सराज: हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ राज्य है. मंडी जिले का सराज भी अपनी खूबसूरत वादियों और बर्फ से लदे पहाड़ों के लिए जाना जाता है. यूं तो प्रकृति ने सराज को किसी भी चीज की कमी नहीं रखी है, लेकिन उस प्राकृतिक सौंदर्य को लोगों तक पहुंचाने का कार्य पंचायत, स्थानीय प्रशासन और सरकार का होता है. सराज में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में स्थानीय प्रशासन या सरकार पिछड़ी हुई नजर आ रही है. वहीं, अब ये काम स्थानीय युवकों ने अपने जिम्मे ले लिया है. सराज को पर्यटन की दृष्टि से विकसित बनाने के लिए स्थानीय युवाओं द्वारा बर्फीली पहाड़ियों के बीच ट्यूब राइडिंग का सहारा लिया जा रहा है.
अपने खर्चे से शुरू की ट्यूब राइडिंग: सराज विधानसभा क्षेत्र के भाटकीधार पंचायत में इन ट्यूब राइडिंग का रोमांच चरम पर है. फिलहाल स्थानीय बच्चे और स्थानीय लोग ही इस राइडिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. सराज में शीतकालीन सत्र होने के चलते इन दिनों स्कूलों में छुट्टियां हैं. जिसके चलते यहां के स्थानीय बच्चे सुबह-शाम ट्यूब राइडिंग करते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि लोगों के सहयोग से उन्होंने खराब टायर की ट्यूब इस्तेमाल में लाई हैं, जिससे वह बर्फ में सब ट्यूब राइडिंग कर रहे हैं.
बर्फबारी के बाद शुरू की ट्यूब राइडिंग: बता दें कि सराज घाटी में युवाओं ने हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद ट्यूब राइडिंग शुरू की है. इसके लिए उन्होंने पदेंहल में एक 500 मीटर लंबा रैंप बनाया है. सराज घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये रैंप बनाया गया है. स्थानीय युवाओं द्वारा यहां पर सोलंगनाला और मनाली की तर्ज पर रैंप बनाए गए हैं. जिससे आसानी से ट्यूब राइडिंग हो सके. भाटकीधार समुद्रतल से 7400 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां का तापमान माइनस में है. जहां पर कई दिनों तक बर्फ जमी रहती है. जिसको देखते हुए इन युवाओं को यहां पर ट्यूब राइडिंग का अनोखा तरीका सूझा है.
पर्यटन की दृष्टि अभी पिछड़ा है क्षेत्र: सराज प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सराज विधानसभा क्षेत्र से ही हैं, लेकिन फिर भी सराज पर्यटन के लिहाज से डेवलप नहीं हो पाया है. स्थानीय युवा मुरारी ठाकुर का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से सराज अभी विकसित नहीं हो पाया है. आज भी पर्यटक सराज घाटी के बारे में नहीं जानते हैं. अगर इस क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से मूलभूत सुविधाएं मिलती है तो सैलानी कुल्लू मनाली की तरह सराज घाटी का भी रुख कर सकते हैं. जिससे यहां के युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और वह अपने क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त कर सकेंगे.
मिडल बेलेट में एडवेंचर टूरिज्म की आपार संभावनाएं: स्थानीय युवा मुरारी लाल ठाकुर, चित्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मिडल सराज में कमेड़ाधार, गरहलसह, बगंड्ढीगलु, नदेहल-पैंनदेहल, सरसनी, पांडव चूल्हा और देवकांढा सहित ऐसे कई अनछुए स्थल है. जहां विंटर स्पोर्ट्स स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग और ट्रैकिंग की अपार संभावनाएं है. मुरारी लाल ठाकुर ने कहा कि अपने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं. कुछ युवाओं ने मिलकर पिछले 4 साल पहले यहां इग्लू का निर्माण भी किया था, लेकिन सरकार से सहयोग न मिलने के कारण उसका कोई फायदा नहीं हुआ.
सराज में ट्यूब राइडिंग किराया: स्थानीय युवाओं का कहना है कि अन्य पर्यटन स्थलों जैसे हामटा में ट्यूब राइडिंग, स्केटिंग करने के लिए पैसे देने होते हैं. मंडी जिले के सराज में स्थानीय युवाओं द्वारा तैयार किए गए इन ट्यूब राइडिंग का किराया अभी तय नहीं किया गया है. युवाओं के अनुसार उन्होंने क्षेत्र को पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसे तैयार किया है.
मनाली-सोलंगनाला में देखा था ट्यूब राइडिंग: इग्लू निर्माता और इस प्रोजेक्ट को धरातल में लाने वाले मुरारी लाल ठाकुर ने बताया कि उन्होंने ट्यूब राइडिंग पर्यटन नगरी मनाली और सोलंगनाला में देखी थी. जहां केवल मात्र 80 से 100 मीटर की दूरी के लिए ₹300 फीस ली जाती थी. उन्होंने कहा कि हमारे पास 400 से 500 मीटर का रैंप है. जिसमें पर्यटक को ज्यादा आनंद आएगा. स्थानीय युवाओं ने सरकार से आग्रह किया है कि बर्फ से जुड़ी खेलों का आयोजन सराज घाटी में भी करवाया जाए, ताकि यहां के पर्यटन को भी नए पंख मिल सकें.
एसडीएम थुनाग ललित पोसवाल ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. स्थानीय युवाओं की इस पहल के लिए युवा बधाई के पात्र हैं. प्रशासन और सरकार इस क्षेत्र को अधिक विकसित करने का प्रयास करेगी, ताकि सराज की इस मिडल बैलेट में विंटर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिले और पर्यटकों को भी एक नया अनुभव मिल सके.
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