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लोहिया की धरती पर पहली बार फहराया सपा का परचम, लालजी वर्मा ने प्रतिद्वंद्वी को ऐसे दी शिकस्त - Loksabha Election Result 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम (Loksabha Election Result 2024) भले ही विपक्ष को मैजिक नंबर तक नहीं पहुंचा सके, लेकिन जीत की धमक से सत्ता पक्ष हिल गया है. अम्बेडकरनगर में समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी लालजी वर्मा की जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है. लालजी वर्मा ने 1 लाख 37 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है.

सपा के लालजी वर्मा ने प्रतिद्वंद्वी को दी शिकस्त.
सपा के लालजी वर्मा ने प्रतिद्वंद्वी को दी शिकस्त. (Photo Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 4:17 PM IST

लोहिया की धरती पर समाजवाद का परचम. (Video Credit-Etv Bharat)

अम्बेडकरनगर : लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सपाइयों की बांछें खिल गयी हैं. समाजवाद के पुरोधा डॉ. लोहिया की धरती पर पहली बार लोकसभा चुनाव में समाजवाद का परचम फहरा है. लालजी वर्मा लोकसभा चुनाव जीत कर अम्बेडकरनगर में एक इतिहास कायम किया है. अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से पहली बार कोई पिछड़ी जाति का नेता लोकसभा का चुनाव जीता है. लालजी र्मा ने 1 लाख 37 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की है.

अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट को लेकर सिर्फ भाजपा और सपा इन दो पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर नहीं लगी थी, बल्कि दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के सामने अपना सियासी रसूख बचाने की चुनौती थी. चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडे ने जीत का माहौल बनाने की कोशिश खी थी. लालजी वर्मा पर भाजपा के सियासी हमले व लालजी वर्मा और उनके समर्थकों पर प्रशासन की कार्रवाई भी एक चुनावी मुद्दा बन गया. दोनों ही प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन आखिर में सियासी नब्ज पकड़ने में माहिर लालजी वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडे को करारी शिकस्त दे दी. यूपी के तमाम कुर्मी बाहुल्य जिलों में लालजी वर्मा की मजबूत पकड़ है और इस चुनाव में सपा को इसका फायदा भी मिला.



सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा का सियासी कॅरियर: लालजी वर्मा की गणना जमीन से जुड़े जुझारू नेता के रूप में होती है. किसान परिवार में जन्मे लालजी वर्मा ने सियासत की शुरुआत अपने छात्र जीवन से ही शुरू कर दी थी. इलाहाबाद से कृषि विज्ञान में परास्नातक करने के दौरान लालजी वर्मा छात्र संघ के महामंत्री रहे. 1986 में पहली बार विधान परिषद का चुनाव लड़े और सदन पहुंचे. हालांकि बीच में इस्तीफा देकर 1992 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और जीत हासिल की.

लालजी वर्मा चार बार टांडा विधानसभा क्षेत्र और दो बार कटेहरी विधानसभा से विधायक बने. वर्ष 2007 में लालजी वर्मा बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इनके नेतृत्व में बसपा को पूर्ण बहुमत मिला. बसपा सरकार में लालजी वर्मा वित्त, संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे. लालजी वर्मा के ही कार्यकाल में अम्बेडकरनगर में मेडिकल काॅलेज से लेकर इंजीनियरिंग काॅलेज तक की स्थापना हुई. लालजी वर्मा तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे.

यह भी पढ़ें : अंबेडकर नगर सीट Voting Updates; सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा की पुलिस से झड़प, कहा- बिना वारंट आप घर में घुस आए - Ambedkar Nagar SEAT POLLING PERCENT

यह भी पढ़ें : अमित शाह के फेक वीडियो मामले में पूर्व मंत्री लालजी वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज, घर पहुंची दिल्ली पुलिस - Home Minister Amit Shah Fake Video

लोहिया की धरती पर समाजवाद का परचम. (Video Credit-Etv Bharat)

अम्बेडकरनगर : लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सपाइयों की बांछें खिल गयी हैं. समाजवाद के पुरोधा डॉ. लोहिया की धरती पर पहली बार लोकसभा चुनाव में समाजवाद का परचम फहरा है. लालजी वर्मा लोकसभा चुनाव जीत कर अम्बेडकरनगर में एक इतिहास कायम किया है. अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से पहली बार कोई पिछड़ी जाति का नेता लोकसभा का चुनाव जीता है. लालजी र्मा ने 1 लाख 37 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की है.

अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट को लेकर सिर्फ भाजपा और सपा इन दो पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर नहीं लगी थी, बल्कि दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के सामने अपना सियासी रसूख बचाने की चुनौती थी. चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडे ने जीत का माहौल बनाने की कोशिश खी थी. लालजी वर्मा पर भाजपा के सियासी हमले व लालजी वर्मा और उनके समर्थकों पर प्रशासन की कार्रवाई भी एक चुनावी मुद्दा बन गया. दोनों ही प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन आखिर में सियासी नब्ज पकड़ने में माहिर लालजी वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडे को करारी शिकस्त दे दी. यूपी के तमाम कुर्मी बाहुल्य जिलों में लालजी वर्मा की मजबूत पकड़ है और इस चुनाव में सपा को इसका फायदा भी मिला.



सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा का सियासी कॅरियर: लालजी वर्मा की गणना जमीन से जुड़े जुझारू नेता के रूप में होती है. किसान परिवार में जन्मे लालजी वर्मा ने सियासत की शुरुआत अपने छात्र जीवन से ही शुरू कर दी थी. इलाहाबाद से कृषि विज्ञान में परास्नातक करने के दौरान लालजी वर्मा छात्र संघ के महामंत्री रहे. 1986 में पहली बार विधान परिषद का चुनाव लड़े और सदन पहुंचे. हालांकि बीच में इस्तीफा देकर 1992 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और जीत हासिल की.

लालजी वर्मा चार बार टांडा विधानसभा क्षेत्र और दो बार कटेहरी विधानसभा से विधायक बने. वर्ष 2007 में लालजी वर्मा बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इनके नेतृत्व में बसपा को पूर्ण बहुमत मिला. बसपा सरकार में लालजी वर्मा वित्त, संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे. लालजी वर्मा के ही कार्यकाल में अम्बेडकरनगर में मेडिकल काॅलेज से लेकर इंजीनियरिंग काॅलेज तक की स्थापना हुई. लालजी वर्मा तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे.

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