देहरादून: मानसून सीजन के दौरान इन दिनों जहां भारी बारिश मुसीबत बन रही है, तो सीजन के शुरुआती दो महीने भविष्य की चिंता को भी जाहिर कर रहे हैं. दरअसल जून और जुलाई महीने में बारिश के आंकड़े सामान्य के करीब तो दिखते हैं, लेकिन बारिश को लेकर पुराना पैटर्न भविष्य में सूखे की स्थिति की तरफ इशारा कर रहा है. मानसून सीजन में बारिश की अब तक की स्थिति पर क्या कहते हैं आंकड़े, ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.
कहीं कम कहीं ज्यादा बारिश: राज्य में जुलाई का महीना बारिश को लेकर खास रहा. इस दौरान तमाम जिलों में अच्छी खासी बारिश देखने को मिली. हालांकि यह सामान्य से महज 15 प्रतिशत ही अधिक रही, लेकिन इसने पिछले महीनों के सूखे की कमी को कुछ हद तक दूर करने का काम किया. मौसम विभाग मानसून सीजन को 1 जून से 30 सितंबर तक मानता है. विभाग मानसून सीजन के तौर पर इस दौरान हुई बारिश का आकलन करता है. जुलाई के महीने में अच्छी बारिश होने की उम्मीद की जाती है और इस सीजन में भी बारिश सामान्य से ऊपर हो रही है.
हालांकि इस मानसून सीजन में भी जुलाई के महीने अच्छी बारिश हुई. इसके बावजूद भी मौजूदा आंकड़े आने वाले समय में कई जिलों के लिए सूखे के संकेत दे रहे हैं. आइए जानते आंकड़ों से जानिए क्या है स्थिति.
बारिश के आंकड़े
- मानसून सीजन के रूप में जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर का किया जाता है आकलन
- इस सीजन में जून महीने के दौरान 49% कम बारिश हुई रिकॉर्ड
- जून में सामान्य 176.8 मिलीमीटर बारिश की तुलना में 89.5 MM बारिश हुई
- जुलाई महीने में सामान्य से 15% अधिक बारिश हुई
- इस महीने 481.9 MM बारिश रिकार्ड की गई, जबकि सामान्य 417.9 MM मानी जाती है
- साल 2023 में जून महीने में 15% कम हुई थी बारिश
- सामान्य बारिश 176.8 MM की तुलना में 150.5 MM रिकॉर्ड हुई बारिश
- साल 2023 में जुलाई महीने में 31% ज्यादा बारिश हुई
- जुलाई 2023 में सामान्य 417.8 MM की तुलना में 547.1 MM बारिश हुई
- साल 2023 में मानसून सीजन के 4 महीनों के दौरान कुल 3 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जो सामान्य के करीब रही
कई हिस्सों में कम बारिश बढ़ाएगी मुसीबत: बारिश को लेकर यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि इस बार मानसून के 2 महीने में पिछले साल की तुलना में बारिश कम रही है. ऐसे में आने वाले 2 महीनों के दौरान यदि बारिश सामान्य से कम रहती है, तो यह स्थिति राज्य के लिए परेशानी भरी हो सकती है. उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं कि जुलाई महीने में इस बार बारिश विभिन्न जिलों में मिली है लेकिन जून महीने में बारिश की काफी कमी रही. फिलहाल इस महीने बारिश सामान्य के पास ही रही है, जो राज्य के लिए बेहतर है.
प्रदेश में ऐसे भी कुछ जिले हैं, जो पिछले सालों की तरह ही इस बार भी बारिश को लेकर वही पैटर्न दोहरा रहे हैं. यानी कुछ जिले ऐसे हैं, जहां पिछले साल भी बारिश कम हुई थी और इस बार भी आंकड़े यही संकेत दे रहे हैं. एक जिला ऐसा भी है, जहां पिछले साल भी बारिश सामान्य से कहीं ज्यादा हुई थी और इस साल भी यही हालात हैं. आंकड़ों से जानिए बारिश का पैटर्न.
बारिश का पैटर्न
- साल 2023 में बागेश्वर जिले में हुई सामान्य से बेहद ज्यादा बारिश
- यहां 2023 में 164 प्रतिशत बारिश सामान्य से अधिक रिकॉर्ड की गई
- इस साल 2024 में भी दो महीनों के दौरान बागेश्वर जिले में हुई 174 प्रतिशत ज्यादा बारिश
- पौड़ी में पिछले साल 25 प्रतिशत कम बारिश बनी मुसीबत
- इस साल 2 महीनों में 50 प्रतिशत कम बारिश हुई
- साल 2023 में चंपावत में 24 प्रतिशत और रुद्रप्रयाग में 21 प्रतिशत कम बारिश हुई
- इस साल 2024 में उत्तरकाशी में 38 प्रतिशत और हरिद्वार में 37 प्रतिशत कम बारिश हुई
मौजूदा आंकड़े जाहिर करते हैं कि इस साल 2 महीने के भीतर बारिश को लेकर जो आंकड़े आए हैं, वो कई जिलों के लिए चिंताजनक हैं. इस बार कई जिलों में सूखे की स्थिति बन सकती है. खास तौर पर पौड़ी, हरिद्वार और उत्तरकाशी जिलों में समस्या पैदा हो सकती है.
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