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बीजेपी के दिग्गजों के दौरों के सामने क्या थी कांग्रेस की स्ट्रेटजी? जानिए चुनावी कैंपेन का गुणा भाग - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Lok Sabha Election Campaigns in Uttarakhand उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर करीब एक महीने तक चुनावी शोर सुनाई दिया. वोटरों को साधने और अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए तमाम दिग्गजों के कदम उत्तराखंड में पड़े. जिसमें बीजेपी के सबसे ज्यादा स्टार प्रचारकों ने जान फूंकी तो कांग्रेस के गिने चुने ही मैदान में हुंकार भरते नजर आए. ऐसे में जानते हैं कि इस चुनावी कैंपेन में बीजेपी और कांग्रेस ने किस रणनीति पर किया काम...

Lok Sabha Election 2024
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव प्रचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 17, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Apr 17, 2024, 10:31 PM IST

उत्तराखंड में लोकसभा चुनावी कैंपेन का गुणा भाग

देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी चकल्लस के साथ तमाम शोर थम गया है. पांचों लोकसभा सीटों पर पिछले एक महीने में बीजेपी और कांग्रेस के चुनावी प्रचार प्रसार का बिल्कुल विपरीत पैटर्न देखने को मिला. चुनाव प्रचार के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में बीजेपी ने अपने 40 स्टार प्रचारक उतारे थे, जिसमें से केवल 3 स्टार प्रचारक नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और हेमा मालिनी के दौरे नहीं हुए. जबकि, 37 स्टार प्रचारकों ने ताबड़तोड़ रैलियां की. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो गिने चुने स्टार प्रचारक ही मैदान में नजर आए. जिससे इस बार चुनाव प्रचार का अलग ही नजारा देखने को मिला.

राहुल गांधी नहीं आए देहरादून, बीजेपी ने बताया हार का डर: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव प्रचार में बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम आज काफी रिलैक्स नजर आए. क्योंकि, महीने भर से लगातार ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रमों के बाद आज उन्होंने राहत की सांस ली है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दुष्यंत गौतम ने निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से संगठन ग्रास रूट से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड में प्रचार में लगे हुए थे, निश्चित तौर से इससे कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील भी गढ़ गई है.

Lok Sabha Election Campaigns in Uttarakhand
पीएम मोदी की रैली (फोटो- X@pushkardhami)

बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी की जीत पहले से ही तय थी. अब उसका मार्जिन और ज्यादा बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं का उत्तराखंड न आना बताता है कि किस तरह से कांग्रेस हार से डरी हुई है. उन्हें उत्तराखंड आना व्यर्थ ही लगा, इसलिए वो नहीं आए.

कांग्रेस के इन नेताओं की रैलियां: वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो एक दर्जन से कम नेताओं के चुनावी कार्यक्रम हुए. जिसमें कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने हरिद्वार और हल्द्वानी में चुनावी दौरा किया. इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी देहरादून आए थे, लेकिन वो काफी पहले आए. कांग्रेस के अन्य नेताओं में सचिन पायलट ने हल्द्वानी, देहरादून में सुप्रिया श्रीनेत के अलावा कुमारी शैलजा, चयनिका उनियाल जैसे वो चेहरे हैं, जो लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में देखने को मिले.

Priyanka Gandhi Rally
रुड़की में प्रियंका गांधी की रैली (फोटो-X@priyankagandhi

कांग्रेस बोली- बीजेपी के दौरे हवाई, प्रत्याशी ही हमारे स्टार प्रचारक: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के अकाउंट सीज किए हुए हैं. पूरे चुनाव को बीजेपी पूरे धन बल के दम पर लड़ रही है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशी ही हमारे स्टार प्रचारक हैं. बीजेपी के हवाई दौरे के विपरीत कांग्रेस में जनता के बीच जाकर डोर टू डोर कैंपेन किया. इस बार लोगों ने परिवर्तन का मन बनाया है. बीजेपी के हवाई दौरों और बड़े कार्यक्रमों से जनता बिल्कुल भी प्रभावित होने वाली नहीं है.

Amity Shah Rally
अमित शाह की रैली (फोटो- X@AmitShah)

क्या कांग्रेस की थी ये सधी हुई रणनीति: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि जिस तरह से इस लोकसभा चुनाव में धारणा बनी है और जिस तरह से कांग्रेस के तमाम खाते सीज हैं. आर्थिक दृष्टि से कांग्रेस शुरू से ही बिल्कुल मजबूत नजर नहीं आ रही है. ऐसे में कांग्रेस की जरूरत थी कि वो अपने चुनाव प्रचार की रणनीति इस तरह से तैयार करें, जिसमें कम से कम खर्चा हो. भागीरथ शर्मा का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वीआईपी कैंपेन से ज्यादा फोकस डोर टू डोर कैंपेन पर रखा. वहीं, इसके उलट बीजेपी ने अपने धनबल को दिखाते हुए कई बड़े ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रम किए हैं.

Sachin Pilot Rally
हल्द्वानी में सचिन पायलट (फोटो- X@SachinPilot)

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसके बिल्कुल अलग रणनीति को अपनाते हुए अपने प्रत्याशियों को मैदान में मेहनत के लिए उतारा है. उन्होंने बताया कि ऐसी चुनावी रणनीति तब भी बनाई जाती है, जब वोटर साइलेंट होता है और उस समय विपक्षी पार्टी अपने कमजोर हालातों को सिम्पैथी के रूप में भी भुनाती है. कांग्रेस अभी आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है, यह जगजाहिर है. निश्चित तौर से इसे मतदाता भी समझ रहा है, लेकिन यदि प्रत्याशी सही मुद्दों पर बात करता है तो मतदाता का मन कहीं न कहीं बदलता है.

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देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी चकल्लस के साथ तमाम शोर थम गया है. पांचों लोकसभा सीटों पर पिछले एक महीने में बीजेपी और कांग्रेस के चुनावी प्रचार प्रसार का बिल्कुल विपरीत पैटर्न देखने को मिला. चुनाव प्रचार के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में बीजेपी ने अपने 40 स्टार प्रचारक उतारे थे, जिसमें से केवल 3 स्टार प्रचारक नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और हेमा मालिनी के दौरे नहीं हुए. जबकि, 37 स्टार प्रचारकों ने ताबड़तोड़ रैलियां की. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो गिने चुने स्टार प्रचारक ही मैदान में नजर आए. जिससे इस बार चुनाव प्रचार का अलग ही नजारा देखने को मिला.

राहुल गांधी नहीं आए देहरादून, बीजेपी ने बताया हार का डर: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव प्रचार में बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम आज काफी रिलैक्स नजर आए. क्योंकि, महीने भर से लगातार ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रमों के बाद आज उन्होंने राहत की सांस ली है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दुष्यंत गौतम ने निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से संगठन ग्रास रूट से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड में प्रचार में लगे हुए थे, निश्चित तौर से इससे कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील भी गढ़ गई है.

Lok Sabha Election Campaigns in Uttarakhand
पीएम मोदी की रैली (फोटो- X@pushkardhami)

बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी की जीत पहले से ही तय थी. अब उसका मार्जिन और ज्यादा बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं का उत्तराखंड न आना बताता है कि किस तरह से कांग्रेस हार से डरी हुई है. उन्हें उत्तराखंड आना व्यर्थ ही लगा, इसलिए वो नहीं आए.

कांग्रेस के इन नेताओं की रैलियां: वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो एक दर्जन से कम नेताओं के चुनावी कार्यक्रम हुए. जिसमें कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने हरिद्वार और हल्द्वानी में चुनावी दौरा किया. इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी देहरादून आए थे, लेकिन वो काफी पहले आए. कांग्रेस के अन्य नेताओं में सचिन पायलट ने हल्द्वानी, देहरादून में सुप्रिया श्रीनेत के अलावा कुमारी शैलजा, चयनिका उनियाल जैसे वो चेहरे हैं, जो लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में देखने को मिले.

Priyanka Gandhi Rally
रुड़की में प्रियंका गांधी की रैली (फोटो-X@priyankagandhi

कांग्रेस बोली- बीजेपी के दौरे हवाई, प्रत्याशी ही हमारे स्टार प्रचारक: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के अकाउंट सीज किए हुए हैं. पूरे चुनाव को बीजेपी पूरे धन बल के दम पर लड़ रही है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशी ही हमारे स्टार प्रचारक हैं. बीजेपी के हवाई दौरे के विपरीत कांग्रेस में जनता के बीच जाकर डोर टू डोर कैंपेन किया. इस बार लोगों ने परिवर्तन का मन बनाया है. बीजेपी के हवाई दौरों और बड़े कार्यक्रमों से जनता बिल्कुल भी प्रभावित होने वाली नहीं है.

Amity Shah Rally
अमित शाह की रैली (फोटो- X@AmitShah)

क्या कांग्रेस की थी ये सधी हुई रणनीति: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि जिस तरह से इस लोकसभा चुनाव में धारणा बनी है और जिस तरह से कांग्रेस के तमाम खाते सीज हैं. आर्थिक दृष्टि से कांग्रेस शुरू से ही बिल्कुल मजबूत नजर नहीं आ रही है. ऐसे में कांग्रेस की जरूरत थी कि वो अपने चुनाव प्रचार की रणनीति इस तरह से तैयार करें, जिसमें कम से कम खर्चा हो. भागीरथ शर्मा का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वीआईपी कैंपेन से ज्यादा फोकस डोर टू डोर कैंपेन पर रखा. वहीं, इसके उलट बीजेपी ने अपने धनबल को दिखाते हुए कई बड़े ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रम किए हैं.

Sachin Pilot Rally
हल्द्वानी में सचिन पायलट (फोटो- X@SachinPilot)

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसके बिल्कुल अलग रणनीति को अपनाते हुए अपने प्रत्याशियों को मैदान में मेहनत के लिए उतारा है. उन्होंने बताया कि ऐसी चुनावी रणनीति तब भी बनाई जाती है, जब वोटर साइलेंट होता है और उस समय विपक्षी पार्टी अपने कमजोर हालातों को सिम्पैथी के रूप में भी भुनाती है. कांग्रेस अभी आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है, यह जगजाहिर है. निश्चित तौर से इसे मतदाता भी समझ रहा है, लेकिन यदि प्रत्याशी सही मुद्दों पर बात करता है तो मतदाता का मन कहीं न कहीं बदलता है.

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Last Updated : Apr 17, 2024, 10:31 PM IST
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