जयपुर. लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसी कड़ी में निर्वाचन विभाग ने मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन नियमों की सभी को पालना करनी होगी. प्रथम चरण के निर्वाचन क्षेत्रों में 17 अप्रैल को शाम 6 बजे प्रचार-प्रसार थमेगा, जबकि दूसरे चरण के निर्वाचन क्षेत्रों में 24 अप्रैल को शाम 6 बजे प्रचार-प्रसार थम जाएगा.
48 घंटे के नियम : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव-2024 और बागीदौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के लिए मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार, पहले चरण के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि 17 अप्रैल को शाम 6 बजे से आरंभ होकर मतदान समाप्ति अवधि 19 अप्रैल को शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगी. वहीं, दूसरे चरण के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और बागीदौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के लिए यह अवधि 24 अप्रैल शाम 6 बजे से मतदान समाप्ति अवधि 26 अप्रैल को शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगी. गुप्ता ने बताया कि इन 48 घंटों की कालावधि के दौरान इन बातों का ध्यान रखना होगा.
- निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस नहीं बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा.
- चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा.
- कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति यदि इन उपबंधों का उल्लंघन करता है, तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी.
छोड़ना होगा निर्वाचन क्षेत्र : भारत निर्वाचन आयोग ने प्रासंगिक पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है और सांसद या विधायक नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के पश्चात नहीं ठहर सकता. यह भी निर्देश है कि राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनीतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से भिन्न) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा. गुप्ता ने बताया कि इन निर्देशों की पालना निर्वाचन मशीनरी और पुलिस प्रशासन की ओर से सुनिश्चित करने के निर्देश आयोग ने दिए हैं. इसमें सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं आदि जहां पर बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जाता है, उनकी निगरानी करने व सत्यापन करने की कार्रवाई भी शामिल है.