जयपुर. गुजरात निवासी तेजस उपेंद्र ने इस दुनिया को अलविदा कहने के बाद 3 मरीजों को नया जीवन दिया. शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में ब्रेनडेड होने के बाद उनका अंगों का ट्रांसप्लांट किया गया. अंगों में एक किडनी और लिवर यहां एसएमएस मेडिकल कॉलेज की हिपेटोलॉजी और रीनल साइंस विभाग ने दो अलग-अलग मरीजों में किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट किया.
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने शनिवार को बताया कि पिछले दो महीने से ट्रांसप्लांट से जुड़ी गतिविधि नहीं हो सकी, लेकिन अभी राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह द्वारा गठित की गई नई कमेटी के बाद अब वापस से एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ट्रांसप्लांट प्रोग्राम शुरू हो गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को दो मरीजों को ब्रेनडेड व्यक्ति के अंग प्रत्यारोपित किए गए.
12 घंटे चली ट्रांसप्लांट प्रक्रिया : लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले सीनियर हेपेटोबिलरी सर्जन डॉ. दिनेश भारती ने बताया कि ब्रेनडेड व्यक्ति का लिवर 44 वर्षीय महिला को लगाया गया है. एक निजी अस्पताल में व्यक्ति के ब्रेनडेड होने के बाद सोटो के पदाधिकारियों ने उसके परिजनों की काउंसिलिंग की. परिजनों से अंग दान की सहमति प्राप्त होने के बाद शुक्रवार शाम 5 बजे से व्यक्ति के अंगों को रिट्रीव करने की प्रक्रिया चली. रात 8:15 बजे अंग एसएमएस में पहुंचे और शनिवार सुबह 6:30 बजे तक लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी हुई.
कोटा निवासी 32 वर्षीय पुरुष को लगी किडनी : किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले यूरोलॉजी डिपार्टमेंट एचओडी डॉ. नचिकेत व्यास ने बताया कि किडनी कोटा निवासी एक 32 वर्षीय पुरुष को लगाई गई है जो काफी समय से किडनी फेलियर की समस्या से जूझ रहा था. ट्रांसप्लांट के बाद किडनी अच्छे से काम कर रही है और घंटे में 600 एमएल तक यूरीन बना रही है.