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अखिलेश यादव का सीक्रेट खटाखट फार्मूला, जिसने यूपी में दो लड़कों की पिक्चर सुपरहिट करा दी - lok sabha election up result 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 8:58 AM IST

Updated : Jun 6, 2024, 9:16 AM IST

यूपी में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने लोकसभा चुनाव 2024 में कमाल कर दिया. दोनों दलों ने यूपी में 43 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी को जोरदार झटका दिया है. चलिए जानते हैं आखिर इस सुपरहिट फिल्म का फार्मूला क्या रहा है.

Lok Sabha Election UP Result 2024 SP Akhilesh Yadav PDA backward Dalit and minority formula
lok sabha election up result 2024 (photo credit: etv bharat)

लखनऊः यूपी में इस बार लोकसभा परिणाम ने पूरे देश को चौंका दिया. इस चुनाव में बीजेपी को जहां जोरदार झटका लगा है तो वहीं कांग्रेस और सपा ने जबर्दस्त कमबैक किया है. ये चुनाव इन दोनों ही पार्टियों के लिए सुपरहिट फिल्म जैसा रहा. चलिए जानते हैं कि आखिर इस सुपरहिट फिल्म के पीछे कौन सा फार्मूला काम कर गया.

इस लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के बड़े नेता बनकर उभरे हैं. वजह उनकी पार्टी सपा को 37 सीटों पर मिली जीत. इसी के साथ कांग्रेस को मिली छह सीटों का श्रेय भी कहीं न कहीं राहुल गांधी के साथ ही अखिलेश यादव को भी जाता है. इस चुनाव में अखिलेश यादव की रणनीति कुछ अलग रही.

अखिलेश यादव का खटाखट फार्मूला

  • अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा बुलंद किया. पीडीए मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक. अखिलेश जानते थे कि इन तीनों की बदौलत वह लोकसभा में बड़ी सफलता को हासिल कर सकते हैं. ऐसा हुआ भी सपा के 37 में 20 सांसद ओबीसी, एससी से आठ और चार सांसद मुस्लिम हैं.
  • अखिलेश यादव ने सामान्य जाति यानी ठाकुर, ब्राह्मण और वैश्य को भी टिकट दिए. इसकी वजह से सपा के ब्राह्मण प्रत्याशी सनातन पांडेय, वैश्य रूचि वीरा और भूमिहार राजीव राय जीतने में कामयाब रहे. इसके अलावा दो ठाकुर आनंद भदोरिया और वीरेंद्र सिंह भी जीते.
  • अखिलेश यादव ने मेरठ और फैजाबाद (अयोध्या) से दलित उम्मीदवारों को उतारा. हालांकि मेरठ से सपा की उम्मीदवार सुनीता वर्मा हार गई लेकिन फैजाबाद में सपा का प्रयोग अच्छा रहा. यहां से सपा के दलित उम्मीदवार अवधेश प्रसाद बीजेपी के दिग्गज उम्मीदवार लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हराने में कामयाब रहे.
  • अखिलेश यादव ने सबसे ज्यादा 27 टिकट ओबीसी समुदाय को दिए. इसमें भी सबसे ज्यादा 10 टिकट पटेल व कुर्मी बिरादरी को दिए. शायद यही वजह रही कि इस समुदाय से नरेश उत्तम, लालजी वर्मा समेत कई उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे.
  • अखिलेश यादव जानते थे कि उन पर इस चुनाव में परिवारवाद व जातिवाद के आरोप लग सकते हैं. शायद यही वजह रही कि उन्होंने यादव जाति को सिर्फ पांच टिकट दिए. ये पांचों टिकट उनके परिवार के ही थे. उनका यह फैसला सुपरहिट रहा. यादव परिवार के सभी सदस्य अखिलेश यादव, डिंपल यादव, आदित्य यादव, अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव संसद पहुंच चुके हैं. अगर 2019 की बात करें तब सपा ने 10 यादव उम्मीदवार उतारे थे.

पीडीए फार्मूला कब लाए अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने जून 2023 में इस फार्मूले को पेश किया था. तब दावा किया था कि यह फार्मूला एनडीए को जरूर हराएगा. शायद यही वजह रही कि उनका यह फार्मूला पूरी तरह से सुपरहिट रहा.

ये भी पढ़ेंः पांच वजहें, रायबरेली या वायनाड, कौन सी सीट राहुल गांधी छोड़ सकते हैं?, क्या प्रियंका गांधी उतरेंगी मैदान में?

लखनऊः यूपी में इस बार लोकसभा परिणाम ने पूरे देश को चौंका दिया. इस चुनाव में बीजेपी को जहां जोरदार झटका लगा है तो वहीं कांग्रेस और सपा ने जबर्दस्त कमबैक किया है. ये चुनाव इन दोनों ही पार्टियों के लिए सुपरहिट फिल्म जैसा रहा. चलिए जानते हैं कि आखिर इस सुपरहिट फिल्म के पीछे कौन सा फार्मूला काम कर गया.

इस लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के बड़े नेता बनकर उभरे हैं. वजह उनकी पार्टी सपा को 37 सीटों पर मिली जीत. इसी के साथ कांग्रेस को मिली छह सीटों का श्रेय भी कहीं न कहीं राहुल गांधी के साथ ही अखिलेश यादव को भी जाता है. इस चुनाव में अखिलेश यादव की रणनीति कुछ अलग रही.

अखिलेश यादव का खटाखट फार्मूला

  • अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा बुलंद किया. पीडीए मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक. अखिलेश जानते थे कि इन तीनों की बदौलत वह लोकसभा में बड़ी सफलता को हासिल कर सकते हैं. ऐसा हुआ भी सपा के 37 में 20 सांसद ओबीसी, एससी से आठ और चार सांसद मुस्लिम हैं.
  • अखिलेश यादव ने सामान्य जाति यानी ठाकुर, ब्राह्मण और वैश्य को भी टिकट दिए. इसकी वजह से सपा के ब्राह्मण प्रत्याशी सनातन पांडेय, वैश्य रूचि वीरा और भूमिहार राजीव राय जीतने में कामयाब रहे. इसके अलावा दो ठाकुर आनंद भदोरिया और वीरेंद्र सिंह भी जीते.
  • अखिलेश यादव ने मेरठ और फैजाबाद (अयोध्या) से दलित उम्मीदवारों को उतारा. हालांकि मेरठ से सपा की उम्मीदवार सुनीता वर्मा हार गई लेकिन फैजाबाद में सपा का प्रयोग अच्छा रहा. यहां से सपा के दलित उम्मीदवार अवधेश प्रसाद बीजेपी के दिग्गज उम्मीदवार लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हराने में कामयाब रहे.
  • अखिलेश यादव ने सबसे ज्यादा 27 टिकट ओबीसी समुदाय को दिए. इसमें भी सबसे ज्यादा 10 टिकट पटेल व कुर्मी बिरादरी को दिए. शायद यही वजह रही कि इस समुदाय से नरेश उत्तम, लालजी वर्मा समेत कई उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे.
  • अखिलेश यादव जानते थे कि उन पर इस चुनाव में परिवारवाद व जातिवाद के आरोप लग सकते हैं. शायद यही वजह रही कि उन्होंने यादव जाति को सिर्फ पांच टिकट दिए. ये पांचों टिकट उनके परिवार के ही थे. उनका यह फैसला सुपरहिट रहा. यादव परिवार के सभी सदस्य अखिलेश यादव, डिंपल यादव, आदित्य यादव, अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव संसद पहुंच चुके हैं. अगर 2019 की बात करें तब सपा ने 10 यादव उम्मीदवार उतारे थे.

पीडीए फार्मूला कब लाए अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने जून 2023 में इस फार्मूले को पेश किया था. तब दावा किया था कि यह फार्मूला एनडीए को जरूर हराएगा. शायद यही वजह रही कि उनका यह फार्मूला पूरी तरह से सुपरहिट रहा.

ये भी पढ़ेंः पांच वजहें, रायबरेली या वायनाड, कौन सी सीट राहुल गांधी छोड़ सकते हैं?, क्या प्रियंका गांधी उतरेंगी मैदान में?

Last Updated : Jun 6, 2024, 9:16 AM IST
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