अजमेर : अजमेर की अनुसूचित जाति जनजाति की विशेष कोर्ट ने केंद्रीय कारागार में कत्ल के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी जेल में सजायाफ्ता था. उसने जेल में ही एक अन्य कैदी की हत्या की थी. कोर्ट ने आरोपी को 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है. वहीं, फैसले के बाद आरोपी ने कोर्ट में मौजूद रीडर और अन्य कार्मिकों से बदसलूकी की, जहां मौजूद चालानी गार्डों ने उसे काबू में किया. वशिष्ट लोक अभियोजक मंजूर अली ने बताया कि 18 अप्रैल, 2018 की रात को कोटा के कनवास क्षेत्र का निवासी अनवर ने अजमेर के केंद्रीय कारागार में बैरक में साथ रह रहे बूंदी के केशवरायपाटन निवासी पन्नालाल मीणा की नुकीली चम्मच से हत्या कर दी थी.
दरअसल, अनवर और पन्नालाल मीणा की आपस में जेल पहले कहासुनी हो गई थी, जिसको लेकर अनवर ने मन में रंजिश पाल रखी थी. ऐसे में अनवर ने पन्नालाल की हत्या की योजना बनाई. उसके लिए उसने चम्मच को नुकीला किया. रात को बैरक में सभी कैदी सो रहे थे. उसी दौरान रात 3 बजे के करीब अनवर ने नुकीली चम्मच को सोते पन्नालाल मीणा के सीने में घोंप दिया.
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वहीं, नुकीली चम्मच के फेफड़े में लगने से कैदी लहूलुहान हो गया. पन्नालाल के चिल्लाने पर अन्य कैदी जग गए और उन्होंने अनवर को काबू करने की कोशिश की, लेकिन वो काबू में नहीं आया और उसने पन्नालाल के सीने पर कई वार किए. बैरिक में हंगामा होते देख चालानी गार्ड मौके पर गए और अनवर को काबू में किया. जेल कार्मिक जख्मी कैदी पन्नालाल मीणा को जेएलएन अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अधिक खून बह जाने के कारण पन्नालाल की मौत हुई थी. आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में हत्या की धारा में मामला दर्ज किया गया था.
विशिष्ट लोक अभियोजक मंसूर अली ने बताया कि आरोपी अनवर को मर्डर केस में रामगंज मंडी की एडीजे कोर्ट ने 1998 में सजा सुनाई थी. सजा के बाद उसे अजमेर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. वहीं, बूंदी के केशोरायपाटन क्षेत्र निवासी पन्नालाल मीणा भी एक मर्डर केस में अजमेर जेल में सजा काट रहा था. दोनों वार्ड नंबर 60 बैरिक नंबर 1 में रह रहे थे, जहां अनवर ने उसकी हत्या कर दी.
24 गवाह और 41 दस्तावेज किए पेश : विशिष्ट लोक अभियोजक मंसूर अली ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 24 गवाह और 41 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किए गए थे. एसटी एससी कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट रेणु श्रीवास्तव ने प्रकरण की सुनवाई की. उन्होंने आरोपी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उसे 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया.