पंचकूला: लोक सभा चुनाव के मद्देनजर हरियाणा में कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. लिहाजा राजनीतिक गलियारे में कई नामों की चर्चा हो रही है. अंबाला लोकसभा सीट के लिए भी कांग्रेस से दो नामों की चर्चा हो रही है. पहला नाम वरुण मुलाना का है तो दूसरा नाम रेणु बाला का है. इस बीच बीजेपी प्रत्याशी बंतो कटारिया का चुनाव प्रचार अभियान जोर शोर से चल रहा है.
बंतो कटारिया ने झोंकी ताकत: भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया लगातार चुनाव प्रचार में जुटी हैं. पूरे दमखम के साथ वह अंबाला लोकसभा सीट के सभी क्षेत्रों में जनसंपर्क सभाएं और रैली कर रही हैं. बंतो कटारिया को अंबाला लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं उनके पति दिवंगत रतनलाल कटारिया के जन-संपर्क एवं प्रभाव के अलावा सहानुभूति का लाभ मिलने का अनुमान भी लगाया जा रहा है. हालांकि यह भी देखना होगा कि भाजपा अपने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दस साल के शासन के दौरान विभिन्न कारणों से नाराज मतदाताओं को कितना साथ जोड़ पाती है.
फूल चंद मुलाना के बेटे हैं वरूण: राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कांग्रेस मुलाना से विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष फूल चंद मुलाना के बेटे वरूण मुलाना पर भरोसा कर सकती है. वरूण हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे से माने जाते हैं. फूल चंद मुलाना के राजनीतिक उत्तराधिकारी वरुण मुलाना युवा चेहरा हैं और लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क मजबूत करते देखे गए हैं.
रेणु बाला का भी नाम चर्चा में: भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया के सामने कांग्रेस की ओर से महिला प्रत्याशी को लाने की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा है. इसके अनुसार सढौरा से कांग्रेसी विधायक रेणु बाला के नाम पर विचार किया जा रही है. राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री कुमारी सैलजा भी अंबाला लोकसभा सीट पर रेणु बाला की पैरवी कर रही हैं.
विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस: अंबाला लोकसभा चुनाव के लिए मतदान और उसके नतीजे विधानसभा चुनावों के बिल्कुल विपरीत माने जाते हैं. लेकिन इस बार अंबाला लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र के मतदाता अहम भूमिका निभा सकते हैं. कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कांग्रेस के विधायक हैं. नतीजतन भाजपा पूरा प्रयास करेगी कि उन सभी क्षेत्रों जैसे- कालका, नारायणगढ़, सढौरा, मुलाना व अन्य क्षेत्रों के मतदाताओं को अपने दस साल के कार्यों और उपलब्धियों के आधार पर साथ जोड़ सके.
बीते 17 लोकसभा चुनाव: पिछले 17 लोकसभा चुनावों में से 9 में कांग्रेस ने जीत हासिल की है. जबकि 5 बार भाजपा विजयी रही है. अंबाला लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 9 सीटें (कालका, पंचकूला, नारायणगढ़, अंबाला कैंट, मुलाना-SC, साढौरा-SC, जगाधारी और यमुनानगर) आती हैं.
भाजपा-कांग्रेस के बीच रहा मुख्य मुकाबला: अंबाला (आरक्षित) लोकसभा सीट पर आज तक मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही देखा जाता रहा है. हालांकि यह सीट एक बार बीएसपी और दो बार जनता पार्टी के खाते में भी गई है. नतीजतन इस बार भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला माना जा रहा है.