मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के चिरमिरी के संयुक्त श्रमिक संघठनों ने कोल उत्पादन ठप रखा. श्रमिक संगठनों की माने तो कुछ बिंदुओं को लेकर केंद्र सरकार के सामने मांग रखी गई थी.मांग पूरी ना होने पर भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी श्रमिकों ने दी है. श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों के मुताबिक पूरे तीन शिफ्ट में हड़ताल जारी रहेगी. जिसके कारण केंद्र सरकार को राजस्व को काफी नुकसान होगा.
प्राइवेट माइंस के खिलाफ आंदोलन: श्रमिक संगठनों की माने तो कर्मचारियों के साथ ठेका श्रमिक काम करते हैं. चारों ट्रेड यूनियन मिलकर इस स्ट्राइक को कर रहे हैं. ये हड़ताल कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में हैं. जो सरकार की गलत नीति है. जिन उद्योगपतियों को खदानें बांटी जा रही है,वो भविष्य में फायदा कमाएंगे.लेकिन जो मजदूर के बच्चे हैं वो बेरोजगार हो रहे हैं. ये प्राइवेट माइंस पूंजीपतियों को दी जा रही है. इसीलिए हम केंद्र के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
''छोटे व्यापारियों के द्वारा सरकार को जगाने का प्रयास जारी है. जिस प्रकार से दिन प्रतिदिन नए-नए कानून लाकर खदानों को नीलामी की जारी है.उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है.उससे मजदूरों का शोषण हो रहा है जो मजदूरों का 1100 से 1500 वेतन बनता है उन मजदूरों को 200 से 300 रुपए दिया जाता है.'' देवेन्द्रनाथ शर्मा, एरिया वेलफेयर, एच.एम.एस. संगठन
आपको बता दें कि श्रमिक संगठनों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन बुलाया था. जिसमें 10 अन्य संगठनों ने भी अपनी भागीदारी दी.जिसका उद्देश्य निजीकरण को बंद करना था.