा होता है. यही वजह है कि सोने की स्मगलिंग की जाती है.