कुचामनसिटी. राजस्थान के डीडवाना कुचामन जिले में आयोजित लोक अदालत में शनिवार को पति-पत्नी के अलगाव के मामलों का समझाइश के जरिए निस्तारण हुआ, साथ ही लोगों के लेन-देन से जुड़े कई विवाद भी राजीनामे और समझाइश के जरिए सुलझाए गए. खास बात ये रही कि जिन लोगों के आपसी विवाद लोक अदालत में निस्तारित हुए, उन्हें एडीजे सुंदर लाल खारोल और वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह ने माला पहनाकर उनके साथ राजीनामे में अहम भूमिका निभाने वाले अधिवक्ताओं का भी सम्मान किया.
गौरतलब है कि डीडवाना कुचामन के जिला अदालत परिसर में शनिवार को इस साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. इसमें बरसों पुराने प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे से किया गया. सरकार को भी करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. लोक अदालत के दौरान न्यायालय परिसर में नजारा ऐसा था कि यहां 'न कोई जीता न कोई हारा, फिर भी हर चेहरे पर खुशी' नजर आ रही थी. लोक अदालत ने पीड़ितों को बड़ी राहत दी. कइयों की जिंदगी बदल दी तो कई की स्याह जिंदगी में खुशियों और शांति के रंग भर दिए. सालों से कोर्ट में चल रहे मामले कुछ पलों में निपट गए.
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लोक अदालत में आते वक्त चेहरे पर तनाव व हताशा के भाव थे तो लौटते वक्त यही चेहरे खुशी से सरोबार नजर आए. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशन एवं तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष सुंदर लाल खारोल के आदेशानुसार ऑनलाइन और ऑफ लाइन राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. समिति अध्यक्ष और अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल और वरिष्ठ सिविल न्यायधीश ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि लोक अदालत में प्रि. लिटिगेशन, पोस्ट लिटिगेशन एवं राजस्व के प्रकरणों को चिह्नित कर समझाइश के प्रयास किए गए और मामलों का निस्तारण किया गया.
लोक अदालत ने जोड़ा 6 साल से टूटा रिश्ता : कुचामन के रहने वाले एक विवाहित जोड़े में पिछले 6 सालों से मनमुटाव चल रहा था. पति-पत्नी अलग-अलग रह रहे थे. कोर्ट में उनका प्रकरण चल रहा था. लोक अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों ने जोड़े की काउंसलिंग कराई और समझाइश की. इसके बाद विवाहित जोड़ा एक साथ रहने के लिए राजी हो गया. दोनों ने एक-दूसरे को कोर्ट में माला पहनाई और मिठाई खिलाई.